कोर्ट में दायर एक याचिका में आरोप लगाया गया है कि कोविड-19 नियंत्रण के नियमों का उल्लंघन कर एक पूर्व मंत्री के परिवार में विवाह समारोह का आयोजन किया गया था.
नई दिल्ली: कर्नाटक हाईकोर्ट ने बीते शुक्रवार को राज्य सरकार को निर्देश दिया कि सामाजिक दूरी और मास्क पहनने के के नियमों का उल्लंघन करने वाले राजनीतिक व्यक्तियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए.
जस्टिस अभय ओका और जस्टिस एम. नागाप्रसन्ना की पीठ ने कहा कि राज्य सरकार की जिम्मेदारी है कि वे कार्रवाई कर ये सुनिश्चित करें कि चाहे कोई कितना ही प्रभावशाली हो, यदि वो आपदा प्रबंधन कानून के तहत जारी आदेशों का उल्लंघन करता है तो उसे छोड़ा नहीं जाएगा.
लाइव लॉ के मुताबिक, इस मामले को लेकर दायर की गई याचिका पर कोर्ट ने राज्य सरकार से 24 जुलाई तक जवाब दाखिल करने को कहा है.
याचिका में आरोप लगाया गया है कि कोविड-19 नियंत्रण के नियमों का उल्लंघन कर एक पूर्व मंत्री के परिवार में विवाह समारोह का आयोजन किया गया था.
इन आरोपों पर संज्ञान लेते हुए पीठ ने कहा, ‘यदि ये आरोप सही हैं तो राजनीतिक नेताओं द्वारा सामाजिक दूरी और मास्क पहनने के नियमों का गंभीर उल्लंघन किया गया है.’
याचिका में कहा गया है कि 27 जून को नदाप्रभू केम्पेगौड़ा की एक प्रतिमा लगाने के कार्यक्रम में इन नियमों का उल्लंघन किया गया था.
एक अन्य आवेदन में कहा गया कि 29 जून को एक विरोध प्रदर्शन हुआ था जिसमें कोविड-19 दिशानिर्देशों का पालन नहीं किया गया.
पीठ ने कहा कि राज्य सरकार की ये जिम्मेदारी है कि वे इन मामलों को देखें और यदि इनमें उल्लंघन पाए जाते हैं तो राज्य कार्रवाई करे.
सुनवाई के दौरान अतिरिक्त महाधिवक्ता ध्यान चिन्नप्पा ने अदालत को सूचित किया कि सभी जिलों में शिकायत निवारण तंत्र स्थापित किया गया है, जिसमें सामाजिक दूरी के नियमों और मास्क नहीं पहनने को लेकर लोग शिकायत कर सकते हैं.
उन्होंने आगे कहा कि कि सभी उपायुक्तों को एक निर्देश जारी किया गया है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण सही से काम करता रहे.
मामले की अगली सुनवाई 27 जुलाई को होगी.