विस्फोट लेबनान की राजधानी बेरूत में एक बंदरगाह में हुआ. ऐसा माना जा रहा है कि बंदरगाह के एक वेयरहाउस में बीते छह साल से रखे अमोनियम नाइट्रेट में धमाका होने से यह घटना हुई. देश में दो सप्ताह के लिए आपातकाल लागू किया गया.
बेरूतः लेबनान की राजधानी बेरूत में मंगलवार को हुए भीषण विस्फोटों में तकरीबन 100 लोगों की मौत हो गई, जबकि चार हजार से अधिक लोग घायल हो गए हैं.
समाचार एजेंसी एपी ने लेबनान रेड क्रॉस के एक अधिकारी के हवाले से बताया है कि कम से कम 100 लोग इस भीषण विस्फोट में मारे जा चुके हैं और चार हजार से अधिक लोग घायल हैं. अधिकारी जॉर्ज केट्टानेह ने बताया कि मरने वालों की संख्या अभी और बढ़ सकती है.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, यह विस्फोट बंदरगाह के वेयरहाउस में हुआ.
स्थानीय निवासियों का कहना है कि उन्होंने विस्फोट के बाद शहर के ऊपर नारंगी रंग का बादल बनते देखा था, जिससे यह आशंका जताई गई कि विस्फोट अमोनियम नाइट्रेट की वजह से हुआ.
विस्फोट के बाद लेबनान में रक्षा परिषद की बैठक हुई, जिसमें राष्ट्रपति भी शामिल हुए.
UPDATE: Fmr PM Saad Hariri is fine following news.
Two explosions near port in Beirut #Lebanon , second one left lot of damages in houses and cars. Ambulances called to area.
Another video shows magnitude of when it happened pic.twitter.com/lV9p5qMxbu
— Joyce Karam (@Joyce_Karam) August 4, 2020
बैठक के बाद में प्रवक्ता ने कहा, ‘यह कैसे स्वीकार किया जा सकता है कि एक वेयरहाउस में 2,750 टन अमोनियम नाइट्रेट छह साल तक रखा रहा और किसी ने एहतियाती या सुरक्षा के कदम तक नहीं उठाए.’
देश में दो सप्ताह के लिए आपातकाल की घोषणा की गई है.
देश के स्वास्थ्य मंत्री हमद हसन ने इस भीषण हादसे को देश के लिए आपदा करार देते हुए चेतावनी दी कि मरने वालों की तादाद बढ़ सकती है.
लेबनान के प्रधानमंत्री हसन दियाब ने विस्फोट के तुरंत बाद राष्ट्रीय शोक दिवस घोषित किया. उन्होंने कहा कि इस तबाही के लिए जिम्मेदारों को न्याय के कटघरे में खड़ा किया जाएगा.
बेरूत के गवर्नर मारवान अबौद घटनास्थल का दौरा करने के बाद राष्ट्रीय टेलीविजन के जरिए देश को संबोधित करते हुए भावुक हो गए.
उन्होंने कहा, ‘बेरूत शहर तबाह हो गया है. प्रधानमंत्री हस दियाब ने प्रतिबद्धता जताई है कि इसके लिए जिम्मेदार लोगों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा.’
घटनास्थल पर मौजूद एक सिविल डिफेंस अधिकारी ने कहा कि उनके लोगों ने दर्जनभर से ज्यादा लोगों को अस्पताल पहुंचाया, लेकिन बंदरगाह के भीतर अभी भी शव पड़े हैं, जिनमें से कई शव मलबे में दबे हैं. पहले से ही कोरोना मरीजों से पटे पड़े अस्पतालों में घायलों को लाया जा रहा है.
घटनास्थल पर मौजूद समाचार एजेंसी एसोसिएटेड प्रेस (एपी) के कर्मचारियों का कहना है कि दर्जनभर एंबुलेंस के जरिये घायलों को बंदरगाह क्षेत्र से बाहर निकाला गया. अस्पताल रक्तदान का आग्रह कर रहे हैं.
स्थानीय निवासियों द्वारा बनाए वीडियो में बंदरगाह में विस्फोट होते और धुएं का विशालकाय गुबार उठते देखा जा सकता है. यह आग आसपास की इमारतों में भी फैल जाती है, जिससे बड़ा विस्फोट होता है.
