साल 2015 में हार्दिक पटेल गुजरात में पाटीदार आरक्षण आंदोलन से सुर्ख़ियों में आए थे. इस आंदोलन के दौरान हुई हिंसा को लेकर हार्दिक के ख़िलाफ़ राजद्रोह समेत कई केस दर्ज हैं.

नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने हार्दिक पटेल को गुजरात प्रदेश कांग्रेस कमेटी का कार्यकारी अध्यक्ष बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी.
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के घोषणाओं से संबंधित आधिकारिक ट्विटर एकाउंट ‘आईएनसी संदेश’ की ओर से एक ट्वीट कर इस संबंध में जानकारी दी गई है.
हार्दिक पटेल गुजरात में पाटीदार आरक्षण आंदोलन से सुर्खियों में आए थे. इस आंदोलन के दौरान हुई हिंसा को लेकर हार्दिक के खिलाफ कई केस भी दर्ज हैं.
मालूम हो कि पाटीदार समुदाय के लिए शिक्षा और नौकरी में आरक्षण की मांग को लेकर 2015 में हार्दिक पटेल ने मेहसाणा में आंदोलन किया था, जिसमें हिंसा भड़क गई थी.
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— INC Sandesh (@INCSandesh) July 11, 2020
रैली के हिंसक रूप लेने के बाद भीड़ ने मेहसाणा के विसनगर में संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने के साथ ही मीडिया के कुछ लोगों पर भी हमला किया था. इस मामले में मेहसाणा जिले के विसनगर में 23 जुलाई 2015 को दर्ज कराई गई प्राथमिकी में हार्दिक भी एक आरोपी थे.
इसी तरह अहमदाबाद के जीएमडीसी मैदान में 25 अगस्त 2015 को पाटीदार आरक्षण समर्थक रैली के बाद राज्यभर में तोड़फोड़ और हिंसा हुई थी जिसके बाद अपराध शाखा ने उसी साल अक्टूबर में कांग्रेस नेता हार्दिक पटेल के ख़िलाफ़ राजद्रोह का मुकदमा दर्ज किया था.
जुलाई 2018 में गुजरात की एक अदालत ने पाटीदार अनामत आरक्षण आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल को 2015 के विसनगर हिंसा मामले में दोषी ठहराते हुए उन्हें दो साल कैद की सजा सुनाई थी.
अगस्त 2019 में उच्च न्यायालय ने निचली अदालत द्वारा हार्दिक को दो साल की जेल की सजा पर रोक लगा दी थी लेकिन उनकी दोषसिद्धि पर रोक नहीं लगाई थी.