बीते एक जुलाई को तमिलनाडु के नेवेली स्थित एनएलसी इंडिया के थर्मल संयंत्र-2 में हुए विस्फोट में 13 कामगारों की मौत हुई थी और दस घायल हुए थे. एनजीटी का कहना है कि संपूर्ण जवाबदेही के सिद्धांत के तहत औद्योगिक इकाई को अंतरिम मुआवज़ा देना होगा.
नई दिल्ली: राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने तमिलनाडु के नेवेली लिग्नाइट बिजली घर के बॉयलर में हुए विस्फोट के सिलसिले में एनएलसी इंडिया लिमिटेड पर पांच करोड़ रुपये का अंतरिम जुर्माना लगाया है.
गौरतलब है कि एक जुलाई को हुए इस हादसे में 13 कामगारों की मौत हो गई थी जबकि 10 अन्य घायल हो गए थे.
अधिकरण के प्रमुख जस्टिस आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि दुर्घटना के तथ्यों का स्वतंत्र सत्यापन आवश्यक है और सम्पूर्ण जवाबदेही के सिद्धांत के तहत औद्योगिक इकाई को अंतरिम मुआवजा देना होगा.
बुधवार को एक आदेश में अधिकरण ने कहा कि अंतिम आकलन होने तक प्रत्येक मृतक के परिजन को 30-30 लाख रुपये की अंतरिम अनुग्रह राशि दी जाएगी.
पीठ ने कहा, ‘मृतकों के परिजन को अनुग्रह राशि देने के अलावा घायलों को भी सहायता राशि दी जानी है. हमने तय किया है कि घायलों में से सात लोग, जो करीब एक सप्ताह से अस्पताल में हैं, उनमें से प्रत्येक को पांच-पांच लाख रुपये दिए जाएं.’
अधिकरण ने कहा कि जिन लोगों को अस्पताल से छुट्टी मिल गई है उन्हें एक -एक लाख रुपये की सहायता राशि मिलेगी.
पीठ ने कहा, ‘औद्योगिक इकाई पांच करोड़ रुपये की राशि कुड्डालोर के जिलाधिकारी के पास दो सप्ताह के भीतर जमा कराए ताकि अनुग्रह राशि दी जा सके.’
बता दें कि भारत सरकार की नवरत्न कंपनी एनएलसी इंडिया के थर्मल संयंत्र -2 की पांचवीं इकाई में एक जुलाई को यह हादसा तब हुआ था, जब श्रमिक परिचालन शुरू करने की प्रक्रिया में थे.
विस्फोट के कारण छह लोगों की मौके पर ही मौत हो गई थी, जबकि 17 अन्य घायल हो गए थे.
एनएलसी इंडिया के निदेशक (पावर) को संयंत्र में बॉयलर के विस्फोट की जांच को अंतिम रूप दिए जाने तक तुरंत छुट्टी पर जाने के लिए कहा गया है.
अधिकारी ने कहा कि दो अधिकारियों, एक डिप्टी जनरल मैनेजर और कंपनी के अतिरिक्त डिप्टी जनरल मैनेजर को निलंबित कर दिया गया है.
इस संयंत्र में इस तरह का यह दूसरा हादसा था. इससे पहले 7 मई को इसी प्लांट में इऐसी ही एक घटना में दो श्रमिकों की मौत हो गई थी जबकि आठ अन्य घायल हो गए थे.
यह कंपनी 3,940 मेगावॉट बिजली पैदा करती हैं. जिस संयंत्र में एक जुलाई को विस्फोट हुआ था वहां 1,470 मेगावॉट बिजली उत्पन्न होती है. कंपनी में तकरीबन 27 हजार कर्मचारी है, जिनमें से 15 हजार ठेके पर रखे गए हैं.
बता दें कि लॉकडाउन के बाद पुन: संयंत्रों को शुरू करने के दौरान इस तरह के हादसों की खबरें आ रही हैं. जून महीने की शुरुआत में गुजरात के भरूच जिले के दाहेज स्थित एक रसायन फैक्ट्री में विस्फोट से करीब आठ लोगों की मौत हो गई थी.
बीते 30 जून को आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम शहर के परवादा इलाके में दवा बनाने वाली ‘सेनर लाइफ साइसेंज’ नाम की कंपनी में बेंजीन (बेंजीमीडाजोल) गैस का रिसाव होने से दो लोगों की मौत हो गई थी और चार अन्य लोग बीमार हो गए थे.
बीते 28 जून को आंध्र प्रदेश के कुरनूल जिले के नंदयाल के पास स्थित एसपीआई एग्रो इंडस्ट्रीज लिमिटेड नाम के फर्टिलाइजर प्लांट में अमोनिया गैस के रिसाव से एक व्यक्ति की मौत हो गई थी.
इससे पहले आंध्र प्रदेश में ही विशाखापट्टनम शहर के पास आरआर वेंकटपुरम गांव स्थित एलजी पॉलीमर्स संयंत्र में सात मई को हुए जहरीली स्टाइरीन गैस रिसाव से करीब 11 लोगों की मौत हो गई थी.
इस हादसे में करीब 1000 हज़ार लोग प्रभावित हुए थे और आसपास के दो से तीन गांवों को खाली करा दिया गया था.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)