राजस्थान: कांग्रेस विधायक दल की बैठक ख़त्म, गहलोत सरकार में जताया भरोसा

राजस्थान कांग्रेस विधायक दल की बैठक में मंज़ूर किए गए प्रस्ताव में कहा गया है कि पार्टी को कमज़ोर करने या साज़िश रचने वाले किसी भी कांग्रेस विधायक, पदाधिकारी के ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए. हालांकि ह्विप जारी किए जाने के बाद भी सचिन पायलट बैठक में शामिल नहीं हुए.

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Jaipur: Rajasthan Chief Minister Ashok Gehlot (C) with senior Congress leaders Randeep Surjewala, Avinash Pandey, Ajay Maken and K.C. Venugopal flashes victory sign during a meeting with the party MLAs at his residence in Jaipur, Monday, July 13, 2020. (PTI Photo) (PTI13-07-2020 000059B)

राजस्थान कांग्रेस विधायक दल की बैठक में मंज़ूर किए गए प्रस्ताव में कहा गया है कि पार्टी को कमज़ोर करने या साज़िश रचने वाले किसी भी कांग्रेस विधायक, पदाधिकारी के ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए. हालांकि ह्विप जारी किए जाने के बाद भी सचिन पायलट बैठक में शामिल नहीं हुए.

Jaipur: Rajasthan Chief Minister Ashok Gehlot (C) with senior Congress leaders Randeep Surjewala, Avinash Pandey, Ajay Maken and K.C. Venugopal flashes victory sign during a meeting with the party MLAs at his residence in Jaipur, Monday, July 13, 2020. (PTI Photo) (PTI13-07-2020 000059B)
जयपुर में कांग्रेस विधायकों के साथ बैठक के दौरान विक्ट्री साइन दिखाते कांग्रेस नेताओं रणदीप सुरजेवाला, अविनाश पांडेय, अजय माकन और केसी वेणुगोपाल के साथ राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत. (फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली/जयपुर: राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उप-मुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच जारी सियासी खींचतान के दौरान सोमवार को गहलोत के आवास पर बुलाई गई कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) की बैठक समाप्त हो गई है और विधायकों ने गहलोत सरकार में पूरा विश्वास जताया.

समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, अशोक गहलोत के मीडिया सलाहकार ने बैठक में 107 विधायकों की मौजूदगी की पुष्टि की.

वहीं, बैठक में मौजूद सभी विधायकों को बैठक खत्म होने के बाद बसों में बिठाकर किसी होटल ले जाया गया है.

हालांकि, व्हिप जारी किए जाने के बाद भी सचिन पायलट सीएलपी बैठक में शामिल नहीं हुए.

कांग्रेस विधायक दल की बैठक में मंजूर किए गए प्रस्ताव में कहा गया, ‘भाजपा द्वारा लोकतंत्र का चीरहरण राजस्थान के 8 करोड़ लोगों का अपमान है, वे इसे स्वीकार नहीं करेंगे. सीएलपी की बैठक में कांग्रेस विधायकों ने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी और नेता राहुल गांधी पर अपना विश्वास व्यक्त किया और अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली सरकार का सर्वसम्मति से समर्थन किया.’

प्रस्ताव में आगे कहा गया, ‘पार्टी को कमजोर करने या साजिश रचने वाले किसी भी कांग्रेस विधायक, पदाधिकारी के खिलाफ कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई की जानी चाहिए.’

समाचार एजेंसी पीटीआई ने सूत्रों के हवाले कहा, ‘राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा सहित पार्टी के वरिष्ठ नेता सचिन पायलट के संपर्क में हैं और उन्हें शांत करने में लगे हैं.’

इससे पहले कांग्रेस विधायक दल की महत्वपूर्ण बैठक से पहले संवाददाताओं से बातचीत में पार्टी के वरिष्ठ नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा, ‘गहलोत सरकार स्थिर है, उसके पास पूर्ण बहुमत है और वह पांच साल का अपना कार्यकाल पूरा करेगी.’

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष व उप-मुख्यमंत्री सचिन पायलट के बगावती तेवरों के बारे में सुरजेवाला ने कहा कि बीते 48 घंटे में कांग्रेस नेतृत्व की पायलट से कई बार बात हुई है.

उन्होंने कहा, ‘सचिन पायलट समेत सभी विधायकों से अपील करते हैं कि यह सरकार जनता की सेवा के लिए निर्वाचित हुई है. व्यक्तिगत प्रतिस्पर्धा वाजिब हो सकती है. लेकिन राजस्थान व्यक्तिगत प्रतिस्पर्धा से बड़ा है.’

रणदीप सुरजेवाला ने अपील की कि कांग्रेस के तमाम विधायक, मंत्री मुख्यमंत्री की ओर से बुलाई गई बैठक में हिस्सा लें. यही राजस्थान की जनता की जनसेवा का परिचय होगा.

