घटना सूरत के एसएमआईएमईआर अस्पताल का है. परिवार का आरोप है कि अस्पताल ने महिला को इलाज के दौरान ही डिस्चार्ज कर दिया. वहीं अस्पताल का कहना है कि इस घटना में उनकी कोई ग़लती नहीं है.
गुजरात के सूरत में एसएमआईएमईआर अस्पताल में भर्ती 70 साल की कोरोना की मरीज की शुक्रवार रात को अस्पताल से डिस्चार्ज किए जाने के कुछ घंटों बाद ही मौत हो गई.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, परिवार का आरोप है कि अस्पताल ने उन्हें इलाज के दौरान ही डिस्चार्ज कर दिया था लेकिन अस्पताल प्रशासन ने इन आरोपों से इनकार किया है.
महिला को 13 जुलाई को अस्पताल में भर्ती कराया गया था.
मृतका के बेटे सुरेशभाई चोवतिया ने कहा, ‘शुक्रवार शाम छह बजे मुझे एसएमआईएमईआर अस्पताल से फोन आया, डॉक्टरों ने मुझे बताया कि मेरी मां ठीक हो गई हैं. उन्होंने मुझे हमारी सोसाइटी के गेट पर आने को कहा, उन्होंने मेरी मां को रात आठ बजे वहां छोड़ने की बात कही. पांच मिनट बाद मैं गेट पर पहुंचा, मैंने अपनी मां को फुटपाथ पर देखा. मैं उन्हें घर ले आया.’
उन्होंने आगे बताया, ‘मेरे पिता भी होम क्वारंटीन थे और पूरी तरह से ठीक हो गए थे. हम उन्हें वापस लाकर खुश थे लेकिन उन्होंने थकावट की शिकायत की और कहा कि वह सोना चाहती हैं. एक घंटे बाद ही उनकी मौत हो गई. हमने अपने फैमिली डॉक्टर को बुलाकर उनकी जांच कराई.’
उन्होंने कहा, ‘हमें संदेह है कि उन्हें पूरी तरह ठीक होने से पहले ही अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया था. हमने मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉ. वंदना देसाई से शिकायत भी की लेकिन उन्होंने हमारी बात पर विश्वास नहीं किया.’
देसाई का कहना है, ‘किसी भी मरीज को इलाज के बीच में ही अस्पताल से डिस्चार्ज नहीं किया गया. शिकायत मिलने पर मैंने उनकी इलाज की फाइल चेक की और पता चला कि वह पूरी तरह से ठीक हो गई थीं. हमारी बस ने उन्हें उनके घर तक छोड़ा. उन्हें हाइपरटेंशन की समस्या थी. यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण घटना है.’
एसएमआईएमईआर अस्पताल प्रशासन ने शनिवार दोपहर एक प्रेस नोट जारी किया, जिसमें कहा गया कि मेरी मां को पूरी तरह ठीक होने के बाद ही अस्पताल से डिस्चार्ज किया गया था और उनकी मौत में अस्पातल प्रशासन की कोई गलती नहीं है.