स्थानीय लोगों ने एपी को बताया कि विस्फोट इतना जबरदस्त था कि इससे खिड़कियां टूट गईं और फॉल्स सीलिंग ढह गईं.
लेबनान के रक्षा मंत्री ने बताया, ‘बंदरगाह में भारी मात्रा में अमोनियम नाइट्रेट था. लेबनान कस्टम से पूछा जाना चाहिए कि इतनी भारी मात्रा में पोर्ट पर अमोनियम नाइट्रेट क्या कर रहा था?’
लेबनान के कस्टम विभाग ने घटना के लिए सीधे तौर पर बंदरगाह प्रमुख को जिम्मेदार ठहराया.
कस्टम विभाग की प्रमुख बादरी दहेर ने कहा, ‘मेरा विभाग अमोनियम नाइट्रेट रखने के लिए जिम्मेदार नहीं हैं. धमाका इससे ही हुआ. इस घटना के लिए पोर्ट चीफ हसन कोरेटेम जिम्मेदार हैं.’
Shocked and saddened by the large explosion in Beirut city leading to loss of life and property. Our thoughts and prayers are with the bereaved families and the injured: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) August 5, 2020
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बेरूत में हुए धमाके पर शोक जताते हुए बुधवार सुबह ट्वीट कर कहा, ‘बेरूत में हुए धमाके की खबर सुनकर दुखी हूं. कई लोगों ने जान गंवाई और प्रॉपर्टी का भी नुकसान हुआ. ब्लास्ट में मारे गए और घायल हुए लोगों के प्रति हमारी संवेदनाएं हैं.’
इजरायली सरकार के एक अधिकारी ने कहा है कि इस विस्फोट में उनके देश का कोई हाथ नहीं है.
इजरायल और लेबनान का हिज्बुल्लाह आतंकी समूह कट्टर दुश्मन हैं और हाल की कुछ झड़पों के बाद दोनों के बीच तनाव बढ़ा है.
इससे पहले मंगलवार को इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने हिज्बुल्लाह इजरायल को चेतावनी देते हुए कहा था कि जरूरत पड़ने पर वह उस पर हमला करने से नहीं हिचकिचाएगा. हालांकि, इस विस्फोट के बाद मंगलवार देर रात इजरायल ने लेबनान की मदद की पेशकश की.
इजरायल के रक्षा मंत्री बेनी गैंट्ज ने लेबनान सरकार को मेडिकल और मानवीय सहायता उपलब्ध कराने की पेशकश की.
قلوبُنا مع الشعب اللبناني في هذه الكارثة الكبرى. الرحمة للشهداء والصبر والسلوان لأهالي الضحايا والشفاء للجرحى. سلامٌ من الله ورحمةٌ لهذا الوطن الأبيّ.
🇱🇧🖤 pic.twitter.com/4jHhaNnSh6
— Javad Zarif (@JZarif) August 4, 2020
ईरान के विदेश मंत्री जवाद जरीफ ने लेबनान के समर्थन में ट्वीट कर कहा, ‘इस विपदा में हमारी संवेदनाएं लेबनान के लोगों के साथ हैं. शहीदों के लिए दया, पीड़ितों के परिवार वालों के लिए धैर्य और घायलों के जल्द ठीक होने की कामना करते हैं. इस देश पर भगवान शांति और दया बनाए.’
I’d like to extend my deepest condolences to all those affected by the massive explosion at the port of Beirut on August 4. We are monitoring and stand ready to assist the people of Lebanon as they recover from this horrible tragedy.
— Secretary Pompeo (@SecPompeo) August 4, 2020
अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने कहा कि अमेरिका, बेरूत में स्थिति पर नजर बनाए हुए है.
उन्होंने कहा, ‘मैं चार अगस्त को बेरूत में बंदरगाह पर हुए भीषण विस्फोट में प्रभावित हुए लोगों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं. हम स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं और इस भयानक त्रासदी से उबरने में लेबनान के लोगों की मदद के लिए तैयार हैं.’