कोरोना संक्रमित पत्रकार की मौत के पीछे कोई ग़लत नीयत नहीं: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री

कोरोना संक्रमित पत्रकार तरुण सिसोदिया की दिल्ली के एम्स में छह जुलाई को मौत हो गई थी, अस्पताल प्रशासन का दावा था उन्होंने चौथी मंज़िल से छलांग लगा ली थी जिससे उनकी मौत हो गई. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने एम्स और जय प्रकाश नारायण एपेक्स ट्रॉमा सेंटर के प्रशासन में आवश्यक बदलाव के लिए एक विशेषज्ञ समिति गठित करने का भी निर्देश दिया है.

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पत्रकार तरुण सिसोदिया. (फोटो साभार: फेसबुक)

कोरोना संक्रमित पत्रकार तरुण सिसोदिया की दिल्ली के एम्स में छह जुलाई को मौत हो गई थी, अस्पताल प्रशासन का दावा था उन्होंने चौथी मंज़िल से छलांग लगा ली थी जिससे उनकी मौत हो गई. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने एम्स और जय प्रकाश नारायण एपेक्स ट्रॉमा सेंटर के प्रशासन में आवश्यक बदलाव के लिए एक विशेषज्ञ समिति गठित करने का भी निर्देश दिया है.

पत्रकार तरुण सिसोदिया. (फोटो साभार: फेसबुक)
पत्रकार तरुण सिसोदिया. (फोटो साभार: फेसबुक)

नई दिल्ली: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने बीते शुक्रवार को कहा कि कोविड-19 संक्रमित एक पत्रकार द्वारा कथित तौर पर की गई आत्महत्या के मामले में एम्स द्वारा की गई जांच में पत्रकार की मौत के पीछे किसी गलत नीयत के होने का प्रमाण नहीं मिला है और न उसके इलाज की प्रक्रिया में कोई गड़बड़ी पाई गई है.

हर्षवर्धन ने अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर के चिकित्सा अधीक्षक को तत्काल बदलने का आदेश दिया है.

मंत्री ने एम्स और जय प्रकाश नारायण एपेक्स ट्रॉमा सेंटर के प्रशासन में आवश्यक बदलाव के लिए एक विशेषज्ञ समिति गठित करने का भी निर्देश दिया है.

उन्होंने एक ट्वीट में कहा कि समिति 27 जुलाई तक अपने सुझाव सौंपेगी.

तरुण सिसोदिया नामक 37 वर्षीय पत्रकार का दिल्ली स्थित एम्स के ट्रॉमा सेंटर में कोविड-19 का इलाज चल रहा था.

सिसोदिया की छह जुलाई को मौत हो गई थी, अस्पताल प्रशासन का दावा था उन्होंने चौथी मंजिल से छलांग लगा ली थी जिससे उसकी मौत हो गई.

तरुण दिल्ली में हिंदी अखबार दैनिक भास्कर में बतौर हेल्थ रिपोर्टर कार्यरत थे. उनकी मौत की सूचना मिलने पर दिल्ली के तमाम पत्रकारों ने उनकी मौत को आत्महत्या मानने से इनकार कर दिया था. इसे लेकर सोशल मीडिया पर बहस शुरू हो गई और लोग तरुण को लेकर अनुभव लिखने लगे. कुछ लोग मौत की जांच की मांग भी करने लगे थे.

इसके बाद छह जुलाई की शाम को ही केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने एक ट्वीट कर मामले की जांच के लिए चार सदस्यीय कमेटी का गठन करने की घोषणा की थी.

बीते सात जुलाई को दिल्ली के पत्रकारों ने प्रेस क्लब में इकट्ठा होकर लॉकडाउन के दिशानिर्देशों का पालन करते हुए सांकेतिक विरोध जताया और मामले की स्वतंत्र एवं निष्पक्ष न्यायिक जांच की मांग की थी.

इस दौरान पत्रकारों ने एम्स द्वारा जारी आधिकारिक बयान में उनकी आत्महत्या की कहानी पर सवाल उठाए थे.

बहरहाल शुक्रवार को ट्वीट की एक श्रृंखला में हर्षवर्धन ने कहा कि चार सदस्यीय जांच समिति ने शुक्रवार को अपनी रिपोर्ट सौंपी.

उन्होंने ट्वीट किया, ‘समिति को सिसोदिया की मौत के संबंध में किसी गलत नीयत का पता नहीं चला है. समिति को कोविड-19 के इलाज के प्रोटोकॉल में किसी प्रकार की खामी भी नहीं मिली है.’

एक ट्वीट में उन्होंने कहा है, ‘विशेषज्ञों की एक समिति का गठन कर एम्स और जय प्रकाश नारायण ट्रॉमा सेंटर में प्रशासकीय बदलाव की सलाह देने का निर्देश दिया गया है. समिति को 27 जुलाई को इस संबंध में सिफारिशों की रिपोर्ट मुझे सौंपनी होगी.’

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)