रेलवे बोर्ड ने एक आदेश में कहा कि औपनिवेशिक काल से चले आ रहे खलासी पदों की समीक्षा के बाद निर्णय लिया गया है कि अब इनकी भर्ती नहीं होगी. साथ ही एक जुलाई 2020 से इन पदों पर की गई नियुक्तियों की भी समीक्षा की जाएगी.
नई दिल्ली : भारतीय रेलवे औपनिवेशिक काल से चली आ रही खलासी प्रक्रिया को समाप्त करने जा रहा है. इसके तहत अब खलासी के पदों पर भर्तियां नहीं होंगी.
रेलवे बोर्ड के आदेश के बाद यह फैसला लिया गया है. इसके साथ ही टेलीफोन अटेंडेंट-कम-डाक खलासी (टीएडीके) की नियुक्तियों को लेकर भी समीक्षा की जा रही है.
टीएडीके को बंग्ला पियोन (चपरासी) भी कहा जाता है. दरअसल रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों के आवास पर खलासी और बंग्ला पियोन की नियुक्तियां की जाती हैं.
ब्रिटिश शासन काल से खलासी के पद पर भर्तियां होती आ रही हैं.
Railways set to end colonial-era khalasi system; no fresh recruitment to the post, according to official order
— Press Trust of India (@PTI_News) August 7, 2020
इस संबंध में रेलवे बोर्ड ने छह अगस्त को आदेश जारी कर कहा,’ खलासी के पदों की समीक्षा की गई और फैसला लिया गया कि अब इन पदों पर कोई भर्ती नहीं की जाएगी. इसके अलावा एक जुलाई 2020 से इन पदों पर की गई नियुक्तियों की भी समीक्षा की जाएगी.’
रेलवे बोर्ड ने आदेश में यह भी कहा कि टेलीफोन अटेंडेंट-कम-डाक खलासी (टीएडीके) की भर्तियों की भी समीक्षा की जा रही है.
आदेश में कहा गया, ‘टीएडीके की नियुक्ति संबंधी मामला रेलवे बोर्ड में समीक्षाधीन है, इसलिए यह फैसला किया गया है कि टीएडीके के लिए भी फिलहाल नई भर्तियां नहीं होनी चाहिए और न ही तत्काल नियुक्ति की जानी चाहिए.’
आदेश में कहा गया, ‘इसके अलावा एक जुलाई 2020 से इस प्रकार की नियुक्तियों को दी गई मंजूरी के मामलों की समीक्षा की जा सकती है और इसकी स्थिति बोर्ड को बताई जाएगी. इसका सभी रेल प्रतिष्ठानों में सख्ती से पालन किया जाए.’
बता दें कि इससे पहले केंद्र सरकार सैन्य इंजीनियरिंग सेवा (एमईएस) में 9,304 पदों को खत्म कर चुकी है. यह ऐलान बीते सात मई को किया गया था.
रक्षा मंत्रालय द्वारा यह फैसला लेफ्टिनेंट जनरल डीबी की सिफारिशों के अनुरूप लिया गया था.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)