पुलिस ने बताया कि बेंगलुरु के रहने वाले साल 2018 बैच के 22 वर्षीय एमबीबीएस छात्र विकास को अस्पताल के मनोरोग वार्ड में भर्ती कराया गया था. कुछ मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं को लेकर उनका इलाज चल रहा था.
नई दिल्लीः अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में पिछले दो महीने में सोमवार को कथित रूप से आत्महत्या की चौथी घटना सामने आई.
सोमवार की शाम एक 22 वर्षीय एमबीबीएस छात्र ने कथित रूप से हॉस्टल की छत से कूदकर जान दे दी.
पुलिस ने बताया कि बेंगलुरु के रहने वाले साल 2018 बैच के 22 वर्षीय एमबीबीएस छात्र विकास को अस्पताल के मनोरोग वार्ड में भर्ती कराया गया था. कुछ मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं को लेकर उनका इलाज चल रहा था.
एम्स सूत्रों ने बताया कि उन्होंने वार्ड से एक घंटे का ब्रेक लिया था. उसके बाद वह हॉस्टल-19 की छत पर पहुंचे और वहां से छलांग लगा दी.
घटना की सूचना पुलिस को शाम करीब 6 बजे दी गई.
पुलिस उपायुक्त (दक्षिण) अतुल कुमार ठाकुर ने बताया कि वह छात्रावास की छत से कूद गए और उन्हें ट्रॉमा सेंटर ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उन्हें मृत घोषित कर दिया गया.
पुलिस ने कहा कि कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है. मामले की जांच चल रही है.
उन्होंने कहा कि पीड़ित के परिजन को घटना की सूचना दे दी गई है. पोस्टमॉर्टम के बाद उन्हें शव सौंप दिया जाएगा.
पिछले दो महीने में एम्स आत्महत्या की यह चौथी जबकि किसी मेडिकल छात्र के आत्महत्या की दूसरी घटना है.
इससे पहले, बीते छह जुलाई को एम्स में ही कोरोना संक्रमित एक 37 वर्षीय पत्रकार तरुण सिसोदिया ने चौथी मंजिल से कथित तौर पर कूदकर आत्महत्या कर ली थी.
इसके बाद 10 जुलाई को 25 वर्षीय जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर ने कथित रूप से एम्स के डॉक्टरों के हॉस्टल की 10वीं मंजिल से कथित तौर पर कूदकर जान दे दी थी.
मृतक की पहचान मनोरोग विभाग में काम करने वाले अनुराग कुमार के रूप में हुई थी. वह अवसाद का इलाज करा रहे थे.
वहीं, बीते 16 जुलाई की सुबह एक मरीज ने कथित तौर पर बाथरूम में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी.
मृतक की पहचान 35 वर्षीय राजमणि सत्तार के रूप में की थी, जो मध्य प्रदेश के सतना के रहने वाले थे. पांच-छह महीने पहले उनकी आंत का ऑपरेशन हुआ था. उसके बाद से ही वह एम्स में भर्ती थे.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)