अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत बीते 14 जून को मुंबई के बांद्रा स्थित अपने घर में मृत पाए गए थे. उनके पिता ने अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती और उनके परिवार के अन्य सदस्यों के ख़िलाफ़ अभिनेता को ख़ुदकुशी के लिए उकसाने और अन्य आरोपों में शिकायत दर्ज कराई है.
पटना/मुंबई/नई दिल्ली: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि सुशांत सिंह राजपूत के पिता केके सिंह द्वारा पटना में दर्ज कराए गए मामले की सीबीआई से जांच कराने के लिए राज्य सरकार ने अनुशंसा भेज दी है.
उधर, महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ राकांपा और कांग्रेस ने अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत की सीबीआई से जांच कराने की सिफारिश करने पर बिहार सरकार की मंगलवार को आलोचना की और कहा कि यह राज्य सरकार के अधिकार का अतिक्रमण करता है और संविधान को तबाह करने में भाजपा की मदद करता है.
बहरहाल, बिहार और महाराष्ट्र की सरकारों और पुलिस के बीच इस मामले को लेकर जारी खींचतान के बीच बुधवार को सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट में बताया कि केंद्र सरकार ने सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले की सीबीआई जांच की बिहार सरकार की सिफारिश को स्वीकार कर लिया है.
Solicitor General Tushar Mehta states before Supreme Court that Centre has accepted Bihar govt's request recommending CBI enquiry into #SushantSinghRajput death case.
SC is hearing Rhea Chakraborty's petition seeking direction for transfer of investigation from Patna to Mumbai. pic.twitter.com/YTlUPvBOQn
— ANI (@ANI) August 5, 2020
इससे पहले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ट्वीट कर बीते मंगलवार को कहा था, ‘सुशांत सिंह राजपूत के पिता केके सिंह द्वारा पटना में सुशांत की मौत से संबंधित दर्ज कराए गए मामले की सीबीआई से जांच कराने हेतु राज्य सरकार ने अनुशंसा भेज दी है.’
मुख्यमंत्री ने कहा था, ‘आज सुबह ही हमारे डीजीपी (गुप्तेश्वर पांडेय) से उनकी (दिवंगत अभिनेता के पिता की) बातचीत हुई और उन्होंने अपनी सहमति दे दी है. इसकी सूचना डीजीपी ने दी तथा सीबीआई जांच के लिए अनुशंसा भेजी जा रही है.’
स्व० सुशांत सिंह राजपूत के पिता श्री के०के० सिंह द्वारा पटना में स्व० सुशांत सिंह राजपूत की मौत से संबंधित दर्ज कराए गए मामले की सी०बी०आई० से जांच कराने हेतु राज्य सरकार ने अनुशंसा भेज दी है।
— Nitish Kumar (@NitishKumar) August 4, 2020
उन्होंने कहा था, ‘सुशांत के पिताजी ने यहां प्राथमिकी दर्ज करायी थी जिसके आधार पर बिहार पुलिस ने जांच का काम शुरू किया. टीम भी भेजी. यहां से गए आईपीएस अधिकारी के साथ वहां दुर्व्यवहार हुआ.’
नीतीश ने कहा था, ‘बिहार पुलिस के साथ वहां (मुंबई) बिल्कुल गलत व्यवहार हुआ. जहां भी प्राथमिकी दर्ज होगी, कानूनी रूप से हमारे राज्य की पुलिस की जिम्मेदारी थी और उसके हिसाब से वे जांच के लिए वहां (मुंबई) गए. वहां उन्हें सहयोग करना चाहिए था.’
उन्होंने कहा था, ‘सुशांत यहां (बिहार) के थे और उनकी जिस तरह मृत्यु हुई है, उसको लेकर केवल बिहार ही नहीं पूरे देश के लोगों को चिंता है और सभी लोग इस बात को समझ रहे हैं कि सुशांत के साथ निश्चित रूप से अन्याय हुआ है. यह आम धारणा है… यहां प्राथमिकी दर्ज होने पर सूचना देकर वहां टीम भेजी गई है और सूचना देकर गए आईपीएस आधिकारी को क्वारंटीन में भेजना क्या उचित है?’
