पुलिस ने बताया कि 35 वर्षीय मृतक राजमणि सत्तार मध्य प्रदेश के सतना के रहने वाले थे. पांच-छह महीने पहले उनकी आंत का ऑपरेशन हुआ था. उसके बाद से ही वह एम्स में भर्ती थे. पिछले दो हफ्तों में एम्स में कथित तौर पर आत्महत्या की यह तीसरी घटना है.
नई दिल्लीः राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली स्थित एम्स में गुरुवार सुबह एक मरीज ने कथित तौर पर बाथरूम में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. पिछले दो हफ्तों में एम्स में आत्महत्या की यह तीसरी घटना है.
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, पुलिस ने बताया कि एम्स में भर्ती एक मरीज ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. कोई सुसाइड नोट बरामद नहीं हुआ है. मामले की जांच की जा रही है.
A patient, admitted at AIIMS Delhi, hanged himself. No suicide note retrieved. Investigation is underway: Delhi Police
— ANI (@ANI) July 16, 2020
दक्षिण जिला डीसीपी अतुल ठाकुर ने बताया कि 35 वर्षीय मृतक राजमणि सत्तार मध्य प्रदेश के सतना के रहने वाले थे. पांच-छह महीने पहले उनकी आंत का ऑपरेशन हुआ था. उसके बाद से ही वह एम्स में भर्ती थे.
उन्होंने आगे बताया कि गुरुवार सुबह उन्होंने अस्पताल के बाथरूम में फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली. पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भिजवा दिया है और परिजनों को सूचना दे दी है.
टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, डॉक्टरों ने कहा कि वह काफी लंबे समय से अपना इलाज करा रहे थे और हो सकता है कि इस कारण वे अवसाद में चले गए हों.
उनका शव सुबह पांच बजे अस्पताल के स्टाफ को बाथरूम में मिला, जहां वह खिड़की में लगी ग्रिल पर एक कपड़े से लटके हुए थे.
बता दें कि पिछले दो हफ्तों में एम्स में आत्महत्या की यह तीसरी घटना है. पिछले हफ्ते एम्स के एक 25 वर्षीय जूनियर रेजीडेंट डॉक्टर ने एक छात्रावास की दसवीं मंजिल से कथित तौर पर छलांग लगा दी, जिससे उनकी मौत हो गई थी.
मृतक की पहचान अनुराग कुमार के रूप में की गई है और वह मनोविज्ञान विभाग में जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर थे.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा था कि अनुराग कुमार पिछले कुछ समय से उनका अवसाद का इलाज चल रहे थे और उन्होंने अपनी जान ले ली.
वहीं, बीते छह जुलाई को एम्स में ही कोरोना संक्रमित एक 37 वर्षीय पत्रकार तरुण सिसोदिया ने एम्स की चौथी मंजिल से कथित तौर पर कूदकर आत्महत्या कर ली थी.
सिसोदिया की मौत को लेकर एम्स प्रशासन पर सवाल उठे थे, जिसके बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने मामले की जांच के लिए एक समिति का गठन किया था.
समिति की रिपोर्ट आने के बाद स्वास्थ्य मंत्री ने कहा था, ‘समिति को सिसोदिया की मौत के संबंध में किसी गलत नीयत का पता नहीं चला है. समिति को कोविड-19 के इलाज के प्रोटोकॉल में किसी प्रकार की खामी भी नहीं मिली है.’
हालांकि इस मामले में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने एम्स के ट्रॉमा सेंटर के चिकित्सा अधीक्षक को बदलने का आदेश दे दिया था.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)