सपा में क्रॉस वोटिंग, अखिलेश-शिवपाल गुट फिर आमने-सामने, राजग को आंकड़ों में मिल रही बढ़त, राष्ट्रपति चुनाव को सोनिया गांधी ने संकीर्ण, विभाजनकारी और सांप्रदायिक नज़रिये के ख़िलाफ़ लड़ाई करार दिया.
नई दिल्ली: राष्ट्रपति पद के लिए आज सोमवार को मतदान हो रहा है. दिल्ली के संसद भवन के अलावा राज्यों की विधानसभाओं में मतदान जारी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद भवन में स्थित मतदान केंद्र में मतदान किया.
राष्ट्रपति पद के लिए हो रहे मतदान में मुकाबला राजग उम्मीदवार रामनाथ कोविंद और कांग्रेस नीत विपक्षी उम्मीदवार मीरा कुमार के बीच है.
प्रधानमंत्री के अलावा मतदान करने वालों में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी प्रमुख हैं. अमित शाह गुजरात के अहमदाबाद क्षेत्र के नारनपुरा सीट से विधायक हैं.
राष्ट्रपति चुनाव में मतदान करने वाले अन्य प्रमुख लोगों में भाजपा के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार, बसपा प्रमुख मायावती शामिल हैं.
सपा, भाजपा और तृणमूल में क्रॉस वोटिंग
सपा, तृणमूल कांग्रेस और भाजपा में क्रॉस वोटिंग की खबरें हैं. तृणमूल कांग्रेस के आशीष साहा ने रामनाथ कोविंद को वोट देने के बाद उन्होंने कहा कि ऐसा करके हमने माकपा, कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के विरुद्ध अपना विरोध दर्ज कराया है.
दूसरी ओर गुजरात के एक बीजेपी विधायक नलिन कोटडिया ने कहा है कि वे एनडीए के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद के ख़िलाफ़ वोट करेंगे.
दूसरी ओर, राष्ट्रपति चुनाव में सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव और पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव के परस्पर विरोधी प्रत्याशियों के ख़िलाफ़ मतदान करने की प्रबल सम्भावना के मद्देनजर क्रॉस वोटिंग की आशंका है.पार्टी में शिवपाल गुट का दावा है कि पार्टी के कुछ विधायक एनडीए उम्मीदवार को वोट कर सकते हैं. आजतक की वेबसाइट के मुताबिक, सपा के 12 से 15 विधायक क्रॉस वोटिंग कर सकते हैं. शिवपाल यादव ने बयान दिया है कि मुझे लगता है कि रामनाथ कोविंद को ही वोट करना चाहिए.
सपा के शीर्ष नेतृत्व में इस मतभेद के कारण पार्टी के विधायक और सांसद भी पसोपेश में हैं कि वे आखिर किसके साथ जाएं. हालांकि 47 सीटों वाली सपा के मतदान से राष्ट्रपति चुनाव के नतीजों पर कोई खास असर नहीं पड़ेगा, मगर पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार इससे परिवार में कलह और दूरियां जरूर बढ़ेंगी.
रामनाथ कोविंद को भाजपानीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन का उम्मीदवार बनाए जाने के दिन से ही सपा में राष्ट्रपति पद के प्रत्याशी के मुद्दे पर मतभेद उजागर हो गए थे. राजग की तरफ से कोविंद का नाम घोषित होने के बाद पिछली 20 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सम्मान में लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा दिये गये रात्रिभोज में मुलायम ने न सिर्फ शिरकत की थी, बल्कि कोविंद को मजबूत उम्मीदवार बताते हुए उनसे अपने मधुर सम्बन्धों का जिक्र भी किया था.
संकीर्ण और सांप्रदायिक नज़रिये के ख़िलाफ़ लड़ाई: सोनिया
राष्ट्रपति चुनाव से एक दिन पहले कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने इस चुनावी मुकाबले को संकीर्ण, विभाजनकारी और सांप्रदायिक नज़रिये के ख़िलाफ़ लड़ाई करार दिया. राष्ट्रपति और उप-राष्ट्रपति पद के लिए विपक्ष के उम्मीदवार – मीरा कुमार और गोपाल कृष्ण गांधी – की मौजूदगी में विपक्षी नेताओं को संबोधित करते हुए सोनिया ने कहा कि इन मुकाबलों में संख्याबल उनके ख़िलाफ़ हो सकता है, लेकिन लड़ाई लड़ी जाएगी और जमकर लड़ी जाएगी.
सोनिया ने कहा, हम भारत को ऐसे लोगों का बंधक नहीं बनने दे सकते जो इस पर एक संकीर्ण, विभाजनकारी और सांप्रदायिक नजरिया थोपना चाहते हैं. कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, हमें अब सबसे ज्यादा सजग रहना होगा कि हम कौन हैं, अपनी आजादी की लड़ाई में हम किसलिए लड़े और हम अपने लिए कैसा भविष्य चाहते हैं.
उन्होंने कहा, हम जिन मूल्यों में यकीन करते हैं, उन पर हमारा विश्वास होना चाहिए. यह चुनाव विचारों का टकराव, असमान मूल्यों का संघर्ष है. यह चुनाव अंतरात्मा की आवाज पर वोट देने की मांग करता है ताकि उस भारत को बचाया जा सके जिसके लिए महात्मा गांधी और स्वतंत्रता सेनानियों ने लड़ाई लड़ी थी.
55 सांसद अपनी राज्य विधानसभाओं में मतदान करेंगे
मतदान शुरू होने पहले चुनाव आयोग ने बताया कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर समेत 55 सांसद राष्ट्रपति चुनाव में संसद भवन की बजाय अपने राज्य विधानसभाओं में मतदान करेंगे. पांच विधायक अपना मत संसद भवन में और चार अन्य विधायक अपना मत ऐसी राज्य विधानसभाओं में डालेंगे जहां से वे निर्वाचित नहीं हुए हैं.
