गुंटूर कलेक्टर ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि हैदराबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी में पिछले साल आत्महत्या करने वाले रिसर्च स्कॉलर रोहित वेमुला दलित नहीं थे.
रिपोर्ट में कहा गया है कि रोहित दलित नहीं थे. उनके दलित होने का प्रमाण पत्र फर्जी तरीके से बनाया गया था. कलेक्टर ने समीक्षा रिपोर्ट के निष्कर्षों को रोहित के परिवार को भेज दिया है.
इससे पहले सोमवार को सरकार ने रोहित की मां राधिका को एक शो-कॉज नोटिस भेजा है, जिनका दावा था कि रोहित दलित हैं. नोटिस में पूछा गया है कि उनका प्रमाण पत्र क्यों न खारिज किया जाए.
हिंदुस्तान टाइम्स अख़बार से बात करते हुए गुंटूर जिला कलेक्टर कांतिलाल दांडे ने कहा, ‘जिला स्तरीय समीक्षा समिति की रिपोर्ट के आधार पर हमने पाया है कि रोहित की मां की ओर से उनके दलित होने संबंधी दिए गए प्रमाण पत्र फर्जी पाए गए. इसे रद्द करने का फैसला किया गया है. हमने रोहित की मां को नोटिस जारी किया है. तय समय के अंदर अगर वे सही प्रमाण पत्र नहीं दे पाती हैं तो रोहित और उनकी मां को ओबीसी माना जाएगा.’
राधिका के दूसरे बेटे राजा वेमुला ने नोटिस मिलने की बात की पुष्टि की है.
गौरतलब है कि पिछले साल 17 जनवरी को रोहित वेमुला ने अपने एक मित्र के हॉस्टल के कमरे में फांसी लगाकर जान दे दी थी. यूनिवर्सिटी के वीसी ने उन्हें और उनके पांच दोस्तों को निलंबित करने का आदेश जारी किया था. रोहित के फांसी लगाए जाने के बाद छात्रों ने वीसी के विरोध में लंबे समय तक प्रदर्शन किया था.