राजस्थान सरकार में सत्ता के लिए बीते दो दिनों से जारी सियासी घमासान के बीच रविवार देर रात मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उप-मुख्यमंत्री सचिन पायलट खुलकर एक-दूसरे के सामने आ गए. पायलट ने दावा किया कि सरकार अल्पमत में है. वहीं कांग्रेस ने देर रात 2:30 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि 109 विधायक गहलोत को समर्थन की चिट्ठी दे चुके हैं.
नई दिल्ली/जयपुर: राजस्थान सरकार में सत्ता के लिए बीते दो दिनों से जारी सियासी खींचतान में रविवार रात यह साफ हो गया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उप-मुख्यमंत्री सचिन पायलट खुलकर एक-दूसरे के सामने आ गए हैं.
पायलट ने रविवार रात दावा किया कि अशोक गहलोत सरकार अल्पमत में है और 30 से अधिक कांग्रेस और कुछ निर्दलीय विधायकों ने उन्हें समर्थन देने का वादा किया है.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आज (सोमवार) को कांग्रेस विधायक दल की बैठक बुलाई है, जिसके बारे में पायलट ने कहा कि वो इस बैठक में शामिल नहीं होंगे.
पायलट के समर्थक माने जाने वाले कुछ विधायकों के शनिवार को दिल्ली में होने के वजह से गुटबाजी की चर्चा को हवा मिली थी.
हालांकि तीन ऐसे विधायकों ने जयपुर आकर स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि दिल्ली वे अपने व्यक्तिगत कारणों से गए थे.
दानिश अबरार, चेतन डूडी और रोहित बोहरा ने कहा कि उनके बारे में मीडिया ने आशंका जताई थी, लेकिन वो पार्टी आलाकमान के निर्देशों का पालन पार्टी के एक सच्चे सिपाही के जैसे करेंगे.
राजस्थान में कांग्रेस ने रविवार देर रात 2:30 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रदेश के प्रभारी महासचिव अविनाश पांडे, पार्टी प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला और अजय माकन मौजूद रहे.
अविनाश पांडे ने बताया कि सोनिया गांधी से निर्देश मिलने के बाद वह जयपुर पहुंचे हैं. उन्होंने बताया कि 109 विधायक मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को समर्थन की चिट्ठी दे चुके हैं और कुछ विधायक अभी भी संपर्क में हैं. जिनसे आज (सोमवार) सुबह मुलाकात होगी.
उन्होंने बताया कि सोमवार सुबह 10:30 बजे कांग्रेस विधायकों की बैठक बुलाई गई है.
पार्टी में चल रही इस उठापटक के बीच प्रेस कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस नेताओं ने साफ किया कि कल (रविवार ) जो व्हिप जारी किया गया था वो आज भी जारी रहेगा. जो विधायक बैठक में मौजूद नहीं रहेंगे उनके खिलाफ अनुशासनात्मक करवाई की जाएगी. उनकी पार्टी से सदस्यता भी समाप्त की जा सकती है.
समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, अशोक गहलोत के आधिकारिक आवास पर होने जा रही बैठक के लिए कांग्रेस ने सोमवार को सभी विधायकों को व्हिप जारी किया.
Rajasthan political crisis: Congress issues whip to all MLAs mandating their presence during legislature party meeting to be convened at 10.30 am by Chief Minister Ashok Gehlot at his official residence in Jaipur.
— Press Trust of India (@PTI_News) July 13, 2020
इससे पहले अविनाश पांडे ने कहा कि राज्य में पार्टी के सभी विधायक उनके संपर्क में हैं और हैरानी जताई कि कौन लोग हैं, जो कथित तौर पर उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के पक्ष में खड़े हैं.
पांडे ने कहा कि उन्होंने पिछले दो दिन से पायलट से बात नहीं की है और उनके लिए एक संदेश छोड़ा है.
उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस के सभी विधायक मेरे संपर्क में हैं और राजस्थान में सरकार स्थिर है और अपना कार्यकाल पूरा करेगी.’
कांग्रेस महासचिव ने कहा कि पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी को राजस्थान के घटनाक्रमों से अवगत कराया गया है. उन्होंने कहा, ‘मैंने पिछले दो दिन से पायलट से बात नहीं की है और मैं उनसे संपर्क करने की कोशिश कर रहा हूं. मैंने उनके लिए संदेश छोड़े हैं.’
