शुक्रवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के कैबिनेट की विधानसभा सत्र बुलाने की मांग को राज्यपाल कलराज मिश्र ने कोई भी महत्वपूर्ण कारण और एजेंडा न बताने जैसे छह बिंदुओं का हवाला देते हुए ख़ारिज कर दिया था.
नई दिल्ली/जयपुर: राजस्थान में पिछले दो हफ्तों से जारी सियासी खींचतान में सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट से राहत न मिलने और राज्यपाल कलराज मिश्र द्वारा विधानसभा का सत्र बुलाने की कैबिनेट की मांग ठुकराए जाने के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार देर रात एक बार फिर कैबिनेट बैठक बुलाई.
इस बैठक का उद्देश्य विधानसभा का सत्र बुलाने के लिए राज्यपाल को दूसरी बार कैबिनेट की सिफारिश भेजना था. इस बैठक में विधानसभा का सत्र बुलाने की मांग खारिज करते हुए राज्यपाल ने जिन छह बिंदुओं को उठाया गया था उन पर भी चर्चा की गई.
बता दें कि शुक्रवार को राजस्थान हाईकोर्ट ने सचिन पायलट और 18 अन्य बागी विधायकों को विधानसभा अध्यक्ष द्वारा भेजे गए अयोग्यता के नोटिसों पर यथास्थिति बरकरार रखने का आदेश दिया था.
एनडीटीवी के अनुसार, शुक्रवार को विधानसभा सत्र बुलाने की कैबिनेट की मांग को खारिज करते हुए राजभवन ने छह बिंदुओं पर जवाब मांगा है.
राजभवन द्वारा जिन छह बिंदुओं को उठाया गया है उनमें से एक यह भी है कि राज्य सरकार का बहुमत है तो विश्वास मत प्राप्त करने के लिए सत्र आहूत करने का क्या औचित्य है?
इसके साथ ही राज्यपाल ने यह भी कहा है कि विधानसभा सत्र किस तिथि से आहूत किया जाना है, इसका उल्लेख कैबिनेट नोट में नहीं है और न ही कैबिनेट द्वारा कोई अनुमोदन किया गया है.
सूत्रों के मुताबिक गहलोत कैबिनेट ने विधानसभा सत्र बुलाने के लिए प्रस्ताव पास करवा लिया है जिसे शनिवार को राज्यपाल को सौंपा जा सकता है.
सूत्रों के अनुसार कैबिनेट की बैठक में फैसला लिया गया कि विधानसभा सत्र का एजेंडा कोरोना वायरस और उसकी वजह से उपजा आर्थिक संकट है.
वहीं, दूसरी तरफ राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा कि वह संविधान के अनुसार ही काम करेंगे.
मिश्र ने एक बयान में कहा कि सामान्य प्रक्रिया के तहत, सत्र को बुलाए जाने के लिए 21 दिन के नोटिस की आवश्यकता होती है. साथ ही उन्होंने कहा कि उन्हें घोषणा करने से पहले कुछ बिंदुओं पर राज्य सरकार की प्रतिक्रिया की आवश्यकता थी.
राज्यपाल ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोई भी महत्वपूर्ण कारण और एजेंडा नहीं बताया जिससे कि विधानसभा का आपात सत्र बुलाया जाए.
गौरतलब है कि विधानसभा सत्र की मांग को लेकर कांग्रेस और उसके समर्थक विधायकों ने राजभवन में धरना दिया. ये विधायक विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने का सामूहिक आग्रह करने के लिए राज्यपाल से मिलने गए थे और उसके बाद वहां धरने पर बैठ गए.
हालांकि राज्यपाल के आश्वासन के बाद यह धरना शुक्रवार रात समाप्त हो गया. राज्यपाल ने कांग्रेस विधायकों को आश्वस्त किया है कि वह इस मामले में किसी दबाव और द्वेष के बिना संविधान का अनुपालन करेंगे.
वहीं, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भाजपा पर राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार को गिराने का षड्यंत्र रचने का आरोप लगाते हुए शुक्रवार को कहा कि राज्यपाल कलराज मिश्र को विधानसभा का सत्र बुलाना चाहिए ताकि सच्चाई देश के सामने आ सके.
