बॉम्बे हाईकोर्ट ने वरवरा राव के परिवार के सदस्यों को मुंबई के नानावती अस्पताल में उनसे मिलने की मंज़ूरी दी है. 81 साल के राव तलोजा जेल में कोरोना संक्रमित होने के बाद से अस्पताल में भर्ती हैं.
मुंबईः बॉम्बे हाईकोर्ट ने मुंबई के नानावती अस्पताल में भर्ती तेलुगू कवि एवं सामाजिक कार्यकर्ता वरवरा राव के इलाज को लेकर अस्पताल से उनकी हेल्थ रिपोर्ट मांगी है.
कोरोना से संक्रमित वरवरा (81) नानावती अस्पताल में भर्ती हैं. लाइव लॉ की रिपोर्ट के मुताबिक, जस्टिस आरडी धनुका और जस्टिस वीजी बिष्ट की पीठ अंतरिम जमानत याचिका खारिज किए जाने की राव की अपील पर सुनवाई कर रही थी.
याचिका में तलोजा जेल प्रशासन को यह निर्देश दिए जाने की भी मांग की गई थी कि वह वरवरा राव के इलाज से संबंधित मेडिकल दस्तावेजों सहित विस्तृत रिपोर्ट और दो जून 2020 को जेजे अस्पताल से कथित तौर पर राव को जल्दबाजी में डिस्चार्ज करने के बाद उन्हें जेल अस्पताल में रखने को लेकर उठाए गए कदमों का पूर्ण विवरण पेश करें.
राव की ओर से उनके मामले की पैरवी कर रहे एडवोकेट सुदीप पासबोला ने कहा कि परिवार को राव के स्वास्थ्य को लेकर किसी तरह की जानकारी अस्पताल या जेल प्रशासन की ओर से नहीं दी गई.
उन्होंने कहा, ‘राव की हालत गंभीर है और जब उनके परिवार ने जेल से संपर्क किया तो जेल प्रशासन ने उन्हें अस्पताल से बात करने को कहा लेकिन जब अस्पताल से संपर्क किया गया तो उन्होंने जेल से संपर्क करने को कहा. उनके स्वास्थ्य को लेकर गोपनीयता बनाकर क्यों रखी गई है? उनका परिवार हैदराबाद में है इसलिए एक फोन कॉल की व्यवस्था की जा सकती है ताकि वे उनसे अस्पताल में बात कर सकें.’
पासबोला ने अदालत से कहा कि राव ‘लगभग मृत्युशय्या’ पर हैं और उन्हें अपने परिवार मिलने की अनुमति दी जाए.
इस मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के वकील एडिशनल सॉलिसिटर जनरल अनिल सिंह ने कहा, ‘अगर परिवार उनसे बात करना या मिलना चाहता है तो हमें कोई समस्या नहीं है. अगर अस्पताल मंजूरी दे दे तो हमें कोई दिक्कत नहीं है. नानावती अस्पताल सर्वश्रेष्ठ अस्पताल है और उनके स्वास्थ्य या इलाज को लेकर किसी तरह की शिकायत नहीं होनी चाहिए.’
इसके बाद पीठ ने कहा, ‘अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल द्वारा दिए गए बयान के मद्देनजर याचिकाकर्ता के परिवार के सदस्यों को याचिकाकर्ता को देखने की अनुमति दी जाती है, जो नानावती सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में भर्ती है, हालांकि, यह अस्पताल के प्रोटोकॉल और कोविड-19 रोगियों के संबंध में सरकारी मानदंडों के अधीन होगा.’
इससे पहले राव के परिवार ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) को पत्र लिखकर इस मामले में हस्तक्षेप करने को कहा था.
मामले की अगली सुनवाई सात अगस्त को होगी. वरवर राव जून 2018 से जेल में हैं. उन्हें 11 मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और वकीलों के साथ एल्गार परिषद मामले में गिरफ्तार किया गया था.
उन सभी पर एक जनवरी, 2018 को भीमा कोरेगांव में दलितों के खिलाफ हिंसा भड़काने का आरोप लगाया गया है. पुलिस का यह भी दावा है कि उनका माओवादियों के साथ संबंध हैं.