बीते एक जुलाई को तमिलनाडु के नेवेली स्थित एनएलसी इंडिया के थर्मल संयंत्र -2 की पांचवीं इकाई में परिचालन शुरू करने की प्रक्रिया में विस्फोट हुआ था, जिसमें छह श्रमिकों की मौके पर मौत हो गई थी और 17 लोग घायल हो गए थे.
नई दिल्ली: तमिलनाडु के नेवेली स्थित एनएलसी इंडिया के एक बॉयलर में हुए विस्फोट से मरने वालों की संख्या बढ़कर 13 हो गई है. कंपनी के एक अधिकारी ने बुधवार को इसकी जानकारी दी.
अधिकारी ने कहा कि सात लोगों का इलाज चल रहा है और तीन लोगों को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है.
अधिकारी ने कहा, ‘अभी भी सात में से एक की हालत गंभीर है, तीन की हालत ठीक है और तीन की हालत स्थिर है.’
उन्होंने कहा कि प्रत्येक मृतक को कम से कम 30 लाख रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की गई है और मृतक के परिवार के एक योग्य सदस्य को नियमित रोजगार भी प्रदान किया जाएगा.
बता दें कि भारत सरकार की नवरत्न कंपनी एनएलसी इंडिया के थर्मल संयंत्र -2 की पांचवीं इकाई में एक जुलाई को यह हादसा तब हुआ था, जब श्रमिक परिचालन शुरू करने की प्रक्रिया में थे. विस्फोट के कारण छह लोगों की मौके पर ही मौत हो गई थी, जबकि 17 अन्य घायल हो गए थे.
एनएलसी इंडिया के निदेशक (पावर) को संयंत्र में बॉयलर के विस्फोट की जांच को अंतिम रूप दिए जाने तक तुरंत छुट्टी पर जाने के लिए कहा गया है.
अधिकारी ने कहा कि दो अधिकारियों, एक डिप्टी जनरल मैनेजर और कंपनी के अतिरिक्त डिप्टी जनरल मैनेजर को निलंबित कर दिया गया है.
इस संयंत्र में इस तरह का यह दूसरा हादसा था. इससे पहले 7 मई को इसी प्लांट में इसी तरह की एक घटना में दो श्रमिकों की मौत हो गई थी जबकि आठ अन्य घायल हो गए थे.
यह कंपनी 3,940 मेगावॉट बिजली पैदा करती हैं. जिस संयंत्र में एक जुलाई को विस्फोट हुआ था वहां 1,470 मेगावॉट बिजली उत्तन्न होती है. कंपनी में तकरीबन 27 हजार कर्मचारी है, जिनमें से 15 हजार ठेके पर रखे गए हैं.
बता दें कि लॉकडाउन के बाद पुन: संयंत्रों को शुरू करने के दौरान इस तरह के हादसों की खबरें आ रही हैं. इस महीने की शुरुआत में गुजरात के भरूच जिले के दाहेज स्थित एक रसायन फैक्ट्री में विस्फोट से करीब आठ लोगों की मौत हो गई थी.
बीते 30 जून को आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम शहर के परवादा इलाके में दवा बनाने वाली ‘सेनर लाइफ साइसेंज’ नाम की कंपनी में बेंजीन (बेंजीमीडाजोल) गैस का रिसाव होने से दो लोगों की मौत हो गई थी और चार अन्य लोग बीमार हो गए थे.
बीते 28 जून को आंध्र प्रदेश के कुरनूल जिले के नंदयाल के पास स्थित एसपीआई एग्रो इंडस्ट्रीज लिमिटेड नाम के फर्टिलाइजर प्लांट में अमोनिया गैस के रिसाव से एक व्यक्ति की मौत हो गई थी.
इससे पहले आंध्र प्रदेश में ही विशाखापट्टनम शहर के पास आरआर वेंकटपुरम गांव स्थित एलजी पॉलीमर्स संयंत्र में सात मई को हुए जहरीली स्टाइरीन गैस रिसाव से करीब 11 लोगों की मौत हो गई थी. इस हादसे में करीब 1000 हज़ार लोग प्रभावित हुए थे और आसपास के दो से तीन गांवों को खाली करा दिया गया था.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)