नीतीश ने कहा था, ‘यह सही बात नहीं है. वहां का सहयोग मिलना चाहिए था, वह नहीं मिल रहा था. हमारे डीजीपी वहां फोन करें और वहां कोई फोन नहीं उठाए तो यह कितना आश्चर्यजनक है. यह खुद डीजीपी ने मुझे जानकारी दी. यहां प्राथमिकी होने पर जांच करना बिहार पुलिस का कानूनी कर्तव्य बनता है.’
यह पूछे जाने पर कि क्या इस संबंध में उनकी महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री से बातचीत हुई, नीतीश ने कहा कि मुख्यमंत्री स्तर पर इस मामले में बात ही नहीं हो सकती है. यह कोई राजनीतिक विषय नहीं है. यह जिम्मेदारी पुलिस की है और यहां की पुलिस वहां की पुलिस से बात कर रही थी.
उल्लेखनीय है कि 34 वर्षीय सुशांत बीते 14 जून को मुंबई के बांद्रा स्थित अपने घर में मृत पाए गए थे.
सुशांत के पिता केके सिंह ने पटना के राजीव नगर थाना में आईपीसी की धारा 306, 341, 342, 380, 406 और 420 के तहत 25 जुलाई को प्राथमिकी दर्ज कराई थी.
पिता केके सिंह की शिकायत पर अभिनेता की प्रेमिका और लिव इन पार्टनर रहीं अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती के खिलाफ यह प्राथमिकी दर्ज की गई है.
मुंबई पुलिस ने इस बाबत दुर्घटनावश मौत की रिपोर्ट दर्ज की है और मामले की तहकीकात चल रही है.
मुंबई पुलिस अबतक 56 लोगों के बयान दर्ज कर चुकी है. इनमें राजपूत की बहन, उनकी मित्र रिया चक्रवर्ती और सिने जगत से जुड़ी कुछ हस्तियां शामिल हैं.
महाराष्ट्र ने सीबीआई जांच की सिफारिश करने की आलोचना की
अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत मामले की जांच सीबीआई से कराने की सिफारिश किए जाने के बिहार सरकार के कदम की महाराष्ट्र सरकार ने आलोचना की है.
महाराष्ट्र के मंत्री एवं राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता नवाब मलिक ने कहा कि नीतीश कुमार की सरकार सीबीआई जांच की सिफारिश करके कोविड-19 से निपटने में अपनी ‘नाकामी’ से ध्यान हटाने की शायद कोशिश कर रही है.
मलिक ने कहा कि बिहार सरकार का फैसला संघीय ढांचे को कमजोर कर रहा है.
मलिक ने कहा, ‘क्या महाराष्ट्र में हुए अपराध को लेकर उनका (बिहार सरकार का) कोई अधिकार-क्षेत्र है?’
शिवसेना के नेतृत्व वाली महा विकास आघाड़ी सरकार में राकांपा दूसरा सबसे बड़ा घटक है. इसमें कांग्रेस भी साझेदार है.
महाराष्ट्र के गृह मंत्री एवं राकांपा के नेता अनिल देशमुख ने कहा था कि मामले में सीबीआई जांच की कोई जरूरत नहीं है, क्योंकि मुंबई पुलिस मामले से निपटने में सक्षम है.
सीबीआई जांच की सिफारिश ऐसे वक्त में हुई है जब राजपूत की मौत की जांच को लेकर मुंबई पुलिस और बिहार पुलिस के बीच खींचतान चल रही है.
मलिक ने कहा, ‘मिसाल के तौर पर कल को मुंबई में रहने वाले किसी व्यक्ति के खिलाफ उत्तर प्रदेश में हुए अपराध के लिए मामला दर्ज किया जाता है तो क्या महाराष्ट्र सरकार भी मुंबई में मामला दर्ज करेगी और पुलिस उत्तर प्रदेश जांच के लिए जाएगी? यह सवाल अधिकार क्षेत्र का है.’