पूछताछ के लिए पेश होने को लेकर पायलट को पत्र भेजे जाने से सारी हदें पार: सूत्र
दोनों शीर्ष नेताओं के बीच तकरार की वजह राज्य की पुलिस द्वारा विधायकों की खरीद-फरोख्त मामले की जांच का आदेश देना और पायलट को नोटिस भेजना है, जिसे लेकर पायलट नाराज हैं.
सूत्रों ने शनिवार को कहा था कि राजस्थान पुलिस ने गहलोत और पायलट को भी नोटिस जारी कर कांग्रेस सरकार गिराने की कथित कोशिशों के संबंध में बयान दर्ज कराने के लिए कहा है.
पुलिस के विशेष कार्यबल (एसओजी) ने सरकार के मुख्य सचेतक महेश जोशी को भी बयान देने के लिए बुलाया है.
एसओजी ने शुक्रवार 10 जुलाई को हिरासत में लिए गए दो लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी, जो गहलोत सरकार गिराने के लिए कांग्रेस विधायकों की खरीद-फरोख्त में कथित रूप से शामिल थे.
गहलोत ने शनिवार को विपक्षी भाजपा पर आरोप लगाया था कि वह उनके विधायकों को बड़ी रकम देकर सरकार गिराने की कोशिश कर रही है.
उन्होंने कहा था कि उनकी सरकार न केवल स्थिर है बल्कि वह अपना पांच साल का कार्यकाल भी पूरा करेगी.
वहीं भाजपा ने गहलोत से इन आरोपों को साबित करने के लिए कहा है.
सचिन पायलट के करीबी सूत्रों ने रविवार को कहा कि अपनी ही सरकार को अस्थिर करने की कथित कोशिश की जांच में पूछताछ के लिए पेश होने का उप-मुख्यमंत्री को पत्र भेजे जाने से सारी हदें पार हो गई हैं. इससे, पायलट समर्थक विधायकों का मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के तहत काम करना मुश्किल हो गया है.
सूत्रों ने बताया कि पायलट का समर्थन कर रहे विधायक पायलट को गहलोत खेमे द्वारा बार-बार कमजोर किए जाते नहीं देख सकते और एसओजी द्वारा उप-मुख्यमंत्री को पत्र भेजे जाने का उद्देश्य उन्हें अपमानित करना है.
सूत्रों ने बताया कि पायलट अभी दिल्ली में हैं और उनके समर्थक विधायकों ने संकल्प लिया है कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी प्रमुख को सार्वजनिक रूप से अपमानित करने के लिए पत्र भेजे जाने के बाद वे लोग मुख्यमंत्री गहलोत के नेतृत्व में काम नहीं कर सकते हैं.
सूत्रों के मुताबिक पायलट समर्थक विधायकों ने कहा है कि पहले भी समस्याएं थीं, लेकिन इस पत्र ने सारी हदें पार कर दी हैं और इस तरह के अपमान को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता.
गहलोत का भी बयान दर्ज करने के लिए राजस्थान पुलिस द्वारा उन्हें नोटिस जारी किए जाने के बारे में सूत्रों ने कहा कि मुख्यमंत्री को नोटिस सिर्फ एक ‘छलावा’ है, ताकि उप-मुख्यमंत्री को एसओजी द्वारा तलब और अपमानित किया जा सके. गहलोत के पास गृह विभाग का भी प्रभार है.
एक सूत्र ने कहा, ‘ऐसा पहले कभी नहीं हुआ कि पार्टी के किसी मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष और उप-मुख्यमंत्री को इस तरह का पत्र भेजा गया हो. ’
गहलोत और पायलट को नोटिस जारी किए जाने से पहले शुक्रवार को एसओजी ने हिरासत में लिए गए दो लोगों के खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज की थी.
कपिल सिब्बल ने कहा, कांग्रेस को लेकर चिंतित हूं
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा भाजपा पर अपनी सरकार गिराने की कोशिश करने का आरोप लगाने के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने रविवार को कहा कि वह पार्टी को लेकर चिंतित हैं.
सिब्बल ने इस संकट से तुरंत निपटने की अपील करते हुए कहा कि पार्टी नेतृत्व कब जागेगा? उन्होंने ट्वीट किया, ‘पार्टी को लेकर चिंतित हूं. क्या हम तब जागेंगे जब हमारे हाथ से सब कुछ निकल जाएगा.’
