यूपी: लखनऊ में क़रीब 50 सीएए विरोधी प्रदर्शनकारियों पर लगाया गया गैंगस्टर एक्ट

लखनऊ पुलिस की संयुक्त आयुक्त ने बताया कि सीएए विरोधी प्रदर्शनों के दौरान आगज़नी और तोड़फोड़ करने वाले लोगों के ख़िलाफ़ गैंगस्टर एक्ट लागू करने के निर्देश पुलिस थानों को दिए गए हैं.

Lucknow: A policeman at Madeyganj police outpost where five motorcycles were set ablaze, in Lucknow, Thursday, Dec. 19, 2019. (PTI Photo/Nand Kumar) (PTI12_19_2019_000165B)

लखनऊ पुलिस की संयुक्त आयुक्त ने बताया कि सीएए विरोधी प्रदर्शनों के दौरान आगज़नी और तोड़फोड़ करने वाले लोगों के ख़िलाफ़ गैंगस्टर एक्ट लागू करने के निर्देश पुलिस थानों को दिए गए हैं.

Lucknow: Police personnel deployed outside the historic Tiley Wali Masjid ahead of Friday prayers in view of protests against CAA and NRC, in Lucknow, Friday, Dec. 27, 2019. (PTI Photo/Nand Kumar)(PTI12_27_2019_000100B)
(फोटो: पीटीआई)

लखनऊ: पिछले साल दिसंबर में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में हुए प्रदर्शनों के दौरान लखनऊ में हुई कथित हिंसा के मामले में आरोपी बनाए गए कम से कम 50 लोगों पर गैंगस्टर एक्ट की धाराएं भी लगाई गई हैं. इनमें से 10 लोगों को दोबारा गिरफ्तार किया जा चुका है.

लखनऊ पुलिस की संयुक्त आयुक्त नीलाब्जा चौधरी ने कहा कि सीएए विरोधी हिंसा के संबंध में गंभीर आरोपों का सामना कर रहे लोगों पर गैंगस्टर एक्ट लगाया गया है.

उन्होंने कहा, ‘हमने पुलिस थानों को आगजनी और तोड़फोड़ करने वाले लोगों के खिलाफ इस को एक्ट लागू करने के निर्देश दिए हैं.’

ठाकुरगंज, कैसरबाग और हसनगंज पुलिस थानों में दर्ज मामलों में गैंगस्टर एक्ट लगाया गया है. पिछले तीन हफ्तों में इस अधिनियम को अलग-अलग समय में लागू किया गया था.

ठाकुरगंज में कम से कम 25 लोग इस एक्ट के तहत आरोपी बनाए गए हैं. वहीं, कैसरबाग और हसनगंज में 15-15 लोग इस एक्ट के तहत आरोपी बनाए गए.

बता दें कि बीते 18 जून को ठाकुरगंज में गैंगस्टर एक्ट के तहत गिरफ्तार छह आरोपियों को एक विशेष अदालत नेन्यायिक रिमांड पर भेज दिया था.

विशेष न्यायाधीश मयंक त्रिपाठी ने मोहसिन, असलम, अयाज, सलमान, मुल्लू उर्फ वारिस और रेहान नामक आरोपियों को आगामी चार अगस्त तक न्यायिक रिमांड पर भेजने के निर्देश दिए थे.

इन आरोपियों को 18 जून को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये अदालत में पेश किया गया था. इन लोगों को 21 अन्य आरोपियों के साथ ठाकुरगंज थाने की पुलिस ने गिरफ्तार किया था. रिमांड पर दिए गए अभियुक्तों को छोड़कर बाकी आरोपी जमानत पर हैं.

इसके अलावा लखनऊ जिला प्रशासन ने नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ पिछले साल दिसंबर में हुए हिंसक प्रदर्शनों के दौरान सार्वजनिक संपत्ति को पहुंचे नुकसान की भरपाई के लिए आरोपियों की संपत्ति कुर्क करने की प्रक्रिया भी बीते एक जुलाई को शुरू कर दी है.

सदर तहसीलदार ने बताया था कि सीएए विरोधी प्रदर्शनों के मामले में लखनऊ के चार थानों में दर्ज मामलों के सिलसिले में 54 लोगों के ख़िलाफ़ वसूली का नोटिस जारी किया था. उनमें से हसनगंज इलाके में दो संपत्तियां मंगलवार को कुर्क कर ली गई.

इनमें करीब 57 लोगों में शामिल हैं, जो लखनऊ में सार्वजनिक संपत्ति के नुकसान के आरोपी हैं और इन सभी से 1.55 करोड़ के नुकसान की भरपाई करने के लिए कहा गया है, जिसमें असफल होने पर उनकी संपत्तियां जब्त कर ली जाएंगी.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)