मृतक देबेंद्र नाथ रॉय ने हेमताबाद की अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीट से माकपा के टिकट पर साल 2016 के विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज की थी. पिछले साल लोकसभा चुनाव के बाद वह भाजपा में शामिल हो गए थे. पश्चिम बंगाल भाजपा अध्यक्ष अध्यक्ष दिलीप घोष ने आरोप लगाया कि यह तृणमूल कांग्रेस के गुंडों द्वारा की गई हत्या है.
कोलकाता: भाजपा विधायक देबेंद्र नाथ रॉय का शव पश्चिम बंगाल के उत्तरी दिनाजपुर जिले में स्थित उनके घर के पास सोमवार सुबह लटका मिला.
जिला पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘रॉय का शव हेमताबाद के रायगंज इलाके में सोमवार सुबह एक दुकान के पास लटका मिला. हमने मामले में जांच शुरू कर दी है.’
उन्होंने कहा, ‘घटनास्थल पर फॉरेंसिक की एक टीम पहुंच चुकी है और उनके शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है.’
रॉय ने हेमताबाद की अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीट से माकपा के टिकट पर साल 2016 के विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज की थी, लेकिन पिछले साल लोकसभा चुनाव के बाद वह भाजपा में शामिल हो गए थे.
मृतक भाजपा नेता के परिवार ने हत्या का संदेह जताते हुए सीबीआई जांच की मांग की है.
उनके परिवार के एक सदस्य ने कहा, ‘हमें लगता है कि उनकी हत्या की गई है. मामले की सीबीआई जांच कराई जानी चाहिए.’
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, मृतक के परिवार का कहना है कि रात एक बजे के आसपास रॉय के पास एक फोन आया था और वे बाहर चले गए थे. इसके बाद वे घर लौटकर नहीं आए. सुबह स्थानीय लोगों ने उनका शव नजदीक स्थित चाय की दुकान पर पास लटका हुआ मिला. उनके हाथ बंधे हुए थे.
राज्य के भाजपा नेतृत्व ने रॉय के निधन को सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) द्वारा हत्या करार दिया गया है.
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा है, ‘यह तृणमूल कांग्रेस के गुंडों द्वारा की गई हत्या है. टीएमसी क्षेत्र में रॉय की लोकप्रियता के कारण परेशान थी. हम इस मामले की स्वतंत्र जांच चाहते हैं, ताकि सच सामने आ जाए. जब एक विधायक सुरक्षित न हो तो आप राज्य में कानून और व्यवस्था की स्थिति समझ सकते हैं.’
भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा है कि पश्चिम बंगाल में टीएमसी के कथित गुंडों द्वारा भाजपा नेताओं की हत्या चलन बन गया है.
विजयवर्गीय ने ट्वीट कर कहा, ‘यह एक निंदनीय और कायरतापूर्ण कृत्य है. ममता बनर्जी के शासन में भाजपा नेताओं की हत्या चलन बन गई है. हेमताबाद विधायक देबेंद्र नाथ रॉय की हत्या हो गई और उनका शव लटका हुआ मिला. क्या भाजपा में शामिल होना उनका अपराध था.’
इन आरोपों का खंडन करते हुए टीएमसी के वरिष्ठ नेता और जिलाध्यक्ष कनईलाल अग्रवाल ने कहा कि यह पुलिस का काम है कि रॉय की मौत के कारणों का पता लगाए.
अग्रवाल ने कहा, ‘रॉय की मौत के कारणों का पता लगाना पुलिस का काम है. उन्होंने आत्महत्या की या कोई और कारण है, इस पर निर्णय का काम कानून का है. मैं इस पर टिप्पणी नहीं कर सकता.’
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, रॉय की मौत से भाजपा के दो कार्यकर्ताओं की मौत की याद ताजा हो गई, जिनके शव साल 2018 के पंचायत चुनाव के बाद पुरुलिया जिले के उनके घर के बाहर लटके हुए मिले थे.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)