क्या मध्य प्रदेश के बाद राजस्थान में भी कांग्रेस सरकार गिर जाएगी?

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार को कहा कि भाजपा के लोग उनकी सरकार को गिराने का षड्यंत्र रच रहे हैं लेकिन उनकी सरकार स्थिर है. वहीं भाजपा नेताओं का कहना है कि गहलोत अपनी विफलता और कांग्रेस की अंदरूनी खींचतान को छुपाने के लिए ऐसे आरोप लगा रहे हैं.

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Jaipur: Congress leaders Ashok Gehlot (R) and Sachin Pilot (C) flash victory signs as K.C. Venugopal looks on after the declaration of Rajasthan Assembly election result, in Jaipur, Tuesday, Dec. 11, 2018. (PTI Photo)
Jaipur: Congress leaders Ashok Gehlot (R) and Sachin Pilot (C) flash victory signs as K.C. Venugopal looks on after the declaration of Rajasthan Assembly election result, in Jaipur, Tuesday, Dec. 11, 2018. (PTI Photo)

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार को कहा कि भाजपा के लोग उनकी सरकार को गिराने का षड्यंत्र रच रहे हैं लेकिन उनकी सरकार स्थिर है. वहीं भाजपा नेताओं का कहना है कि गहलोत अपनी विफलता और कांग्रेस की अंदरूनी खींचतान को छुपाने के लिए ऐसे आरोप लगा रहे हैं.

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट. (फोटो: पीटीआई)
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट. (फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली/जयपुर: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उनके कई विधायकों ने भाजपा पर राज्य सरकार को गिराने की साजिश रचने का आरोप लगाया है.

हालांकि, भाजपा नेताओं ने इन आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि गहलोत अपनी विफलता व कांग्रेस की अंदरुनी खींचतान को छुपाने के लिए ऐसे आरोप लगा रहे हैं.

वहीं, राज्य पुलिस के विशेष अभियान समूह (एसओजी) ने कथित साजिश पर बयान दर्ज करने के लिए गहलोत और उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट को नोटिस जारी किया है. पुलिस ने आगे बयान दर्ज कराने के लिए सरकार के मुख्य सचेतक महेश जोशी को भी नोटिस दिया.

एसओजी ने शुक्रवार को ही इस बारे में एक प्राथमिकी दर्ज की थी. वहीं, भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने शनिवार को तीन निर्दलीय विधायकों के खिलाफ प्राथमिक जांच (पीई) दर्ज की.

अशोक गहलोत सरकार को गिराने के लिए कांग्रेस विधायकों की खरीद-फरोख्त में शामिल होने के आरोप में दो लोगों को हिरासत में लिया गया है.

बता दें कि राज्य विधानसभा में कुल 200 विधायकों में से कांग्रेस के पास 107 विधायक व भाजपा के पास 72 विधायक हैं. राज्य के 13 में से 12 निर्दलीय विधायकों का समर्थन भी कांग्रेस को है.

गहलोत ने भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व पर लगाया आरोप

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार को कहा कि भारतीय जनता पार्टी के लोग उनकी सरकार को गिराने का षड्यंत्र रच रहे हैं लेकिन उनकी सरकार स्थिर है.

संवाददाताओं से बातचीत में गहलोत ने कहा, ‘कोरोना वायरस संक्रमण के वक्त में भाजपा के नेताओं ने मानवता व इंसानियत को ताक पर रख दिया है… ये लोग सरकार गिराने में लगे हैं. ये लोग (भाजपा नेता) सरकार कैसे गिरे, किस प्रकार से तोड़-फोड़ करें… खरीद फरोख्त कैसे करें… इन तमाम काम में लगे हैं.’

गहलोत ने इस बारे भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया, नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया व उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ का नाम लेते हुए कहा, ‘सरकार को गिराने के लिए ये लोग अपने केंद्रीय नेताओं के इशारे पर जिस तरह का खेल खेल रहे हैं वे तमाम बातें जनता के सामने आ चुकी हैं.’

इसके साथ ही उन्होंने कहा, ‘राजस्थान में सरकार स्थिर है, स्थिर रहेगी और पांच साल चलेगी.’

उन्होंने कहा, ‘मैं चाहता हूं कि पूरा देश जाने की भाजपा अब अपनी सारी सीमाएं पार कर रही है. वह मेरी सरकार को गिराने की कोशिश कर रही है.’