उन्होंने कहा कि किसी मुद्दे पर मतभेद होना लोकतंत्र का परिचायक है, लेकिन अपनी ही पार्टी को कमजोर करना या भाजपा को खरीद फरोख्त का मौका देना अनुचित है… गैर वाजिब है.

उन्होंने आगे कहा, ‘सचिन पायलट समेत किसी भी विधायक के मन में कोई शंका या सवाल है तो इन्हें बातचीत से सुलझाने के लिए कांग्रेस आलाकमान के दरवाजे सदैव खुले थे और खुले हैं, सदैव खुले रहेंगे. आइए मिलकर बातचीत करें और सोनिया गांधी और राहुल गांधी के नेतृत्व में इसका समाधान निकाल लेंगे. मैं समस्त विधायक मित्रों से अपील करता हूं कि सारे विधायक पार्टी के फोरम पर अपने विचार रखें.’

वहीं जयपुर पहुंचे कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने हवाई अड्डे पर कहा कि गहलोत सरकार को कुछ नहीं होगा. वेणुगोपाल ने कहा, ‘कुछ नहीं होगा. सरकार काम करती रहेगी.’

वहीं, कांग्रेस प्रदेश कार्यालय के बाहर लगे प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट के पोस्टर कुछ लोगों ने हटा दिए थे. हालांकि इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, प्रदेश कांग्रेस इकाई ने कुछ ही घंटे बाद पार्टी कार्यालय के बाहर पायलट के नए पोस्टर लगा दिए गए.

कुछ वरिष्ठ नेताओं का पायलट को समर्थन

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उप-मुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच जारी सियासी घमासान के दौरान पायलट को पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेताओं का भरपूर समर्थन मिला रहा है.

कांग्रेस नेता संजय झा ने ट्वीट कर कहा कि मैं सचिन पायलट का पूरा समर्थन करता हूं. इस दौरान उन्होंने गहलोत और पायलट की हालिया सफलताओं को भी सामने रखा जिसमें उन्होंने बताया किस तरह 2013 के विधानसभा चुनाव में 21 सीटों पर सिमटने वाली कांग्रेस पार्टी को पायलट ने प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद 100 सीटें दिलाईं. उन्होंने कहा कि इसके बाद भी देखिए मुख्यमंत्री कौन बन गया.

इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, हाल में कर्नाटक के प्रदेश अध्यक्ष बनाए गए डीके शिवकुमार ने कहा, ‘मुझे पूरा विश्वास है कि वे (सचिन पायलट) पार्टी नहीं छोड़ेंगे. वे अपने पिता की तरह बहुत ही संजिदा कांग्रेस कार्यकर्ता हैं. पिछले छह से सात सालों में उन्होंने पार्टी को बनाया है. वे अध्यक्ष हैं, उन्होंने अपनी तरफ से पार्टी के लिए सब कुछ किया है. कुछ मुद्दे हो सकते हैं और मैं ऐसा नहीं कह रहा हूं कि ऐसा कुछ नहीं है लेकिन सब कुछ सुलझा लिया जाएगा.’

इससे पहले कपिल सिब्बल और विवेक तन्खा जैसे वरिष्ठ नेताओं ने भी पायलट का समर्थन करते हुए पार्टी आलाकमान से मतभेदों को जल्द से जल्द सुलझाने की मांग की थी.

इस बीच सचिन पायलट ने एनडीटीवी से कहा कि वे भाजपा में नहीं जा रहे हैं.

हालांकि, ताजा घटनाक्रम तक वे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के आवास पर बुलाई गई विधायक दल की बैठक में भी शामिल नहीं हुए हैं. इसलिए इन संभावनाओं से भी इनकार किया जा रहा है कि वे अपनी नई पार्टी बना सकते हैं.

इससे पहले सोमवार सुबह पायलट के एक करीबी ने हिंदुस्तान टाइम्स से कहा था कि पायलट न तो भाजपा में शामिल होंगे और न ही विपक्षी पार्टी के साथ उनकी कोई मुलाकात तय है.

बता दें कि पायलट ने रविवार रात दावा किया कि अशोक गहलोत सरकार अल्पमत में है और 30 से अधिक कांग्रेस और कुछ निर्दलीय विधायकों ने उन्हें समर्थन देने का वादा किया है.

राजस्थान में कांग्रेस ने रविवार देर रात 2:30 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी. उन्होंने बताया था कि 109 विधायक मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को समर्थन की चिट्ठी दे चुके हैं और कुछ विधायक अभी भी संपर्क में हैं.

बता दें कि राज्य विधानसभा में कुल 200 विधायकों में से कांग्रेस के पास 107 और भाजपा के पास 72 विधायक हैं. राज्य के 13 में से 12 निर्दलीय विधायकों का समर्थन भी कांग्रेस को है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)