उन्होंने कहा कि जिस तरह से बिहार सरकार व्यवहार कर रही है, उससे वह संकट पैदा कर रही है.
उन्होंने कहा, ‘यह दूसरे राज्य के अधिकार के अतिक्रमण के समान है, जो लोकतांत्रिक व्यवस्था में दुरुस्त नहीं है.’
राकांपा नेता ने कहा कि मामले की जांच मुंबई पुलिस उचित तरीके से कर रही है. उन्होंने इसे लेकर हो रही राजनीति की निंदा की.
महाराष्ट्र कांग्रेस प्रवक्ता सचिन सावंत ने आरोप लगाया कि बिहार सरकार सीबीआई जांच के फैसले से ‘संविधान को नष्ट’ करने में भाजपा की मदद कर रही है.
Modi govt & BJP destroying Democratic structure in India. Sad to see BJP'S alliance partners helping them in this destruction of constitution which will permanently damage our federal structure for dismal political gains.
Hope our courts share share our concern for the country! https://t.co/b5cN19zIhi— Sachin Sawant सचिन सावंत (@sachin_inc) August 4, 2020
नीतीश कुमार नीत जदयू की गठबंधन सरकार में भाजपा साझेदार है.
सावंत ने ट्वीट किया, ‘मोदी सरकार और भाजपा भारत में लोकतांत्रिक ढांचे को नष्ट कर रही है. यह देखकर दुख होता है कि भाजपा के गठबंधन साझेदार संविधान को नष्ट करने में उनकी मदद कर रहे हैं जो राजनीतिक फायदे के लिए संघीय ढांचे को स्थायी रूप से चोट पहुंचाएगा. उम्मीद है कि अदालतें देश के लिए हमारी चिंता को साझा करेंगी.’
रिया के वकील ने कहा, बिहार सरकार सीबीआई जांच की सिफारिश नहीं कर सकती
अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती के वकील ने बीते मंगलवार को कहा कि बिहार सरकार अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले की सीबीआई जांच की सिफारिश नहीं कर सकती है, जबकि यह मामला राज्य पुलिस की जांच के क्षेत्राधिकार के बाहर का है.
चक्रवर्ती के वकील सतीश मानशिंदे ने बयान में बताया कि इस मामले का स्थानांतरण नहीं किया जा सकता है और इसमें बिहार पुलिस को शामिल करने का कोई कानूनी आधार नहीं है. ज्यादा से ज्यादा शून्य प्राथमिकी दर्ज होगी, जो मुंबई पुलिस को स्थानांतरित की जाएगी.
उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों को सीबीआई को स्थानांतरित करने का कोई कानूनी आधार नहीं है जिसमें उनका (बिहार पुलिस का) कोई अधिकार क्षेत्र नहीं हो.
उन्होंने कहा कि बिहार सरकार को एहसास हो रहा है कि उसके पास मामले की जांच करने का अधिकार नहीं है तो वह अब मामले को सीबीआई को सौंपने की सिफारिश करने का ‘अवैध तरीका’ अपना रही है.
चक्रवर्ती ने उच्चतम न्यायालय में एक याचिका दायर करके दावा किया था कि बिहार पुलिस के पास मामले की जांच करने का अधिकार नहीं है, क्योंकि मुंबई पुलिस पहले ही दुर्घटनावश मौत रिपोर्ट (एडीआर) दर्ज कर चुकी है.
राजपूत के पिता ने पटना में रिया चक्रवर्ती और उनके परिवार के अन्य सदस्यों के खिलाफ अभिनेता को खुदकुशी के लिए उकसाने के आरोप में शिकायत दर्ज कराई है.