गहलोत ने कहा, ‘हम विधायकों को पाला बदलने के लिए ऑफर देने की बात सुनते रहे हैं. कुछ लोगों को 15 करोड़ रुपये तक देने का वादा किया गया है और कुछ को अन्य प्रलोभन देने की बात कही गई है. यह लगातार हो रहा है.

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कर्नाटक और मध्य प्रदेश में सरकार बदलने का जिक्र करते हुए कहा, ‘भाजपा का असली चेहरा साल 2014 की जीत के बाद ही सामने आ गया था. पहले वो जो काम छुपकर कर रही थी अब वो खुलकर कर रहे हैं. आपने गोवा, मध्य प्रदेश और पूर्वोत्तर राज्यों में यह देखा.”

विधायकों की खरीद-फरोख्त के आरोपों के बीच कर्नाटक में पिछले साल और मध्य प्रदेश में जून में भाजपा सत्तासीन हुई थी.

मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी, जबकि कर्नाटक में कांग्रेस की अगुवाई वाली सरकार थी.

गहलोत ने कहा कि भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि इन्होंने पिछले महीने राज्यसभा चुनाव में जीतने के लिए गुजरात में सात विधायकों को खरीदा. राजस्थान में भी ऐसा ही करने की कोशिश क गई लेकिन हमने उन्हें रोक दिया और ऐसा सबक सीखाया कि वो लंबे समय तक याद रखेंगे.

इससे पहले शुक्रवार की रात 20 से अधिक कांग्रेस विधायकों ने एक संयुक्त बयान जारी कर भाजपा पर आरोप लगाया था कि वह राज्य में कांग्रेस सरकार को गिराने के लिए विधायकों को लालच दे रही है.

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा का शीर्ष नेतृत्व षड्यंत्र में शामिल था, जबकि उन्होंने कहा कि कोई भी प्रलोभन उनकी अखंडता को हिला नहीं सकता.

भाजपा का पलटवार, ऐसे आरोप लगाकर राजनीति की शुचिता को भंग किया

कांग्रेस सरकार को अस्थिर किए जाने के प्रयास के आरोपों पर पलटवार करते हुए भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने शनिवार को कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस तरह के आरोप लगाकर राजस्थान की राजनीति की शुचिता को भंग किया.

पूनिया ने इसे कांग्रेस का आंतरिक झगड़ा बताते हुए कहा कि भाजपा तो इसमें दर्शक भर है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि गहलोत कांग्रेस की अंतरकलह व अपनी सरकार की विफलता को छुपाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, भाजपा व उसके प्रादेशिक नेताओं पर आरोप लगाते रहते हैं.

वहीं, उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने आरोप लगाया कि सरकार विपक्ष के विधायकों तथा अन्य जनप्रतिनिधियों के फोन टैप करवा रही है.

उन्होंने कहा, ‘मेरा आरोप है कि विपक्ष के विधायकों व सत्तारूढ़ मंत्रियों के फोन टैप हो रहे हैं. इसकी जितनी निंदा की जाए कम है.’

उन्होंने कहा, ‘इस सरकार की बुनियाद ही बिना नींव के रखी गई थी इसलिए हर तीन माह में सरकार के पाए हिलते हैं. गहलोत के आज के संवाददाता सम्मेलन में साबित कर दिया कि यह अस्थिर सरकार है.’

एसओजी ने मुख्यमंत्री व उपमुख्यमंत्री को बयान दर्ज कराने के लिए बुलाया

विधायकों को प्रलोभन देकर राज्य की निर्वाचित कांग्रेस सरकार को अस्थिर करने के प्रयासों के आरोपों पर राजस्थान पुलिस के विशेष कार्यबल (एसओजी) ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट और मुख्य सचेतक महेश जोशी को बयान दर्ज कराने के लिए नोटिस जारी किया.

एसओजी ने शुक्रवार को ही इस बारे में एक प्राथमिकी दर्ज की थी. यह प्राथमिकि आईपीसी की धारा 124ए (राजद्रोह) और 120बी (आपराधिक साजिश) के तहत दर्ज की गई थी.

आधिकारिक सूत्रों ने बताया, ‘इस मामले में मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री व सरकार के मुख्य सचेतक को नोटिस जारी किए गए हैं कि वे अपने अपने बयान दर्ज करवाएं.’’

