श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने बीते शनिवार अयोध्या में राम मंदिर की आधारशिला रखने के लिए तारीख़ों का सुझाव देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस कार्यक्रम के लिए आमंत्रित किया है.
मुंबई: एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने रविवार को कहा कि कुछ लोगों को लगता है कि मंदिर बनाने से कोरोना वायरस महामारी का उन्मूलन करने में मदद मिलेगी.
एक दिन पहले ही श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने अयोध्या में राम मंदिर की आधारशिला रखने के लिए अगले महीने की दो तारीखों का सुझाव दिया था, जिसके बाद उनकी यह टिप्पणी आई है.
ट्रस्ट ने तीन या पांच अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को शिलान्यास करने के लिए आमंत्रित किया है.
पवार ने सोलापुर में संवाददाताओं से कहा, ‘‘कोविड-19 का उन्मूलन महाराष्ट्र सरकार की प्राथमिकता है, लेकिन कुछ लोगों को लगता है कि मंदिर का निर्माण करने से इस पर काबू पाने में मदद मिलेगी.’’
दरअसल, उनसे राम मंदिर की आधारशिला रखे जाने की प्रस्तावित तिथि के बारे में सवाल किया गया, जिसके जवाब में उन्होंने यह कहा.
इस बीच, दक्षिण मुंबई से शिवसेना सांसद अरविंद सावंत ने कहा कि भगवान राम उनकी पार्टी के लिए आस्था का विषय हैं और इस मुद्दे पर उनकी पार्टी कोई राजनीति नहीं करेगी. उन्होंने कहा कि राम मंदिर आंदोलन में शिवसेना की एक अहम भूमिका रही है.
पार्टी अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री बनने से पहले और कार्यभार संभालने के बाद भी अयोध्या का दौरा किया था. शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस की महाराष्ट्र में गठबंधन सरकार है.
सावंत ने कहा कि लोगों का स्वास्थ्य सुनिश्चित करना और उन्हें सुरक्षा प्रदान करना शिवसेना नीत राज्य सरकार की प्राथमिकताएं हैं, जो रामराज्य की अवधारणा है.
मालूम हो कि नौ नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने बाबरी मस्जिद-रामजन्मभूमि जमीन विवाद पर अपना फैसला सुनाते हुए विवादित जमीन पर मुस्लिम पक्ष का दावा खारिज करते हुए हिंदू पक्ष को जमीन देने को कहा था.
एक सदी से अधिक पुराने इस मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि रामजन्मभूमि न्यास को 2.77 एकड़ ज़मीन का मालिकाना हक़ मिलेगा. वहीं, सुन्नी वक़्फ़ बोर्ड को अयोध्या में ही पांच एकड़ ज़मीन दी जाएगी.
इसके करीब तीन महीने बाद केंद्र सरकार ने अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए एक ट्रस्ट के गठन को मंजूरी दे दी थी.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)