देश में संविधान और क़ानून का शासन है।
सरकारें जनता के बहुमत से बनती व चलती हैं।
राजस्थान सरकार गिराने का भाजपाई षड्यंत्र साफ़ है। ये राजस्थान के आठ करोड़ लोगों का अपमान है।
राज्यपाल महोदय को विधान सभा सत्र बुलाना चाहिए ताकि सच्चाई देश के सामने आए।#ArrogantBJP
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) July 24, 2020
उन्होंने ट्वीट किया, ‘देश में संविधान और क़ानून का शासन है. सरकारें जनता के बहुमत से बनती व चलती हैं.राजस्थान सरकार गिराने का भाजपाई षड्यंत्र साफ है. ये राजस्थान के आठ करोड़ लोगों का अपमान है.’
कांग्रेस नेता कहा, ‘राज्यपाल महोदय को विधानसभा सत्र बुलाना चाहिए ताकि सच्चाई देश के सामने आए.’
Rajasthan: Congress workers hold protest against the Bharatiya Janata Party, at Indian Youth Congress office in Jaipur#RajasthanPoliticalCrisis pic.twitter.com/8290ArzjOU
— ANI (@ANI) July 25, 2020
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, शनिवार को कांग्रेस राजस्थान के सभी जिला मुख्यालयों पर भाजपा द्वारा लोकतंत्र की हत्या किए जाने का आरोप लगाते हुए विरोध प्रदर्शन किया.
पायलट खेमे के विधायकों ने कहा- बंधक नहीं बनाया है
राजस्थान की राजनीतिक रस्साकशी के बीच कांग्रेस के बागी नेता सचिन पायलट खेमे के कुछ विधायकों ने शनिवार को इन आरोपों को गलत बताया कि उन्हें हरियाणा के एक होटल में बंधक बनाया हुआ है. इन विधायकों के अनुसार वे अपनी स्वेच्छा से पायलट के साथ हैं.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से नाराज होकर पायलट के साथ गए ऐसे तीन विधायकों ने अपने बयान के वीडियो जारी किए.
मुख्यमंत्री गहलोत ने पायलट खेमे के विधायकों की ओर इशारा करते हुए सुबह संवाददाताओं से कहा था, ‘हमारे कुछ साथी जिनको बंधक बना रखा है हरियाणा के अंदर, उन्हें पूरा भाजपा की देखरेख में बंधक बनाया हुआ है. हो सकता है कि वे वहां से छूटना चाहते हों, हो सकता है कि बाउंसर लगा रखे हो वहां पर, पुलिस लगा रखी है.’
इस पर विधायक सुरेश मोदी ने अपनी वीडियो में कहा, ‘मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि न हमें किसी ने बंधक बना रखा है, न हमारे पास बाउंसर बैठे हैं, न हम बीमार हैं और न हम आंसू बहा रहे हैं. न ही हम वहां आने के लिए तड़प रहे हैं.’ उन्होंने कहा, ‘हम अपनी स्वेच्छा से यहां हैं.’
Few people sitting in Jaipur are claiming that we are being held hostage. We came here on our own will. Infact, I got a pass made through DM to reach here: Vedprakash Solanki, Congress MLA from Sachin Pilot camp. #RajasthanPoliticalCrisis pic.twitter.com/WoPC1EP3cu
— ANI (@ANI) July 24, 2020
एक अन्य विधायक वेद प्रकाश सोलंकी वीडियो में कह रहे हैं, ‘ कुछ लोग जयपुर में बैठ हुए आरोप लगा रहे हैं कि हम तमाम विधायकों को बंधक बनाया हुआ है. मैं कहना चाहता हूं कि हम स्वेच्छा से आए हैं. इसमें किसी पार्टी विशेष ने किसी को बंधक नहीं बनाया, हम स्वेच्छा से आए हैं और स्वेच्छा से रुके हुए हैं.’
इन विधायकों के वीडियो में कुछ और विधायक भी बैठे नजर आ रहे हैं. हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि ये वीडियो कब और कहां बनाई गयी है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)