अमेरिका विश्व स्वास्थ्य संगठन पर लगातार कोविड-19 को लेकर चीन का पक्ष लेने का आरोप लगाता रहा है. यह वैश्विक महामारी पिछले साल चीन के वुहान शहर से ही शुरू हुई थी. डब्ल्यूएचओ ने इन आरोपों को ख़ारिज किया है.
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वाशिंगटन: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन ने दुनिया भर में कोरोना वायरस संक्रमण के प्रसार के बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन के साथ अपने देश के सभी संबंध खत्म करने की आधिकारिक तौर पर संयुक्त राष्ट्र को जानकारी दे दी है. अधिकारियों ने इसकी जानकारी दी.
अमेरिका डब्ल्यूएचओ पर लगातार कोविड-19 को लेकर चीन का पक्ष लेने का आरोप लगाता रहा है. यह वैश्विक महामारी पिछले साल चीन के वुहान शहर से ही शुरू हुई थी.
अमेरिका ने आरोप लगाया है कि स्वास्थ्य संगठन के विश्व को गुमराह करने के कारण इस वायरस से दुनिया भर में पांच लाख से अधिक लोगों की जान जा चुकी है, जिनमें से 1,30,000 से अधिक लोग तो अमेरिका के ही हैं.
ट्रंप प्रशासन के संबंधों की समीक्षा शुरू करने के बाद अमेरिका ने अप्रैल में ही डब्ल्यूएचओ को कोष देना बंद कर दिया था. इसके एक महीने बाद ट्रंप ने विश्व स्वास्थ्य संगठन के साथ संबंध समाप्त करने की घोषणा की थी.
अमेरिका डब्ल्यूएचओ को सबसे अधिक कोष, 45 करोड़ डॉलर से अधिक प्रति वर्ष देता है जबकि चीन का योगदान अमेरिका के योगदान के दसवें हिस्से के बराबर है.
संयुक्त राष्ट्र महासचिव के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने एक बयान में कहा, ‘मैं कह सकता हूं कि छह जुलाई 2020 को अमेरिका ने महासचिव को विश्च स्वास्थ्य संगठन से हटने की आधिकारिक जानकारी दे दी, जो छह जुलाई 2021 से प्रभावी होगा.’
दुजारिक ने कहा कि महासचिव डब्ल्यूएचओ के साथ इस बात की पुष्टि कर रहे हैं कि संगठन से हटने की सभी प्रक्रियाएं पूरी की गईं की नहीं. अमेरिका 21 जून 1948 से डब्ल्यूएचओ संविधान का पक्षकार है.
हालांकि अमेरिका के विपक्षी नेताओं ने ट्रंप के इस फैसला का विरोध किया है. यूएस हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव्स की स्पीकर नैंसी पेलोसी ने कहा कि जब डब्ल्यूएचओ वैश्विक महामारी से लड़ने में कोऑर्डिनेट कर रहा है, ऐसे में ट्रंप प्रशासन द्वारा इस तरह का निर्णय लेना बेवकूफी है.
The President’s official withdrawal of the U.S. from the World Health Organization is an act of true senselessness as @WHO coordinates the global fight against COVID-19. With millions of lives at risk, the President is crippling the international effort to defeat the virus.
— Nancy Pelosi (@SpeakerPelosi) July 7, 2020
उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘लाखों लोगों के जीवन को जोखिम में डालकर राष्ट्रपति वायरस को हराने में अंतरराष्ट्रीय प्रयास को कमजोर कर रहे हैं.’
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक अब तक दुनियाभर में 1.2 करोड़ से ज्यादा कोरोना वायरस के मामले सामने आए हैं और 5.40 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है.
हालांकि यदि नवंबर में होने वाले चुनाव में ट्रंप हार जाते हैं तो उनका ये फैसला उनके प्रतिद्वंदियों द्वारा पलटा जा सकता है. डब्ल्यूएचओ ने ट्रंप द्वारा लगाए गए आरोपों को खारिज किया है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)