Worried for our party
Will we wake up only after the horses have bolted from our stables ?
— Kapil Sibal (@KapilSibal) July 12, 2020
कांग्रेस पार्टी के राज्यसभा सदस्य विवेक तन्खा ने सिब्बल के ट्वीट पर कहा कि उनकी चिंता पार्टी के प्रत्येक सदस्य की चिंता है.
तन्खा ने ट्वीट किया, ‘कपिल जी आपकी चिंता पार्टी के हर सदस्य की चिंता है. यह समय उन ताकतों को हराने के लिए एकजुट होने का है, जिनका केवल एक ही एजेंडा है, कांग्रेस और हमारे लोकतांत्रिक मूल्यों तथा संस्थानों को कमजोर करना.’
Kapil ji your worry is every party members concern. It’s time to strengthen the party to fight forces who have only 1 agenda :: weaken congress & our democratic values & institutions. https://t.co/Cy6C97BOsK
— Vivek Tankha (@VTankha) July 12, 2020
सिंधिया बोले, कांग्रेस में प्रतिभा और क्षमता का स्थान नहीं
गुटबाजी के चलते राजस्थान में अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार पर मंडरा रहे खतरे के बादलों के बीच भाजपा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने रविवार को अपनी पुरानी पार्टी पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि कांग्रेस में प्रतिभा व क्षमता का कोई स्थान नहीं रहा.
सिंधिया ने दावा किया कि राजस्थान के उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा ‘किनारे’ लगाया जा रहा है और उन्हें ‘परेशान’ किया जा रहा है.
उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘यह देखकर दुख हो रहा है कि मेरे पूर्व सहयोगी सचिन पायलट को भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा किनारे लगाया जा रहा है और उन्हें परेशान किया जा रहा है. यह दर्शाता है कि कांग्रेस में प्रतिभा व क्षमता का कोई स्थान नहीं है.’
Sad to see my erstwhile colleague, @SachinPilot too, being sidelined and persecuted by Rajasthan CM, @ashokgehlot51 . Shows that talent and capability find little credence in the @INCIndia .
— Jyotiraditya M. Scindia (@JM_Scindia) July 12, 2020
सिंधिया ने कुछ माह पूर्व ही कांग्रेस छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया था. उनका आरोप था कि मध्य प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता उन्हें अलग-थलग कर रहे थे.
सिंधिया के साथ कांग्रेस के 20 से अधिक विधायकों ने भी भाजपा का दामन थाम लिया था, जिसके चलते मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार गिर गई थी.
बाद में सिंधिया के सहयोग से राज्य में भाजपा ने अपनी सरकार बनाई और शिवराज सिंह चौहान फिर से प्रदेश के मुख्यमंत्री बने.
कहा जा रहा है कि राजस्थान में पायलट भी वैसी ही परिस्थितियों से गुजर रहे हैं, जिसका सामना सिंधिया ने कथित तौर पर किया था.
भाजपा ‘इंतजार करो और देखो’ की मुद्रा में
राजस्थान में कांग्रेस सरकार के ऊपर छाए संकट के बादलों पर भारतीय जनता पार्टी ‘इंतजार करो और देखो’ की मुद्रा में है.
पार्टी सूत्रों ने रविवार को कहा कि अगली कार्रवाई की योजना पर निर्णय लेने से पहले भाजपा, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच शक्ति प्रदर्शन के परिणाम का इंतजार करेगी.
गहलोत ने सोमवार को कांग्रेस विधायकों की बैठक बुलाई है, जिसमें इस बात के स्पष्ट संकेत मिलने की उम्मीद है कि गहलोत और पायलट को कितने विधायकों का समर्थन प्राप्त है.
माना जा रहा है कि राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष पायलट भाजपा के कुछ नेताओं के संपर्क में हैं लेकिन भाजपा सूत्रों ने इस बारे में कुछ भी कहने से इनकार किया है कि उसकी पायलट से कोई बात हुई है या नहीं.
भाजपा के एक नेता ने कहा कि ऐसा लगता है कि पायलट ने अपना मन बना लिया है और वह गहलोत के नेतृत्व के साथ जाने को तैयार नहीं हैं.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)