राजस्थान में जारी राजनीतिक घमासान और विधायकों की खरीद-फ़रोख़्त किए जाने के आरोपों के बीच कांग्रेस ने एक ऑडियो क्लिप का हवाला देते हुए केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और कांग्रेस विधायक भंवरलाल शर्मा पर राजस्थान सरकार को गिराने की कोशिश का आरोप लगाया है.
नई दिल्ली/जयपुर: राजस्थान सरकार को गिराने की कथित साजिश से जुड़े दो ऑडियो क्लिप सामने आने के बाद लगे फोन टैपिंग के आरोपों के संबंध में केंद्र सरकार ने शनिवार को राज्य के मुख्य सचिव से रिपोर्ट मांगी है.
एक अधिकारी ने बताया कि गृह मंत्रालय की ओर से भेजे गए पत्र में राजस्थान के मुख्य सचिव से फोन टैपिंग के आरोपों के बारे में रिपोर्ट भेजने को कहा गया है.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, बुधवार को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सदन में शक्ति परीक्षण के लिए विधानसभा का सत्र बुला सकते हैं. कांग्रेस नेता और पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने दावा किया था कि सरकार के पास सदन में पर्याप्त संख्या बल नहीं है, वहीं गहलोत ने दावा किया है कि 200 सदस्यों वाली विधानसभा में उन्हें 109 सदस्यों का समर्थन प्राप्त है.
राज्य विधानसभा में कुल 200 विधायकों में से कांग्रेस के पास 107 और भाजपा के पास 72 विधायक हैं. राज्य के 13 में से 12 निर्दलीय विधायकों का समर्थन भी कांग्रेस को है.
बहरहाल गृह मंत्रालय द्वारा फोन टैपिंग पर रिपोर्ट मांगे जाने पर कांग्रेस नेता और इस मामले में विधानसभा अध्यक्ष के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, ‘मंत्री सहित राजस्थान के विधायकों पर विधायकों की खरीद-फरोख्त और सरकार गिराने के आरोप लगे हैं.’
उन्होंने आगे कहा, ‘जांच, एफआईआर और आपराधिक प्रक्रिया जारी है. आपराधिक प्रक्रिया पूरी होने से रोकने के लिए भाजपा अपनी सुविधानुसार सीबीआई जांच की मांग कर रही है. गृह मंत्रालय ने भी तुरंत मामले में दखल दे दिया है. सीबीआई को सौंपने से क्लीनचिट मिल जाएगी और सच्चाई का गला घोंट दिया जाएगा.’
Serious allegations of horse trading &toppling re various #Raj MLAs incl Central Minister. Police inquiry, FIR & Crl process on. To avoid completion of Crl process, #BJP conveniently demands #CBI. #MHA immly steps in. Wl hand over 2CBI to give clean chit & thwart truth!
— Abhishek Singhvi (@DrAMSinghvi) July 19, 2020
उल्लेखनीय है कि कांग्रेस ने एक ऑडियो टेप का हवाला देते हुए केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को गिरफ्तार करने की मांग की है और आरोप लगाया है कि वह पार्टी के एक बागी विधायक भंवरलाल शर्मा के साथ मिलकर अशोक गहलोत सरकार को गिराने की साजिश में शामिल हैं.
हालांकि शेखावत ने कहा है कि ऑडियो में उनकी आवाज नहीं है और वह किसी भी जांच के लिए तैयार हैं. शर्मा एवं भाजपा ने इस ऑडियो को फर्जी बताया है.
इन दोनों टेप में कथित रूप से गहलोत सरकार को गिराने के लिए किए गए षड्यंत्र से जुड़ी बातचीत रिकॉर्ड है.
राजस्थान की कांग्रेस सरकार सचिन पायलट समेत अपने 19 विधायकों द्वारा विद्रोह कर रही है. कांग्रेस ने भाजपा पर सरकार गिराने की साजिश के पीछे होने का आरोप लगाया है.
दूसरी ओर भाजपा ने इन टेपों की जांच सीबीआई से कराने की मांग करते हुए आरोप लगाया कि राजस्थान सरकार लोगों के फोन टैप करवा रही है.
राजस्थान पुलिस के भ्रष्टाचार निरोधी ब्यूरो (एसीबी) ने दोनो ऑडियो क्लिप के मामले में भ्रष्टाचार निरोधी कानून के तहत मामला दर्ज किया है.
राजस्थान एसीबी के महानिदेशक आलोक त्रिपाठी ने कहा कि एजेंसी ने कांग्रेस के मुख्य सचेतक महेश जोशी की शिकायत के आधार पर प्राथमिकी दर्ज की है.
प्राथमिकी में बागी विधायक भंवरलाल शर्मा की गजेंद्र सिंह शेखावत और एक अन्य व्यक्ति संजय जैन के साथ बातचीत का विस्तृत ब्योरा है.
कांग्रेस का दावा है कि ऑडियो टेप में जिस गजेंद्र सिंह का नाम आ रहा है वह केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ही हैं.