पटना में मामला भारतीय दंड संहिता की धारा 341 (गलत तरह से रोकना), 342 (गलत तरीके से कैद करना), 380 (घर में चोरी करना), 406 (आपराधिक विश्वासघात), 420 (धोखाधड़ी) और 306 (खुदकुशी के लिए उकसाना) के तहत दर्ज किया गया है.
राजपूत की मौत के मामले की छानबीन के लिए बिहार पुलिस की एक टीम मुंबई पहुंची हुई है.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, बुधवार को सुप्रीम कोर्ट अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती की उस याचिका पर सुनवाई करेगा, जिसमें उन्होंने सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में बिहार में उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को मुंबई ट्रांसफर करने की मांग की है.
ग्रांट थोर्नटन को बनाया गया फोरेंसिक ऑडिटर
मुंबई पुलिस ने मंगलवार को ग्रांट थोर्नटन को सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में फोरेंसिक ऑडिटर नियुक्त किया है. एक पुलिस अधिकारी ने यह जानकारी दी.
पुलिस इस मामले में कथित पेशेवर दुश्मनी, अवसाद और वित्तीय लेनदेन जैसे अनेक पहलुओं की जांच कर रही है.
सुशांत के पिता केके सिंह ने पटना में एक प्राथमिकी दर्ज कराई थी, जिसमें सुशांत के खाते से बड़ी रकम निकाले जाने का दावा किया गया है.
इन आरोपों के बाद मुंबई पुलिस ने वित्तीय फोरेंसिक विशेषज्ञों की एक टीम गठित करने का फैसला किया जो पता लगाएगी कि कहीं कोई संदिग्ध लेन-देन तो नहीं हुआ.
अधिकारी ने कहा, ‘इसी दिशा में पुलिस ने मंगलवार को ग्रांट थोर्नटन को मामले में फोरेंसिक ऑडिटर नियुक्त किया है.’
मुंबई पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने बीते सोमवार को संवाददाताओं से कहा कि बिहार पुलिस की प्राथमिकी के अनुसार सुशांत सिंह के खाते से 15 करोड़ रुपये गलत तरह से निकाले गए.
उन्होंने कहा था, ‘जांच के दौरान हमें पता चला कि उनके खाते में 18 करोड़ रुपये थे जिसमें से करीब साढ़े चार करोड़ रुपये अब भी खाते में हैं.’
सिंह ने कहा कि रिया चक्रवर्ती के खाते में सीधे पैसों के हस्तांतरण की अभी कोई पुष्टि नहीं हुई है. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने धनशोधन की जांच के सिलसिले में राजपूत के सीए से पूछताछ की थी.
सीबीआई जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट में दो जनहित याचिकाएं दायर
अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत की घटना की सीबीआई से जांच के लिये उच्चतम न्यायालय में बीते मंगलवार को दो जनहित याचिकाएं दायर की गईं.
बिहार की नीतीश सरकार द्वारा सुशांत सिंह राजपूत की मौत की सीबीआई जांच के लिए मंगलवार को केंद्र से सिफारिश किये जाने के दौरान ही भाजपा नेता और अधिवक्ता अजय कुमार अग्रवाल और मुंबई निवासी कानून के छात्र द्विवेन्द्र देवतादीन द्विवेदी ने ये जनहित याचिकाएं दायर की हैं.
अजय अग्रवाल ने सुशांत सिंह राजपूत की मौत और इस अभिनेता की असमय मृत्यु के कारकों की जांच सीबीआई से कराने का निर्देश देने का अनुरोध किया है. अग्रवाल लंबे समय से राजनीतिक दृष्टि से संवेदनशील बोफोर्स तोप सौदा दलाली कांड को लेकर उच्चतम न्यायालय में सक्रिय हैं.
अग्रवाल ने याचिका में कहा है, ‘बॉलीवुड के उभरते सितारे सुशांत सिंह राजपूत 14 जून को संदिग्ध परिस्थितियों में मुंबई में अपने घर में मृत मिले थे. मुंबई पुलिस ने तत्काल ही इसे आत्महत्या का मामला घोषित कर दिया लेकिन ‘एमएस धोनी’ फिल्म में मुख्य किरदार की भूमिका निभाने वाले सुशांत के आत्महत्या करने की बात किसी के गले नहीं उतर रही है.’
