एयर इंडिया ने कहा है कि जिन कर्मचारियों का कुल मासिक वेतन 25,000 रुपये से ज़्यादा है, उनके भत्तों में 50 फीसदी तक की कमी की जाएगी, हालांकि कंपनी की ओर से ये भी कहा गया है कि अन्य एयरलाइनों की तरह उसके किसी कर्मचारी की नौकरी नहीं जाएगी.
नई दिल्ली: एयर इंडिया के तनख्वाह में कटौती और अनिवार्य रूप से बिना वेतन के छुट्टी पर भेजने (आईएलडब्ल्यू) की योजना जैसे कदमों से कुछ कर्मचारियों पर विनाशकारी मनोवैज्ञानिक प्रभाव पड़ने की आशंका है. यह बात एयरलाइन के पायलटों की एक प्रमुख यूनियन ने बृहस्पतिवार को कही.
एक्जीक्यूटिव पायलट्स एसोसिएशन (ईपीए) ने विमानन मंत्री हरदीप सिंह पुरी को पत्र लिखकर कहा कि ‘वंदे भारत मिशन’ के तहत विदेश में फंसे भारतीय को वापस लाने की पायलटों को भारी कीमत चुकानी पड़ी है. आज की तारीख तक एयर इंडिया के 60 से अधिक पायलट कोविड-19 से संक्रमित पाए गए हैं.
एयर इंडिया ने बुधवार को ऐलान किया था कि जिन कर्मचारियों का कुल मासिक वेतन 25,000 रुपये से ज्यादा है, उनके भत्तों में 50 फीसदी तक की कमी की जाएगी.
ईपीए ने बृहस्पतिवार को कहा कि हमारा संघ, बड़े पैमाने पर जबरन वेतन कटौती और अनिवार्य एलडब्ल्यूपी योजना से कुछ कर्मचारियों पर विनाशकारी मनोवैज्ञानिक प्रभाव पड़ने की आशंका से चिंतित हैं.
ईपीए ने पायलटों की तनख्वाह में कटौती को भेदभावपूर्ण, असंगत और मनमाना बताया है.
इससे पहले बीते 20 जुलाई को एयर इंडिया की पायलट यूनियन भारतीय वाणिज्यिक पायलट संघ (आईसीपीए) ने कहा था कि विमानन कंपनी द्वारा पायलटों के वेतन में कोई भी एकतरफा बदलाव गैरकानूनी होगा और इस कारण हालात किसी भी हद तक भड़क सकते हैं.
गौरतलब है कि कोरोना वायरस महामारी के कारण लगाए गए यात्रा प्रतिबंधों के कारण विमानन क्षेत्र पर काफी असर पड़ा है. भारत में 25 मई से घरेलू यात्री उड़ानों का संचालन शुरू हो गया था.
एयर इंडिया ने कहा, अन्य एयरलाइनों की तरह हमारे किसी कर्मचारी की नौकरी नहीं जाएगी
एयर इंडिया ने गुरुवार को कहा कि बड़ी संख्या में कर्मचारियों को हटाने वाली अन्य एयरलाइनों की तरह इसके किसी कर्मचारी की नौकरी नहीं जाएगी.
बता दें कि देश की सबसे बड़ी एयरलाइन कंपनी इंडिगो ने बीते 20 जुलाई को घोषणा की थी कि कोविड-19 महामारी की वजह से उत्पन्न आर्थिक संकट के चलते वह अपने 10 प्रतिशत कर्मचारियों को हटाएगी.
Recent decisions of AirIndia Board regarding rationalization of staff cost were reviewed in a meeting at @MoCA_goi this evening.The meeting reiterated that unlike other carriers which have laid off large number of their employees,no employee of AirIndia will be laid off. (1/3)
— Air India (@airindiain) July 23, 2020
एयर इंडिया ने बृहस्पतिवार को ट्विटर पर कहा, ‘कर्मचारियों के वेतन पर होने वाले खर्च को तर्कसंगत बनाने के एयर इंडिया बोर्ड के हालिया निर्णय की आज शाम नागरिक उड्डयन मंत्रालय की एक बैठक में समीक्षा की गई. बैठक में दोहराया गया कि अन्य एयरलाइनों की तरह एयर इंडिया के किसी कर्मचारी की नौकरी नहीं जाएगी.’
Flying crew will be paid as per the actual number of hours flown. As domestic and international operations expand to reach pre-COVID levels and the financial position of Air India improves, the rationalization of allowances will be reviewed.(3/3)
— Air India (@airindiain) July 23, 2020
राष्ट्रीय संवाहक ने 25 हजार से अधिक कुल मासिक वेतन पाने वाले कर्मचारियों के भत्तों में 50 प्रतिशत तक की कटौती की बुधवार को घोषणा की थी.
इसने ट्विटर पर कहा, ‘किसी भी श्रेणी के कर्मचारी के मूल वेतन, महंगाई भत्ता और एचआरए में कोई कटौती नहीं की जाएगी. कोविड-19 की वजह से एयरलाइन की मुश्किल वित्तीय स्थिति के चलते भत्तों को तर्कसंगत करने का निर्णय करना पड़ा.’
इसने कहा कि चालक दल के सदस्यों को उड़ान के घंटों के आधार पर भुगतान किया जाएगा.
एयरलाइन ने कहा, ‘घरेलू और अंतरराष्ट्रीय परिचालन के कोविड-19 से पहले जैसी स्थिति पर पहुंचने तथा एयर इंडिया की वित्तीय हालत में सुधार होने पर तर्कसंगत किए गए भत्तों की समीक्षा की जाएगी.’
एयर इंडिया ने कर्मचारियों के वेतन को तर्कसंगत बनाने के प्रयास के तहत एक महत्वपूर्ण कदम में 14 जुलाई को एक आंतरिक आदेश जारी कर अपने विभाग प्रमुखों तथा क्षेत्रीय निदेशकों से कार्यक्षमता, स्वास्थ्य जैसे विभिन्न कारकों के आधार पर ऐसे कर्मचारियों की पहचान करने को कहा था जिन्हें बिना वेतन पांच साल तक की आवश्यक छुट्टी पर भेजा जा सके.
इसने कहा था कि कर्मचारी स्वैच्छिक रूप से भी बिना वेतन अवकाश पर जाने का विकल्प चुन सकते हैं.
एयर इंडिया पर लगभग 70,000 करोड़ रुपये का कर्ज है और सरकार ने इस साल जनवरी में इसके निजीकरण की प्रक्रिया शुरू की है.
उल्लेखनीय है कि कोरोना वायरस की महामारी की वजह से भारत और अन्य देशों में यात्रा पर लगे प्रतिबंध की वजह से विमानन कंपनियों पर काफी असर हुआ है.
भारत की सभी विमानन कंपनियों ने वेतन में कटौती, बिना वेतन छुट्टी पर भेजने, कर्मचारियों को निकालने सहित अन्य उपाय खर्चों में कटौती के लिए किए हैं.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)