तिरुपति बालाजी मंदिर के पुजारियों सहित 150 से अधिक कर्मचारी कोरोना संक्रमित: रिपोर्ट

तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम बोर्ड का कहना है कि मंदिर में सार्वजनिक दर्शन को रोकने की कोई योजना नहीं है. श्रद्धालुओं के कोरोना संक्रमित होने के कोई सबूत नहीं हैं.

आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले के तिरुपति में स्थित तिरुपति बालाजी मंदिर. (फोटो: विकिपीडिया)

तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम बोर्ड का कहना है कि मंदिर में सार्वजनिक दर्शन को रोकने की कोई योजना नहीं है. श्रद्धालुओं के कोरोना संक्रमित होने के कोई सबूत नहीं हैं.

आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले के तिरुपति में स्थित तिरुपति बालाजी मंदिर. (फोटो: विकिपीडिया)
आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले के तिरुपति में स्थित तिरुपति बालाजी मंदिर. (फोटो: विकिपीडिया)

नई दिल्लीः आंध्र प्रदेश स्थित देश के प्रसिद्ध तिरुमाला तिरुपति बालाजी मंदिर के पुजारियों सहित 150 कर्मचारी कोरोना संक्रमित हैं, लेकिन मंदिर बोर्ड का कहना है कि श्रद्धालु मंदिर में दर्शन करना जारी रख सकते हैं.

एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, मंदिर बोर्ड के शीर्ष अधिकारियों का कहना है कि मंदिर को बंद करने की कोई योजना नहीं है और श्रद्धालु दर्शन करना जारी रख सकते हैं.

तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) बोर्ड के अध्यक्ष वाईवी सुब्बारेड्डी का कहना है, ‘मंदिर में सार्वजनिक दर्शन को रोकने की कोई योजना नहीं है. उन्होंने कहा कि श्रद्धालुओं के कोरोना संक्रमित होने के कोई सबूत नहीं हैं.’

प्रशासन का कहना है कि मंदिर के 14 पुजारियों सहित 140 कर्मचारी कोरोना संक्रमित पाए गए हैं.

रेड्डी ने कहा, ‘कोरोना संक्रमितों में से 70 लोग पूरी तरह से ठीक हो गए हैं. कोरोना वायरस से संक्रमित अधिकतर लोग आंध्र प्रदेश पुलिस से हैं, जो मंदिर के साथ मिलकर काम कर रहे हैं. इनमें से सिर्फ एक में कोरोना के गंभीर लक्षण दिखाई दिए हैं.’

रेड्डी ने कहा, ‘तिरुमाला मंदिर को बंद करने की हमारी कोई योजना नहीं है. वरिष्ठ पुजारियों को ड्यूटी पर नहीं लगाया जाएगा. पुजारियों और कर्मचारियों से अलग-अलग आवास का अनुरोध किया जाएगा.’

मंदिर के मानद मुख्य पुजारी रमना दीक्षितुलु ने कोरोना संक्रमित पुजारियों और कर्मचारियों को लेकर चिंता जताते हुए ट्वीट कर कहा, ‘मंदिर के कोरोना संक्रमित 50 पुजारियों में से 15 को क्वारंटीन किया गया है. अभी भी 25 कर्मचारियों की कोरोना रिपोर्ट का इंतजार है. टीटीडी के कार्यकारी अधिकारी और सहायक कार्यकारी अधिकारी ने दर्शन को रोकने से इनकार कर दिया है.’

उन्होंने कहा, ‘तेलुगू देशम पार्टी और चंद्रबाबू नायडू की ब्राह्मण विरोधी और पुजारी वंशानुक्रम विरोधी नीतियों का पालन किया जा रहा है. अगर यह जारी रहता है तो आपदा संभव है. कृपया कार्रवाई करें.’

रेड्डी ने कहा कि मंदिर के मानद मुख्य पुजारी को सोशल मीडिया पर अपने विचार रखने के बजाय उन्हें टीटीडी बोर्ड को देने चाहिए थे.

बता दें कि रमना दीक्षितुलु को रिटायरमेंट की उम्र पार करने के बाद 2018 में मंदिर के मुख्य पुजारी के पद से हटा दिया था. उन्होंने टीटीडी पर वित्तीय गड़बड़ी का आरोप लगाया था.

रेड्डी को मई 2019 में वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के सत्ता में आने के बाद मंदिर के सलाहकार के तौर पर सेवाएं देने के लिए उन्हें मानद मुख्य पुजारी नियुक्त किया गया था.

इससे पहले दुनिया के सबसे अमीर मंदिर ट्रस्ट में से एक तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) ने कहा था कि लॉकडाउन में उसे 400 करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा है, जिसके कारण उसे कर्मचारियों का वेतन देने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

मालूम हो कि केंद्र सरकार की अनलॉक योजना के अनुरूप मंदिर बोर्ड ने इसे 11 जून से दोबारा खोलने का फैसला किया था.