कांग्रेस की अंतर्कलह का नुकसान राजस्थान की जनता को: वसुंधरा राजे
राजस्थान के राजनीतिक घटनाक्रम में अपनी चुप्पी तोड़ते हुए राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री एवं भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसुंधरा राजे ने शनिवार को कहा कि कांग्रेस की अंतर्कलह का नुकसान राज्य की आम जनता को हो रहा है.
इसके साथ ही राजे ने कहा कि पार्टी की निष्ठावान कार्यकर्ता के रूप में वे पार्टी एवं उसकी विचारधारा के साथ खड़ी हैं.
#Rajasthan के राजनीतिक घटनाक्रम पर कुछ लोग बिना किसी तथ्यों के भ्रम फैलाने की लगातार कोशिश कर रहे हैं। मैं पिछले तीन दशक से पार्टी की एक निष्ठावान कार्यकर्ता के रूप में जनता की सेवा करती आई हूं और पार्टी एवं उसकी विचारधारा के साथ खड़ी हूं।@BJP4India @BJP4Rajasthan
— Vasundhara Raje (@VasundharaBJP) July 18, 2020
राज्य में जारी मौजूदा राजनीतिक रस्साकशी एवं कांग्रेस के भाजपा नेताओं पर आरोप के बीच वसुंधरा राजे ने पहली बार कोई बयान दिया है.
राजे ने पहले ट्वीट कर कहा, ‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कांग्रेस की आतंरिक कलह का नुकसान आज राजस्थान की जनता को उठाना पड़ रहा है.’
उन्होंने कहा, ‘ऐसे समय में जब राज्य में कोरोना से 500 से अधिक मौत हो चुकी है और करीब 26,000 लोग संक्रमित मिल चुके हैं. जब टिड्डियां हमारे किसानों के खेतों पर लगातार हमले कर रही हैं, महिलाओं के खिलाफ अपराध ने सीमाएं लांघ दी हैं, ऐसे समय में कांग्रेस भाजपा एवं भाजपा नेतृत्व पर दोष लगाने का प्रयास कर रही है.’
राजे ने कहा, ‘सरकार के लिए सिर्फ और सिर्फ जनता का हित सर्वोपरि होना चाहिए.’ उन्होंने यह भी लिखा, ‘कभी तो जनता के बारे में सोचिए.’
उसके बाद राजे ने एक और ट्वीट कर कहा कि राजस्थान के राजनीतिक घटनाक्रम पर भ्रम फैलाने की कोशिश की जा रही है. राजे ने लिखा, ‘राजस्थान के राजनीतिक घटनाक्रम पर कुछ लोग बिना किसी तथ्य के भ्रम फैलाने की लगातार कोशिश कर रहे हैं.’
उन्होंने कहा, ‘मैं पिछले तीन दशक से पार्टी की एक निष्ठावान कार्यकर्ता के रूप में जनता की सेवा करती आई हूं और पार्टी एवं उसकी विचारधारा के साथ खड़ी हूं.’
गहलोत एवं राजे के बीच गठजोड़ का आरोप
इस बीच राजस्थान में भाजपा की सहयोगी राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) के सांसद हनुमान बेनीवाल ने मुख्यमंत्री गहलोत एवं राजे के बीच ‘गठजोड़’ का आरोप लगाया था.
पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने @INCRajasthan में उनके करीबी विधायको से दूरभाष पर बात करके उन्हें @ashokgehlot51 का साथ देने की बात कही,सीकर व नागौर जिले के एक एक जाट विधायको को राजे ने खुद इस मामले में बात करके @SachinPilot से दूरी बनाने को कहा जिसके पुख्ता प्रमाण हमारे पास है !
— HANUMAN BENIWAL (@hanumanbeniwal) July 16, 2020
उन्होंने ट्वीट कर कहा है, ‘पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने राजस्थान कांग्रेस में उनके करीबी विधायकों से दूरभाष पर बाते करके उन्हें अशोक गहलोत का साथ देने की बात कही. सीकर और नागौर जिले के एक एक जाट विधायक को राजे ने खुद इस मामले में बात करके सचिन पायलट से दूरी बनाने को कहा, जिसके पुख्ता प्रमाण हमारे पास हैं!’
बीटीपी के दो विधायकों का गहलोत सरकार को खुला समर्थन
राजस्थान में भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीटीपी) के दोनों विधायकों ने राज्य की अशोक गहलोत सरकार को समर्थन देने की सार्वजनिक तौर पर घोषणा की.
इन विधायकों ने कहा कि वे अपने पार्टी आलाकमान की अनुमति से अशोक गहलोत सरकार के समर्थन में हैं.
राज्य के मौजूदा राजनीतिक संकट के बीच इन विधायकों ने पहली बार खुलकर यह बात कही है.
बीटीपी के विधायकों- राजकुमार रोत एवं रामप्रसाद ने यहां कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में यह घोषणा की.
Bharatiya Tribal Party (BTP) hands over their letter of support to #Rajasthan Chief Minister Ashok Gehlot. pic.twitter.com/okV8l43YaP
— ANI (@ANI) July 18, 2020
इन विधायकों ने कहा कि उनके पार्टी अध्यक्ष एवं अन्य वरिष्ठ नेताओं ने राज्य की अशोक गहलोत सरकार को सशर्त समर्थन देने पर सहमति जताई है.
