राजस्थान की सियासी खींचतान पर बात करते हुए छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एक अख़बार से कहा था कि उमर और महबूबा मुफ़्ती पर एक ही क़ानून की समान धाराएं लगाई गई थीं. मुफ़्ती अब भी हिरासत में हैं जबकि अब्दुल्ला बाहर हैं. क्या यह इसलिए है क्योंकि अब्दुल्ला सचिन पायलट के साले हैं?
श्रीनगर: नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने करीब नौ महीने की हिरासत से उनकी रिहाई को राजस्थान में कांग्रेस सरकार के खिलाफ सचिन पायलट की बगावत के साथ कथित रूप से जोड़ने वाले छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बयान पर सोमवार को कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की.
ट्विटर पर अपनी नाराजगी प्रकट करते हुए जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री अब्दुल्ला ने कहा कि एक प्रमुख अंग्रेजी अखबार के साथ साक्षात्कार के दौरान इस तरह की टिप्पणी करने को लेकर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के खिलाफ वह कानूनी कार्रवाई करेंगे.
उन्होंने ट्विटर पर लिखा, ‘मैं इस सर्वथा मानहानिकारक और झूठे आरोप से तंग हो चुका हूं कि सचिन पायलट जो कुछ कर रहे है, उसका कहीं न कहीं मेरे या मेरे पिता की हिरासत से इस साल के प्रारंभ में रिहाई से संबंध है. अब बहुत हो गया. श्री भूपेश बघेल मेरे वकीलों बात करेंगे.’
उन्होंने इसे कांग्रेस नेता राहुल गांधी, रणदीप सिंह सुरजेवाला और कांग्रेस पार्टी को भी टैग किया.
अब्दुल्ला के टैग करने के कुछ ही मिनट बाद बघेल ने अपने विवादास्पद बयान को ज्यादा तवज्जो न दिए जाने की कोशिश की और ट्वीट किया,‘उमर अब्दुल्ला जी, कृपया लोकतंत्र के त्रासद नाश को अवसर में तब्दील न करें. ‘आरोप’ बस एक पूछा गया सवाल था और हम यह पूछते रहेंगे और देश भी पूछेगा.’
Please do not try to turn this tragic demise of democracy into an opportune moment @OmarAbdullah ji.
The 'allegation' was only a question asked, and we will keep asking it, as will the country. https://t.co/VCavNt1BXM
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) July 20, 2020
अब्दुल्ला ने गुस्से में तपाक से जवाब दिया, ‘आप मेरे वकीलों को अपना जवाब भेज सकते हैं. यही वो बात है जो कांग्रेस के साथ आजकल गड़बड़ है, आप अपने विरोधियों में अपने मित्रों को नहीं जाने. आप लोग जिस गड़बड़ी में हैं, उसकी यही वजह है. आपका ‘प्रश्न’ मानहानिकारक है और वह प्रतिरोध से नहीं बच सकता.’
एक प्रमुख अंग्रेजी अखबार के अनुसार बघेल ने कहा, ‘जहां तक सचिन पायलट की बात है, तो वैसे मैं राजस्थान की घटनाओं पर बहुत ज्यादा नजर नहीं रख रहा हूं लेकिन एक बात किसी को जिज्ञासु बनाती है कि क्यों उमर अब्दुल्ला को रिहा किया गया? उन पर और महबूबा मुफ्ती जी पर एक ही कानून की समान धाराएं लगाई गई थीं, वह तो अब भी हिरासत में हैं जबकि वह (अब्दुल्ला) बाहर हैं. क्या यह इसलिए है क्योंकि अब्दुल्ला, सचिन पायलट के साले हैं?’
ज्ञात हो कि उमर अब्दुल्ला की बहन सारा सचिन पायलट की पत्नी हैं. कांग्रेस ने पायलट की बगावत के पीछे भाजपा का हाथ होने का आरोप लगाया है.
बता दें कि बगावत के चलते पायलट को राजस्थान के उपमुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के पद से हटा दिया गया है. इसके बाद सचिन पायलट ने कहा था कि वे भाजपा में नहीं शामिल हो रहे हैं और अभी भी कांग्रेस पार्टी के सदस्य हैं.
हालांकि, राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत लगातार आरोप लगा रहे हैं कि पायलट पिछले छह महीने से भाजपा के साथ मिलकर सरकार गिराने की साजिश रच रहे हैं और उनके पास विधायकों की खरीद-फरोख्त के सबूत हैं.
नेशनल कॉन्फ्रेंस ने भी बयान जारी कर बघेल की टिप्पणी पर कड़ा ऐतराज जताया और कहा कि यह कहना मानहानिकारक है कि अब्दुल्ला की रिहाई का कहीं न कहीं संबंध पायलट की बगावत से है.
पार्टी ने बयान में कहा, ‘हमने बघेल के मानहानिकारक बयान का संज्ञान ले लिया है और हम अपने वकीलों से बात कर रहे हैं और उपयुक्त कानूनी कार्रवाई करेंगे.’
केंद्र द्वारा जम्मू कश्मीर के विशेष दर्जे को खत्म करने और उसे दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटने की घोषणा करने से पूर्व अब्दुल्ला को पिछले साल चार और पांच अगस्त की दरम्यानी रात को हिरासत में ले लिया गया था. कई स्थानीय नेताओं को भी हिरासत में लिया गया था.
बीते 24 मार्च को नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला पर से पीएसए हटाते हुए रिहा कर दिया गया था. इससे पहले पीएसए के तहत ही हिरासत में रखे गए उमर के पिता और पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला बीते 13 मार्च को रिहा कर दिए गए थे.
हालांकि, पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की नेता महबूबा मुफ्ती को अभी भी पीएसए के तहत हिरासत में रखा गया है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)