दिल्ली पुलिस ने फरवरी में दिल्ली में हुए दंगों की कथित साज़िश को लेकर उमर खालिद पर गंभीर आरोप लगाए हैं. खालिद ने सभी आरोपों को ख़ारिज़ करते हुए कहा कि दंगों के लिए वास्तव में ज़िम्मेदार लोगों को पकड़ने के बजाय सांप्रदायिक सद्भाव के लिए काम करने वाले संगठनों और व्यक्तियों को फंसाया जा रहा है.
नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस ने फरवरी महीने में उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों की कथित साजिश के सिलसिले में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के पूर्व छात्र नेता उमर खालिद से पूछताछ की है.
संयुक्त पुलिस आयुक्त (विशेष प्रकोष्ठ) नीरज ठाकुर ने हिंदुस्तान टाइम्स से पुष्टि की है कि खालिद से पुलिस टीम ने पूछताछ की है. हालांकि उन्होंने इस संबंध में कोई और जानकारी सार्वजनिक करने से मना कर दिया.
वहीं पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ ने शुक्रवार को दंगों के पीछे एक कथित साजिश के सिलसिले में उमर खालिद से पूछताछ की. उनका मोबाइल फोन भी पुलिस ने जब्त कर लिया है.’
जेएनयू के पूर्व छात्र से कथित तौर पर तीन घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की गई थी.
एक वरिष्ठ अधिकारी ने समाचार पत्र को बताया, ‘उनसे फरवरी में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की यात्रा से पहले कथित रूप से उकसाने वाले कथित भाषण के बारे में सवाल किया गया था.’
आरोप है कि खालिद ने कथित तौर पर जनता से अपील की थी कि वे ट्रम्प की यात्रा के दौरान सड़कों पर आएं और इसे ब्लॉक करें.
द हिंदू के अनुसार आम आदमी पार्टी के निलंबित पार्षद ताहिर हुसैन के खिलाफ पुलिस द्वारा पेश आरोप पत्र में खालिद का नाम शामिल है.
आरोप पत्र में कहा गया है कि 8 जनवरी को हुसैन ने सीएए के विरोध प्रदर्शन के दौरान शाहीन बाग में खालिद और यूनाइटेड अगेंस्ट हेट के सह-संस्थापक खालिद सैफी से मुलाकात की, जहां उमर खालिद ने उन्हें अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की यात्रा के समय कुछ बड़ा करने के लिए तैयार रहने के लिए कहा था.
हालांकि खालिद ने अपने ऊपर लगे आरोपों का खंडन किया है और कहा है कि उन्हें झूठा फंसाया जा रहा है.
उन्होंने द हिंदू को बताया, ‘हम एक बिल्कुल अलग दुनिया में रह रहे हैं जहां सांप्रदायिक सद्भाव के लिए काम करने वाले संगठनों और व्यक्तियों को फंसाया जा रहा है.’
इससे पहले, खालिद के खिलाफ कठोर गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत मामला दर्ज किया गया था.
पुलिस ने प्राथमिकी में दावा किया है कि सांप्रदायिक दंगे ‘सुनियोजित साजिश’ के तहत भड़काए गए थे जिसे कथित तौर पर खालिद और दो अन्य लोगों ने मिलकर रचा था.
खालिद ने कथित रूप से दो अलग-अलग स्थानों पर भड़काऊ भाषण दिया था और लोगों से अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत दौरे के दौरान सड़कों पर आने और सड़कों को अवरुद्ध करने की अपील की थी ताकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लोगों को पता चले कि देश में अल्पसंख्यकों के साथ कैसा व्यवहार किया जा रहा है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)