विधायकों के अनुसार शर्त यही है कि उनके विधानसभा क्षेत्रों में विकास संबंधी उनकी मांगों को पूरा किया जाएगा.
बीटीपी के विधायक एवं प्रदेश पदाधिकारी बाद में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से भी मिले.
गहलोत ने ट्वीट किया, ‘बीटीपी के दोनों विधायकों ने उनकी प्रदेश कार्यकारिणी के पदाधिकारियों के साथ मुलाकात कर और अपने मांग-पत्र के साथ चर्चा कर सरकार को समर्थन देने की घोषणा की.’
डोटासरा ने कहा, ‘बीटीपी विधायक एवं उनके पार्टी नेताओं की मुख्यमंत्री से चर्चा हुई. वे पहले से ही हमारे साथ हैं और गहलोत सरकार को समर्थन का पुन: भरोसा दिया है.’
उल्लेखनीय है कि मंगलवार को राजकुमार रोत का एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें वह आरोप लगा रहे हैं कि पुलिस उन्हें अपने निर्वाचन क्षेत्र में नहीं जाने दे रही.
इससे पहले पार्टी ने एक ह्विप जारी कर अपने विधायकों से कहा था कि वे राज्य के मौजूदा राजनीतिक घटनाक्रम में ‘तटस्थ’ रहें और विधानसभा में शक्ति परीक्षण की नौबत आती है तो वे न तो भाजपा और न ही कांग्रेस का समर्थन करें.
इस बारे में रोत ने कहा कि पुलिस की गलतफहमी के कारण उक्त घटना हुई. उन्होंने कहा, ‘मुझे नहीं पता उनके दिमाग में क्या था लेकिन उन्होंने कहा कि यह गलतफहमी से हुआ. अब सब ठीक है.’
ह्विप के बारे में रोत ने कहा कि वह पहले जारी की गई थी लेकिन अब पार्टी सरकार का समर्थन कर रही है.
मायावती ने राष्ट्रपति शासन की मांग की
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की प्रमुख मायावती ने राजस्थान में चल रही सियासी उठा-पठक के बीच शनिवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर तीखा हमला बोला और कहा कि राज्यपाल कलराज मिश्र को राज्य में राष्ट्रपति शासन की सिफारिश करनी चाहिए.
इस पर पलटवार करते कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने आरोप लगाया कि मायावती मजबूर हैं और अपनी मजबूरियों के चलते वह बार-बार कांग्रेस विरोधी टिप्पणियां करती हैं.
मायावती ने कुछ महीने पहले अपनी पार्टी के विधायकों के कांग्रेस में शामिल होने का उल्लेख करते हुए गहलोत पर निशाना साधा और दावा किया कि राजस्थान के मुख्यमंत्री ने पहले बसपा के विधायकों को दगाबाजी करके कांग्रेस में शामिल कराया और अब फोन टैपिंग करा कर असंवैधानिक काम किया है.
गौरतलब है कि पिछले साल राजस्थान में बसपा के सभी छह विधायक कांग्रेस में शामिल हो गए थे. उस समय भी मायावती ने कांग्रेस और गहलोत पर निशाना साधा था.
मायावती ने शनिवार को ट्वीट किया, ‘जैसा कि विदित है कि राजस्थान के मुख्यमंत्री गहलोत ने पहले दल-बदल कानून का खुला उल्लंघन व बसपा के साथ लगातार दूसरी बार दगाबाजी करके पार्टी के विधायकों को कांग्रेस में शामिल कराया और अब जग-जाहिर तौर पर फोन टैप करा के उन्होंने एक और गैर-कानूनी व असंवैधानिक काम किया है.’
2. इस प्रकार, राजस्थान में लगातार जारी राजनीतिक गतिरोध, आपसी उठा-पठक व सरकारी अस्थिरता के हालात का वहाँ के राज्यपाल को प्रभावी संज्ञान लेकर वहाँ राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश करनी चाहिए, ताकि राज्य में लोकतंत्र की और ज्यादा दुर्दशा न हो। 2/2
— Mayawati (@Mayawati) July 18, 2020
उन्होंने कहा, ‘इस प्रकार, राजस्थान में लगातार जारी राजनीतिक गतिरोध, आपसी उठापठक व सरकारी अस्थिरता के हालात का वहां के राज्यपाल को प्रभावी संज्ञान लेकर वहां राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश करनी चाहिए, ताकि राज्य में लोकतंत्र की और ज्यादा दुर्दशा न हो.’
मायावती की टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर खेड़ा ने संवाददाताओं से कहा, ‘आप किसी मजबूर नेता की टिप्पणी के बारे में पूछें तो आप उसकी मजबूरी का मजाक उड़ा रहे हैं. उनकी कुछ मजबूरियां हैं इसलिए वह बार-बार इस तरह की टिप्पणियां करती हैं. उनकी मजबूरी पर मुझे कोई टिप्पणी नहीं करनी है.’
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)