राष्ट्रपति चुनाव के नियमों के मुताबिक सांसद या विधायक आयोग से यह कह सकते हैं कि एक अपवाद के तौर पर वह उन्हें किसी अन्य स्थान पर मतदान करने की इजाजत दे.
चुनाव आयोग के दस्तावेज के मुताबिक उसने 14 राज्यसभा और 41 लोकसभा सदस्यों को संसद भवन की बजाय राज्य विधानसभाओं में मत डालने की इजाजत दी है.
इनमें पर्रिकर, आदित्यनाथ और उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य शामिल हैं जिन्होंने संसद की अपनी सदस्यता नहीं छोड़ी है. पर्रिकर जहां राज्यसभा के सदस्य हैं, आदित्यनाथ और मौर्य लोकसभा सदस्य हैं.
जो सांसद अपने राज्य की विधानसभाओं में मत डालेंगे उनमें अधिकतर तृणमूल कांग्रेस के हैं. सांसद जहां अपना वोट डालने के लिए हरे रंग के मतपत्र का इस्तेमाल करेंगे, वहीं विधायक गुलाबी रंग के मतपत्र का इस्तेमाल करेंगे.
विधायक के वोट का मूल्य उस राज्य की जनसंख्या पर निर्भर करता है जिसका वह प्रतिनिधित्व करता है. यद्यपि सांसद के वोट का मूल्य नहीं बदलता और वह 708 रहता है. इसलिए निर्वाचन अधिकारी को मतपत्र के रंग से उसके मूल्य का पता चलेगा. पूरे निर्वाचक मंडल का मूल्य 10,98,903 है.
आंकड़े राजग के साथ
राष्ट्रपति पद के लिए हो रहे चुनाव में राजग उम्मीदवार रामनाथ कोविंद और विपक्ष की उम्मीदवार मीरा कुमार आमने-सामने हैं लेकिन आंकड़ों में कोविंद का पलड़ा भारी दिख रहा है.
मतों की गिनती 20 जुलाई को दिल्ली में होगी जहां विभिन्न राज्यों की राजधानियों से मत पेटियां लाई जाएंगी. इन चुनावों में लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य तथा राज्य विधानसभाओं के सदस्य मतदाता होते हैं. इस चुनाव में राजग का पक्ष भारी लग रहा है लेकिन विपक्ष अपने उम्मीदवार के समर्थन में कुछ क्षेत्रीय दलों का समर्थन जुटाने की कोशिश कर रहा है.
बिहार के पूर्व राज्यपाल कोविंद और लोकसभा की पूर्व अध्यक्ष मीरा कुमार ने देश भर में घूम-घूम कर अपनी उम्मीदवारी के समर्थन में लोगों से मत देने को कहा. मौजूदा राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का कार्यकाल इस साल 24 जुलाई को पूरा हो रहा है. अब तक मुखर्जी समेत 13 लोग इस पद पर रह चुके हैं.
कौन दे सकता है वोट
राष्ट्रपति के चुनाव में कुल 4896 मतदाता-4120 विधायक और 776 सांसद – अपने मताधिकार का प्रयोग करने के लिए पात्र हैं. राज्यों की विधान परिषद के सदस्य विधान पार्षद इस चुनाव में हिस्सा नहीं लेते.
लोकसभा अध्यक्ष जहां इस चुनाव में मत डाल सकता है वहीं एंग्लो-इंडियन समुदाय से लोकसभा में नामित होने वाले दो सदस्यों को मतदान का अधिकार नहीं होता है. राज्यसभा के भी 12 नामित सदस्य इन चुनावों में मतदान के अयोग्य होते हैं.
यह चुनाव क्योंकि गोपनीय मतपत्र के जरिये होता है इसलिए पार्टियां अपने सदस्यों को किसी खास उम्मीदवार के पक्ष में मत डालने के लिए व्हिप जारी नहीं कर सकतीं.
भाजपा के नेतृत्व वाले राजग के पास शिवसेना को मिलाकर कुल 5,37,683 वोट हैं और उसे करीब 12000 और मतों की जरूरत है.
हालांकि बीजद, टीआरएस और वाईएसआर कांग्रेस से समर्थन के वादे और अन्नाद्रमुक के एक धड़े से समर्थन की संभावना राष्ट्रपति चुनावों में वोटों की कमी के अंतर को पूरा कर सकती है.
ओवैसी की पार्टी का मीरा को समर्थन
मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के नौ विधायक और एक सांसद राष्ट्रपति पद के लिए होने वाले मतदान में विपक्ष की उम्मीदवार मीरा कुमार को वोट दे सकते हैं. पार्टी सूत्रों के मुताबिक, एआईएमआईएम असदुद्दीन औवेसी की अध्यक्षता में पिछले हफ्ते हुई बैठक में मीरा को समर्थन देने का फैसला किया.
सूत्रों ने बताया, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और तेलंगाना कांग्रेस के नेताओं ने एआईएमआईएम के प्रमुख औवेसी से बात कर समर्थन मांगा था. एआईएमआईएम के विधायकों और सांसद के उपराष्ट्रपति पद के चुनाव में विपक्ष के उम्मीदवार गोपालकृष्ण गांधी को वोट करने की काफी संभावना है. हैदराबाद से असदुद्दीन औवेसी पार्टी के एकमात्र सांसद हैं जबकि पार्टी के तेलंगाना में सात विधायक हैं.
(समाचार एजेंसियों भाषा व एएनआई से इनपुट के साथ)