सूत्रों के अनुसार इस मामले में दर्जन भर विधायकों व अन्य लोगों को भी जल्द ही नोटिस जारी किए जा सकते हैं.

उल्लेखनीय है कि एसओजी ने इस बारे में दो मोबाइल नंबरों की निगरानी से सामने आए तथ्यों के आधार पर राज्य में विधायकों की खरीद-फरोख्त और निर्वाचित सरकार को अस्थिर करने के आरोपों के संबंध में शुक्रवार को एक मामला दर्ज किया.

एसओजी अधिकारियों के अनुसार इन नंबरों पर हुई बातचीत से ऐसा प्रतीत होता है कि राज्य सरकार को गिराने के लिए सत्तारूढ़ पार्टी के विधायकों को प्रलोभन दिया जा रहा है.

बता दें कि गत 19 जून को राज्य से राज्यसभा की तीन सीटों के लिए चुनाव से पहले सत्तारूढ़ कांग्रेस ने कुछ विधायकों को प्रलोभन दिए जाने का आरोप लगाया था. पार्टी की ओर से इसकी शिकायत विशेष कार्यबल (एसओजी) को की गई.

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा था कि राज्य में विधायकों को प्रलोभन दिया जा रहा है और करोड़ों रुपये की नकदी जयपुर स्थानांतरित हो रही है.

भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने शनिवार को आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत एसओजी व एसीबी जैसी एजेंसियों के जरिए निर्दलीय व छोटे दलों के विधायकों को डरा-धमका रहे हैं.

पूनिया ने संवाददाताओं से कहा, ‘मुख्यमंत्री ने एसओजी और एसीबी का भय दिखाकर निर्दलीय और छोटे विधायकों को प्रभावित करने की कोशिश की और अभी भी वो ऐसा ही कर रहे हैं. माकपा के एक विधायक का व्हिप का उल्लंघन कर वोट करना इसका उदाहरण है.’

विधायकों की खरीद-फरोख्त के आरोप में दो गिरफ्तार

विधायकों को प्रलोभन देकर राज्य की निर्वाचित कांग्रेस सरकार को अस्थिर करने के प्रयासों के आरोपों पर राजस्थान पुलिस के विशेष कार्यबल दो लोगों को हिरासत में लिया है.

एसओजी ने अपनी जांच में अशोक चौहान व भारत भाई को हिरासत में लिया है. शनिवार को इनकी जयपुर में गिरफ्तारी दिखा कर उनसे पूछताछ की जा रही है.

रिपोर्ट के अनुसार, अशोक चौहान और भारत भाई दोनों पूर्व में भाजपा से जुड़े हुए थे.

शुक्रवार को दर्ज एफआईआर में दो मोबाइल नंबरों की बातचीत को लेकर मामला दर्ज किया गया. इन मोबाइल नंबरों की बातचीत अवैध हथियारों और विस्फोटक पदार्थों की तस्करी के संदेह में सुनी गई थी लेकिन उसमें पाया गया कि सरकार को गिराने के लिए विधायकों की खरीद के बारे में बातचीत हुई थी.

एफआईआर में दर्ज दो मोबाइल नंबरों पर हुई बातचीत में कहा गया, ‘मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री में झगड़ा हो रहा है. इस स्थिति का लाभ उठाते हुए, कांग्रेस के विधायकों और निर्दलीय विधायकों को सरकार से अलग करने के लिए एक नया मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है.’

राज्य में एक नया मुख्यमंत्री बनाने के लिए खरीद-फरोख्त किए जाने के उद्देश्य को रेखांकित करते हुए एफआईआर में कहा गया, ‘व्यक्ति कह रहे हैं कि अगर केवल मुख्यमंत्री उनकी इच्छा के अनुसार बन जाए तो वे एक हजार से दो हजार करोड़ रुपये कमा सकते हैं.’

इसमें इस बात की ओर भी संकेत दिया गया कि उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं.

पायलट का नाम लेते हुए वे चर्चा करते हैं, ‘सरकार गिरने के बाद नया मुख्यमंत्री बनाया जाएगा. भाजपा का कहना है कि मुख्यमंत्री उनका आदमी बनेगा और उपमुख्यमंत्री को केंद्र सरकार में मंत्री बनाया जाएगा लेकिन उपमुख्यमंत्री कह रहे हैं कि वे मुख्यमंत्री बनेंगे.’

इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान एक सवाल के जवाब में पायलट पर तंज कसते हुए गहलोत कहते हैं, ‘कौन मुख्यमंत्री नहीं बनना चाहता है? हमारे पास भी 5-7 ऐसे लोग हैं जो मुख्यमंत्री के दावेदार हो सकते हैं और उनमें क्षमता और प्रतिभा हो सकती है. लेकिन कोई एक ही मुख्यमंत्री बन सकता है. और उसके बाद सभी लोग शांत हो जाते हैं.’

वहीं, दोनों गिरफ्तार व्यक्तियों ने अपने बातचीत में आगे कहते सुनाई देते हैं कि 30 जून के बाद राजस्थान में राजनीतिक परिदृश्य जल्दी बदल जाएगा. वे कहते हैं, ‘30 जून के बाद पायलट के सितारे चमकेंगे और उसके 5-10 दिन बाद वे (मुख्यमंत्री) शपथ लेंगे.’

एफआईआर में एक निर्दलीय और एक कांग्रेस विधायक का भी नाम शामिल है जिनके बारे में दोनों शख्स चर्चा कर रहे हैं. वे कहते हैं, ‘एक भाजपा नेता बांसवाड़ा के कुशलगढ़ से निर्दलीय विधायक रमिला खड़िया को प्रलोभन देने का प्रयास कर रहे हैं.’

वे आगे कहते हैं, ‘महेंद्रजीत सिंह मालवीय (बांसवाड़ा के बोगीडरा से कांग्रेस विधायक) पहले उपमुख्यमंत्री के तरफ लेकिन फिर उन्होंने पाला बदल लिया.’

वे कहते हैं कि उनका 25 करोड़ का प्लान तब विफल हो गया, जब मुख्यमंत्री ने राज्यसभा चुनाव से पहले विधायकों को रिसॉर्ट में सील कर दिया था.

एसीबी ने तीन निर्दलीय विधायकों के खिलाफ पीई दर्ज की

राजस्थान की कांग्रेस सरकार को अस्थिर करने के प्रयासों के तहत विधायकों को प्रलोभन दिए जाने के मामले में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने शनिवार को तीन निर्दलीय विधायकों के खिलाफ प्राथमिक जांच (पीई) दर्ज की.

ब्यूरो के सूत्रों ने बताया कि एसीबी ने विधायक ओमप्रकाश हुडला, सुरेश टाक तथा खुशवीर सिंह के खिलाफ पीई दर्ज की है.

आरोप है कि इन विधायकों ने राज्य सरकार को गिराने के लिए भाजपा की ओर से कुछ अन्य विधायकों को धन की पेशकश की.

सूत्रों के अनुसार, ‘पीई में आगे जांच की जा रही है.’ उन्होंने कहा, ‘चूंकि इस मामले में भ्रष्टाचार है, इसलिए मामले की जांच भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत की जा रही है.’

वहीं, इस मामले में नामित निर्दलीय विधायक हुडला ने कहा है कि वह इस तरह की किसी गतिविधि में शामिल नहीं थे.

कई मंत्रियों व विधायकों ने गहलोत से मुलाकात की

सरकार को अस्थिर करने के लिए विधायकों को प्रलोभन दिए जाने के आरोपों के बीच कई मंत्रियों व विधायकों ने शनिवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मुलाकात की.

सिविल लांइस स्थित मुख्यमंत्री निवास में गहलोत से मुलाकात करने वालों में सरकार के स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल, चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा, परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास, चिकित्सा राज्यमंत्री सुभाष गर्ग व श्रम मंत्री टीकाराम जूली शामिल हैं.

इसके अलावा बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए कई विधायक व कांग्रेस का समर्थन कर रहे निर्दलीय विधायक भी मुख्यमंत्री से मिलने पहुंचे.

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे ने एक ट्वीट कर कहा, ‘हमने देखा कि मध्य प्रदेश, गुजरात व कर्नाटक की सरकारों को हटाने के लिए भाजपा के षड्यंत्रों को देखा है. राजस्थान में कांग्रेस व उसके समर्थक विधायकों को प्रलोभन दिया जा रहा है ताकि लोकतांत्रिक तरीके से निर्वाचित सरकार को अस्थिर किया जा सके.’

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)