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के खिलाफ रायबरेली सीट पर भाजपा प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ चुके अग्रवाल ने सुशांत सिंह राजपूत की लिव इन पार्टनर रहीं रिया चक्रवती द्वारा उनके बैंक खाते से कथित रूप से कुल 15 करोड़ रुपये निकाले जाने की खबरों का हवाला भी याचिका में दिया है.
उधर, कानून के छात्र द्विवेंद्र ने भी सुशांत सिंह राजपूत के पिता कृष्ण किशोर सिंह द्वारा पटना के राजीव नगर थाने में दर्ज कराई गई प्राथमिकी सीबीआई या एनआईए को सौंपने का अनुरोध किया है ताकि इस मामले की ‘निष्पक्ष, प्रभावी और तत्परता’ से जांच सुनिश्चित की जा सके.
हालांकि, इस मामले में यह तथ्य भी महत्वपूर्ण है कि सुशांत सिंह राजपूत मामले की जांच मुंबई पुलिस से लेकर सीबीआई को सौंपने के लिए दायर एक जनहित याचिका उच्चतम न्यायालय ने 30 जुलाई को खारिज कर दी थी.
प्रधान न्यायाधीश एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने याचिकाकर्ता से कहा था कि अगर आपके पास कुछ पुख्ता तथ्य हैं तो आप बॉम्बे उच्च न्यायालय जाएं.
मामले में अब तक कोई प्राथमिकी क्यों नहीं दर्ज की गई: नारायण राणे
महाराष्ट्र से भाजपा सांसद नारायण राणे ने सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में पुलिस द्वारा प्राथमिकी दर्ज करने में 50 दिन से अधिक की देरी किए जाने पर मंगलवार को सवाल उठाया. साथ ही, उन्होंने दिवंगत अभिनेता की पूर्व मैनेजर दिशा सालियान की मौत की भी जांच कराने की मांग की.
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि सालियान की मौत आठ जून को हुई थी लेकिन उनका पोस्टमॉर्टम 11 जून को करवाया गया, जो हैरान करने वाला है.
राज्यसभा सदस्य ने संवाददाताओं से कहा, ‘यहां तक कि सुशांत की मौत के 50 दिन से अधिक समय बाद भी इस मामले में कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है.’
लोजपा ने कहा, देर आए दुरुस्त आए
अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की कथित आत्महत्या मामले की सीबीआई जांच कराने की सिफारिश करने के बिहार सरकार के फैसले पर लोजपा ने मंगलवार को कहा कि ‘देर आए, दुरुस्त आए. ’
लोक जनशक्ति पार्टी @LJP4India के आदरणीय राष्ट्रीय चिराग पासवान जी @iChiragPaswan ने आज सुबह स्वर्गीय सुशांत सिंह राजपूत के मामले की सी॰बी॰आई॰ जाँच के लिए बिहार के मुख्यमंत्री आदरणीय नीतीश कुमार जी @NitishKumar से फ़ोन पर बात की व मुख्य मंत्री जी को इस संदर्भ में पत्र भी पुनःलिखा। pic.twitter.com/FHMMtjjgI4
— Lok Janshakti Party (@LJP4India) August 4, 2020
इससे पहले दिन में लोक जनशक्ति पार्टी अध्यक्ष चिराग पासवान ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से बात की. उन्होंने यह मामला केंद्रीय जांच एजेंसी को सौंपने की पार्टी की मांग दोहराई. उन्होंने इस मुद्दे पर कुमार को एक और पत्र भी लिखा है.
लोजपा ने ‘सीबीआई फॉर सुशांत’ हैशटैग के साथ ट्वीट किया, ‘देर आए, दुरुस्त आए.’
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)