यह घटना शुक्रवार शाम को उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ की अत्यंत कड़ी सुरक्षा वाली जगह पर हुई, जहां विधान भवन और लोकभवन हैं. लोक भवन में ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का कार्यालय है. इस मामले में अमेठी के जामो थाने के प्रभारी निरीक्षक सहित तीन पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है.
अमेठी/लखनऊ: अमेठी की रहने वाली एक महिला और उनकी बेटी द्वारा लखनऊ में आत्मदाह की कोशिश करने के मामले में अमेठी में जामो थाने के प्रभारी निरीक्षक सहित तीन पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है.
भूमि विवाद के मामले में पुलिस की ओर से कथित तौर पर कार्रवाई नहीं किए जाने के विरोध में शुक्रवार को साफिया (50) और उसकी बेटी गुड़िया (28) ने लखनऊ में लोकभवन के सामने आत्मदाह का प्रयास किया था.
जिलाधिकारी अरुण कुमार एवं पुलिस अधीक्षक ख्याति गर्ग ने बताया कि साफिया का उनके पड़ोसी से नाली को लेकर कोई विवाद था. इस मामले में नौ जुलाई को मारपीट भी हुई थी.
उन्होंने बताया कि पुलिस ने इस मामले में नियमानुसार कार्रवाई की थी.
पुलिस ने शुक्रवार को बताया था कि घटना शुक्रवार शाम लगभग 5:30 बजे की है, जब अमेठी की दो महिलाओं ने खुद पर मिट्टी का तेल छिड़का और खुद को आग लगा ली.
उन्होंने बताया कि मौके पर मौजूद पुलिसकर्मी तुरंत उनकी ओर भागे.
इनमें से एक महिला का वीडयो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसमें वह आग की लपटों में भागती हुईं नजर आ रही हैं.
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि दोनों को सिविल अस्पताल की बर्न यूनिट में भर्ती कराया गया है. उनकी हालत गंभीर है.
यह घटना अत्यंत कड़ी सुरक्षा वाली जगह पर हुई, जहां विधान भवन और लोकभवन हैं. लोक भवन में ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का कार्यालय है.
नवभारत टाइम्स के मुताबिक 9 मई को साफिया का अपने पड़ोसी अर्जुन साहू से नाली को लेकर विवाद हुआ था. जिसमें गुड़िया की शिकायत पर पुलिस ने जामो थाने में अर्जुन साहू समेत चार लोगों के खिलाफ 323, 354 का मुकदमा दर्ज कर लिया था.
वहीं, अर्जुन साहू की शिकायत पर गुड़िया के खिलाफ भी धारा 323, 452, 308 का मुकदमा दर्ज हुआ था.
गर्ग ने बताया कि गुड़िया एवं उसकी मां ने आत्मदाह के प्रयास से संबंधित कोई पत्र नहीं दिया था और न ही खुफिया विभाग के पास इसकी कोई जानकारी थी.
उन्होंने बताया कि इस मामने में थाना प्रभारी जामो रतन सिंह, एक उप निरीक्षक एवं एक सिपाही को निलंबित कर दिया गया है. मामले की जांच अपर पुलिस अधीक्षक को सौंपी गई है और जांच रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.
It has come to light that it was done as per a criminal conspiracy in which some people played key role in instigating the women. We have registered FIR against 4 people including an MIM leader Kadir Khan & a Congress leader Anup Patel: Sujeet Pandey, Lucknow Police Commissioner https://t.co/KR90axabLC pic.twitter.com/0WrdoXL8Q6
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) July 18, 2020
घटना पर लखनऊ के पुलिस कमीश्नर सुजीत पांडे ने कहा, ‘ये घटना आपराधिक षड्यंत्र के तहत की गई जिसमें कुछ लोगों ने महिला को उकसाने में भूमिका निभाई है. इसमें एमआईएम नेता कदीर खान और कांग्रेस नेता अनूप पटेल समेत चार लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. खान और एक अन्य आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है.’
इस घटना को लेकर विपक्षी दलों ने उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पर निशाना साधा. सपा नेता अखिलेश यादव ने कहा कि क्या उत्तर प्रदेश में सरकार नाम की कोई चीज है.
उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘लोकभवन के सामने दो महिलाओं द्वारा आत्मदाह (के प्रयास) की घटना सोती हुई सरकार को जगाने के लिए क्या काफी नहीं है या फिर असंवेदनशील सरकार एवं मुख्यमंत्री जी किसी और बड़ी दुर्घटना का इंतजार कर रहे हैं. क्या उत्तर प्रदेश में सरकार नाम की कोई चीज है!’
वहीं, बसपा नेता मायवती ने लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की.
उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘जमीन विवाद मामले में अमेठी जिला प्रशासन से न्याय न मिलने पर मां-बेटी को लखनऊ में मुख्यमंत्री कार्यालय के सामने आत्मदाह (का प्रयास) करने को मजबूर होना पड़ा. उत्तर प्रदेश सरकार इस घटना को गंभीरता से ले, पीड़ितों को न्याय दे और लापरवाह अफसरों के विरूद्ध सख्त कार्रवाई करे, ताकि ऐसी घटना पुनः न हों.’
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)