रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बताया कि ‘आत्मनिर्भर भारत’ मुहिम के तहत ये निर्णय लिया गया है और इस फैसले से भारतीय रक्षा उद्योग को बड़े अवसर मिलेंगे. उन्होंने कहा कि आयात प्रतिबंधों के लिए चिह्नित की गईं 101 रक्षा वस्तुओं की सूची में तोप, असॉल्ट राइफल, परिवहन विमान आदि शामिल हैं.
नई दिल्ली: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को घोषणा की कि ‘आत्मनिर्भर भारत’ मुहिम के तहत देश में रक्षा वस्तुओं के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए 101 उपकरणों के आयात पर रोक लगाई जाएगी.
सिंह ने ट्वीट किया कि रक्षा मंत्रालय ‘आत्मनिर्भर भारत’ मुहिम को आगे बढ़ाने के लिए अब बड़े कदम उठाने को तैयार है. उन्होंने कहा कि सरकार देश में रक्षा संबंधी निर्माण बढ़ाने के लिए 101 उपकरणों के आयात पर रोक लगाएगी और इस फैसले से भारतीय रक्षा उद्योग को बड़े अवसर मिलेंगे.
The Ministry of Defence is now ready for a big push to #AtmanirbharBharat initiative. MoD will introduce import embargo on 101 items beyond given timeline to boost indigenisation of defence production.
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) August 9, 2020
सिंह ने कहा कि आयात प्रतिबंधों के लिए चिह्नित की गईं 101 रक्षा वस्तुओं की सूची में तोप, असॉल्ट राइफल, परिवहन विमान शामिल हैं.
उन्होंने बताया कि 101 रक्षा वस्तुओं के आयात पर रोक लगाने की योजना 2020 से 2024 के बीच चरणबद्ध तरीके से क्रियान्वित होगी.
सिंह ने टि्वटर पर कहा कि आयात पर प्रतिबंध के लिए चिह्नित सैन्य वस्तुओं के घरेलू स्तर पर उत्पादन की समयसीमा सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए जाएंगे तथा आयात पर प्रतिबंध के लिए और भी रक्षा उपकरणों को चरणबद्ध तरीके से चिह्नित किया जाएगा.
This decision will offer a great opportunity to the Indian defence industry to manufacture the items in the negative list by using their own design and development capabilities or adopting the technologies designed & developed by DRDO to meet the requirements of the Armed Forces.
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) August 9, 2020
राजनाथ सिंह ने कहा कि रक्षा मंत्रालय ने यह सूची सशस्त्र बलों, सार्वजनिक और निजी उद्योग सहित सभी स्टेकहोल्डर्स के साथ कई दौर के परामर्श के बाद तैयार की है. इस दौरान भारतीय उद्योग की वर्तमान और भविष्य की क्षमताओं का आकलन भी किया गया.
सिंह ने बताया कि तीनों सेनाओं ने करीब 260 योजनाओं के तहत अप्रैल 2015 से अगस्त 2020 के बीच इन रक्षा सामानों के लिए 3.5 लाख करोड़ रुपये का ठेका दिया था. उन्होंने कहा कि अनुमान है कि अगले 6-7 साल में घरेलू उद्योग को करीब 4 लाख करोड़ रुपये के ठेके मिलेंगे.
रक्षा मंत्री ने कहा कि इनमें से लगभग 130,000 करोड़ रुपये की वस्तुएं सेना और वायु सेना के लिए अनुमानित हैं, जबकि नौसेना द्वारा लगभग 140,000 करोड़ रुपये के मूल्य की वस्तुओं का अनुमान लगाया गया है.
More such equipment for import embargo would be identified progressively by the DMA in consultation with all stakeholders. A due note of this will also be made in the DAP to ensure that no item in the negative list is processed for import in the future.
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) August 9, 2020
सिंह ने कहा, ‘आयात पर प्रतिबंध को 2020 से 2024 के बीच लागू करने की योजना है. हमारा उद्देश्य भारतीय रक्षा उद्योग को सशस्त्र बलों की आवश्यकताओं के बारे में बताना है ताकि वे स्वदेशीकरण के लक्ष्य को लेकर बेहतर रूप से तैयार हों.’
रक्षा मंत्री ने बताया कि सरकार ने 2020-21 के लिए पूंजीगत खरीद बजट को घरेलू और विदेशी खरीद के बीच दो भागों में आवंटित किया है. सिंह ने कहा कि बजट 2020-21 में घरेलू पूंजीगत खरीद के लिए करीब 52,000 करोड़ रुपये का एक अलग मद तैयार किया गया है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)