पटना के हाजीपुर सदर अस्पताल का मामला. आरोप हैं कि अस्पताल प्रशासन ने 12 घंटे पहले आई डॉक्टर की कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट को उन्हीं से छिपाए रखा. इस दौरान संक्रमित डॉक्टर ने चार नर्सों के साथ आठ घंटे में 12 नवजात बच्चों का इलाज किया.
पटनाः बिहार की राजधानी पटना के हाजीपुर के सदर अस्पताल में एक बाल रोग विशेषज्ञ डॉक्टर के कोरोना संक्रमित होने का मामला सामने आया है.
एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, अस्पताल प्रशासन पर डॉक्टर की 12 घंटे पहले आई कोरोना रिपोर्ट छिपाने का आरोप है, जिसके बाद कोरोना संक्रमित डॉक्टर को शुक्रवार सुबह की शिफ्ट में काम के लिए बुलाया गया.
संक्रमित डॉक्टर को उनके कोरोना पॉजिटिव होने की जानकारी शाम के समय दूसरे साथी से मिली. इससे पहले संक्रमित डॉक्टर ने दिन के समय यूनिट में चार नर्सों के साथ मिलकर आठ घंटे काम किया था और 12 नवजात बच्चों का इलाज किया.
अस्पताल में शिफ्ट बदलने के बाद जब दूसरे डॉक्टर ने सीएस से जानकारी मांगी तो कहा गया कि डॉक्टर के पॉजिटिव होने की जानकारी देर से मिली, इसलिए संबंधित डॉक्टर को इसकी जानकारी नहीं दी जा सकी.
इस मामले के सामने आने के बाद परिजन और यूनिट स्टाफ अस्पताल प्रशासन पर नवजात शिशुओं का कोरोना संक्रमित डॉक्टर से इलाज कराने के आरोप लगा रहे हैं.
मालूम हो कि रविवार को यूनिट के सभी स्टाफ की कोरोना जांच कराई जाएगी. बिहार में अब तक कोरोना के 33,926 मामले दर्ज हो चुके हैं जबकि कोरोना से 220 लोगों की मौत हो चुकी है.