मामला तिरुवनंतपुरम के पुन्थुरा इलाके का है. इलाके में कोविड-19 के मामले बढ़ने के बाद प्रशासन ने उसको कंटेनमेंट जोन घोषित कर दिया था. स्थानीय निवासियों का आरोप है कि स्वास्थ्यकर्मी कोरोना वायरस परीक्षण के लिए नमूना लेने के बाद बिना रिपोर्ट आए लोगों को क्वारंटीन सेंटर ले जा रहे थे.
तिरुवनंतपुरम: केरल के तिरुवनंतपुरम के कोरोना वायरस कंटेनमेंट जोन में ड्यूटी पर तैनात 25 वर्षीय एक महिला डॉक्टर और उनकी टीम पर शुक्रवार को लोगों ने हमला कर दिया. उन्हें गालियां देते हुए उनके ऊपर खांसा गया.
एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, महिला डॉक्टर ने 10 दिन पहले ही प्रैक्टिस शुरू की थी. इस घटना के बाद डॉक्टर, उनकी टीम और ड्राइवर को क्वारंटीन कर दिया गया है.
महिला डॉक्टर अपनी टीम के साथ शुक्रवार को कार से कोविड-19 के कंटेनमेंट जोन पहुंची थीं. अपनी ड्यूटी करने से पहले मेडिकल टीम कार के अंदर ही पीपीई किट पहन रही थी, इसी दौरान करीब 50 की संख्या में लोगों ने कार को घेर लिया और हंगामा करने लगे. 25 वर्षीय डॉक्टर के साथ दो नर्स और एक टेक्नीशियन भी गाड़ी में मौजूद थे.
डॉक्टर ने कहा, ‘कार के चारों तरफ लोग इकट्ठा हो गए थे. वो हम पर चिल्ला रहे थे, हमें गालियां दे रहे थे. लगातार खिड़कियों पर हाथ मार रहे थे.’
डॉक्टर ने बताया कि क्योंकि कार आगे नहीं बढ़ पा रही थी और वह लोग लगातार खिड़कियां पीट रहे थे. मजबूरन ड्राइवर ने अपनी सीट की तरफ वाली खिड़की खोली और वहां मौजूद लोगों को समझाने की कोशिश की कि हमें वहां से निकलने दिया जाए.
उन्होंने कहा, ‘खिड़की खोलते ही एक शख्स ने कार के अंदर अपना सिर घुसा दिया और जोर-जोर से खांसने लगा. उसने कहा कि अगर हम लोग कोविड-19 पॉजिटिव हैं तो तुम्हें भी होना चाहिए. ऐसा सुनते ही हम सब हैरान रह गए.’
द न्यूज़ मिनट के मुताबिक, यह घटना पुन्थुरा इलाके का है जहां मछुआरे रहते हैं. कोविड-19 के मामले बढ़ने के बाद प्रशासन ने उस इलाके को कंटेनमेंट जोन घोषित कर दिया था. प्रशासन द्वारा इलाके में कड़े प्रतिबंध लगाने का विरोध करते हुए स्थानीय लोगों ने शुक्रवार को मेडिकल टीम पर हमला किया था.
प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं ने क्वारंटीन सेंटरों में ले जाने से पहले उन लोगों की रिपोर्ट भी नहीं देखी, जिन्होंने कोरोना वायरस टेस्ट के लिए नमूना दिया था और उनकी रिपोर्ट नहीं आई थी. क्वारंटीन सेंटरों में भी उनके साथ अच्छा व्यवहार नहीं किया गया.
पुन्थुरा निवासी पल्ली पुरोहित ने कहा, ‘स्वास्थ्यकर्मी कोरोना वायरस परीक्षण के लिए नमूना लेने के बाद बिना रिपोर्ट आए लोगों को क्वारंटीन सेंटरों में लेकर जा रहे थे. कई लोगों को समझ में नहीं आ रहा था कि क्या हो रहा है?’
मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन और स्वास्थ्य मंत्री केके शैलजा ने स्वास्थ्यकर्मियों पर हमले की निंदा की है.
शैलजा ने कहा, ‘यह स्थिति बहुत खतरनाक है. जहां स्वास्थ्यकर्मी अपनी जान जोखिम में डालकर लोगों का टेस्ट कर रहे हैं. उन्हें सहयोग करने के बजाय लोग उन पर हमला कर रहे हैं. अगर डॉक्टर इलाज नहीं करेंगे तो लोग ठीक कैसे होंगे.’
उन्होंने कहा, ‘हम तेजी से फैल रहे कोरोना वायरस को नियंत्रित करने की कोशिश कर रहे हैं. पुन्थुरा और मानकौड जैसे क्षेत्रों में कोविड-19 के मामले तेजी से फैल रहे हैं. 6 जुलाई तक पुन्थुरा क्षेत्र में 1,192 परीक्षण किए गए, जिनमें से 243 पॉजिटिव पाए गए थे.’
उन्होंने कहा, ‘इसके बाद हमें जगह-जगह कड़े नियंत्रण लगाने पड़े. लोग सड़कों पर उतरकर इन प्रतिबंधों का उल्लंघन कर रहे हैं. कुछ लोगों ने निर्दोष स्थानीय लोगों को भड़काने की कोशिश की यह बहुत खतरनाक है.’