यूपी: गोरखपुर में अपहरण के बाद बच्चे की हत्या, विपक्ष ने कहा- बढ़ता जा रहा है जंगलराज

मामला गोरखपुर ज़िले के पिपराइच इलाके का है, जहां अपहरण किए गए एक छठी कक्षा के छात्र का शव नाले में मिला. प्रदेश में बढ़ते अपराधों का हवाला देते हुए विपक्ष ने क़ानून और व्यवस्था की स्थिति को लेकर राज्य सरकार पर निशाना साधा है.

योगी आदित्यनाथ. (फोटो साभार: फेसबुक/@MYogiAdityanath)

मामला गोरखपुर ज़िले के पिपराइच इलाके का है, जहां अपहरण किए गए एक छठी कक्षा के छात्र का शव नाले में मिला. प्रदेश में बढ़ते अपराधों का हवाला देते हुए विपक्ष ने क़ानून और व्यवस्था की स्थिति को लेकर राज्य सरकार पर निशाना साधा है.

योगी आदित्यनाथ. (फोटो साभार: फेसबुक/MYogiAdityanath)
योगी आदित्यनाथ. (फोटो साभार: फेसबुक/MYogiAdityanath)

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में सोमवार को पुलिस ने एक 14 साल के बच्चे के अपहरण और हत्या के सिलसिले में पांच लोगों को गिरफ्तार किया.

गोरखपुर जिले के पिपराइच इलाके में रविवार को अपह्रत किए गए छठी कक्षा के 14 वर्षीय छात्र बलराम गुप्ता का पुलिस ने सोमवार को शव बरामद किया था.

इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, गिरफ्तार किए गए लोगों में से मुख्य आरोपी पीड़ित का पड़ोसी है.

गोरखपुर एसएसपी सुनील कुमार गुप्ता ने कहा, ‘पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है और दो अन्य आरोपी फरार हैं.’

पुलिस ने बताया कि छठी कक्षा के छात्र बलराम गुप्ता के पिता महाजन गुप्ता की परचून और पान की दुकान है. बच्चे का अपहरण रविवार को हुआ था और उसके बाद परिवार को फिरौती के लिये फोन आया था.

महाजन गुप्ता ने बताया, ‘रविवार की दोपहर बलराम खाना खाने के बाद घर के बाहर खेलने गया था. शाम को मेरे पास एक अनजान नंबर से फोन आया और मुझसे बच्चे के बदले एक करोड़ रुपये की फिरौती मांगी गई. मैने तुरंत पुलिस को इसकी सूचना दी.’

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सुनील कुमार गुप्ता ने सोमवार को बताया कि जैसे ही इस घटना की जानकारी मिली पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए अपहरणकर्ताओं को रविवार की रात गिरफ्तार कर लिया था.

उन्होंने बताया कि पूछताछ के दौरान अपहरणकर्ताओं ने बताया कि उन्होंने बच्चे को रात को ही मार दिया था और उनसे मिली जानकारी के अनुसार बच्चे का शव बरामद कर लिया गया है.

एसएसपी के मुताबिक बच्चा दोपहर बाद से गायब था और उसके पिता ने पुलिस को इस बारे में शाम को जानकारी दी थी.

इस बीच लखनऊ में अपर पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने बताया कि इस मामले में कई संदिग्ध व्यक्तियों को लेकर पूछताछ की गई थी. दयानंद राजभर नामक व्यक्ति से पूछताछ करने पर उसने बताया कि बच्चे को मार दिया गया है. उसकी निशानदेही पर केवटिया टोला नाले से एक बोरे में शव बरामद किया गया.

मामले पर संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पुलिस ने कहा है कि वह आरोपियों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) लगाने और त्वरित सुनवाई पर विचार करे.

उन्होंने पुलिस की ओर से लापरवाही की भी जांच का निर्देश दिया है. सरकार ने पीड़ित के परिवार के लिए पांच लाख रुपये के मुआवजे का भी ऐलान किया है.

विपक्ष हुआ हमलावर

वहीं, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने उत्तर प्रदेश में अपराध की कुछ हालिया घटनाओं का हवाला देते हुए सोमवार को आरोप लगाया कि राज्य में ‘जंगलराज’ बढ़ता जा रहा है.

प्रियंका ने यह सवाल भी किया कि क्या उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खबरें देखना छोड़ दिया है?

उन्होंने गोरखपुर एवं कुछ अन्य जिलों में अपराध की घटनाओं से जुड़ी खबरें शेयर करते हुए ट्वीट किया, ‘क्या उत्तर प्रदेश के मुखिया ने खबरें देखना छोड़ दिया है? क्या गृह विभाग में बैठे लोगों के सामने ये खबरें नहीं जाती? उत्तर प्रदेश में हर दिन गुंडाराज के नए रिकॉर्ड बन रहे हैं.’

कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया, ‘मुख्यमंत्री के गृहक्षेत्र (गोरखपुर) में अपहरण की घटना घटी है. कासगंज में हत्याकांड. लेकिन दिखावे के लिए कुछ तबादलों के अलावा और कुछ होता ही नहीं है. जंगलराज बढ़ता जा रहा है.’

बता दें कि हाल में उत्तर प्रदेश में अपहरण और हत्या के कई मामले एक के बाद एक सामने आए हैं.

इससे पहले 24 जुलाई को पुलिस ने इस बात की पुष्टि की थी कि कानपुर जिले के बर्रा थाना क्षेत्र से करीब महीने भर पहले कथित तौर पर फिरौती के लिए अपहृत लैब टेक्नीशियन संजीत यादव की उसके अपहर्ताओं ने हत्या कर दी है.

उन्होंने बताया कि अपहर्ताओं ने हत्या कर शव को पांडु नदी में फेंक दिया था. अभी तक शव बरामद नहीं हुआ है. एक महिला और अपहृत के दो मित्रों सहित अब तक पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है . शुरुआत में पांचों लोगों ने पुलिस को गुमराह करने की चेष्टा की लेकिन बाद में विस्तृत पूछताछ के दौरान उन्होंने अपराध कबूला.

इस मामले में परिजनों का आरोप है कि कानपुर पुलिस ने उनसे अपहरणकर्ताओं को 30 लाख रुपये की रकम दिला दी. उनका आरोप है कि इसमें पुलिस की मिलीभगत है और उन्होंने सीबीआई जांच की मांग की है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)