प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कर व्यवस्था को और बेहतर बनाने के नाम पर ‘पारदर्शी कराधान: ईमानदार का सम्मान’ मंच की शुरुआत की है. इसके अलावा सरकार ने एक लिस्ट बनाई है, जिसके तहत स्कूल/कॉलेज की फ़ीस, विदेश यात्रा, घरेलू बिजनेस क्लास हवाई यात्रा, आभूषण और पेंटिंग खरीद, डीमैट अकाउंट, बैंक लॉकर आदि पर नज़र रखने का भी प्रस्ताव किया है.
नई दिल्ली: कर व्यवस्था को और बेहतर बनाने का दावा करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते गुरुवार को ‘पारदर्शी कराधान- ईमानदार का सम्मान’ मंच की शुरुआत की. इसे कर सुधारों की दिशा में महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है.
प्रधानमंत्री ने करदाताओं के लिए चार्टर (अधिकार-पत्र) का भी ऐलान किया. उन्होंने देशवासियों से आगे बढ़कर ईमानदारी के साथ कर देने का आह्वान किया. मोदी ने कहा कि इसमें फेसलेस असेसमेंट, फेसलेस अपील और करदाता चार्टर जैसे प्रमुख सुधारों को समाहित किया गया है.
हालांकि महत्वपूर्ण बात ये है कि जिस दिन सरकार ने टैक्स देने के लिए ईमानदार करदाताओं की तारीफ की, उसी दिन एक ऐसा प्रस्ताव पेश किया है, जिसमें उसने करदाताओं के खर्च पर अधिक निगरानी रखने की योजना बनाई है.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, आयकर विभाग ने 20,000 रुपये से अधिक के होटल भुगतान, 50,000 रुपये से अधिक के जीवन बीमा प्रीमियम भुगतान और 20,000 रुपये से अधिक स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम भुगतान को शामिल करने के लिए रिपोर्ट करने योग्य वित्तीय लेन-देन की सूची का विस्तार करने की योजना बनाई है.
Take a look to know how the Government is widening the Tax Base to provide more Tax Compliance and Progress. #HonoringTheHonest pic.twitter.com/MpZAzk0OkO
— MyGovIndia (@mygovindia) August 13, 2020
इनके अलावा स्कूल/कॉलेज की फीस में 1 लाख रुपये से अधिक का डोनेशन और भुगतान, विदेश यात्रा, घरेलू बिजनेस क्लास हवाई यात्रा, एक लाख रुपये से अधिक के आभूषण और पेंटिंग, डीमैट अकाउंट और यहां तक कि बैंक लॉकर को भी स्टेटमेंट ऑफ फाइनेंशियल ट्रांजैक्शंस (एसएफटी) यानी कि लेन-देन की रिपोर्टिंग की सूची में शामिल करने का प्रस्ताव रखा गया है.
सरकार का कहना है कि इन उपायों को कर आधार (टैक्स बेस) को व्यापक बनाने, बेहतर अनुपालन और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए प्रस्तावित किया गया है. एक अधिकारी ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा, ‘ये प्रस्तावित उपाय हैं, अभी तक लागू नहीं हुए हैं, लेकिन एसएफटी के तहत करदाताओं द्वारा लेन-देन की निगरानी के लिए मानदंड में अधिक श्रेणियां बनाई जाएंगी.’
अधिक श्रेणियां बनाने का मतलब है कि टैक्स अथॉरिटी के पास करदाताओं की काफी जानकारियां पहुंचेंगी. यदि इसे लागू किया जाता है तो ये टैक्स जमा/कटौती वाले फॉर्म में दिखाई देगा.
इससे पहले सरकार ने लेन-दने की रिपोर्टिंग (एसएफटी) का विस्तार करते हुए इसमें चालू खाते में 50 लाख या उससे अधिक की जमा/निकासी, गैर-चालू खाते में 10 लाख या अधिक का नकद जमा, 10 लाख से ऊपर विदेशी मुद्रा की बिक्री को शामिल किया गया था.
इसके अलावा म्यूचुअल फंड, क्रेडिट कार्ड लेन-देन, अचल संपत्ति आदि के लेन-देन की रिपोर्टिंग को भी एसटीएफ में शामिल किया गया.
Faceless Appeal Scheme to be implemented from 25th September 2020 which will bring a new era of Trust, Transparency, and Tax. #HonoringTheHonest pic.twitter.com/tUmJZro4Ge
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मोदी ने नए टैक्सपेयर चार्टर की शुरुआत करते हुए बृहस्पतिवार को कहा, ‘आज से शुरू हो रहीं नई व्यवस्थाएं, नई सुविधाएं न्यूनतम सरकार, कारगर शासन के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को मजबूत करती हैं, ये देशवासियों के जीवन में सरकार के दखल को कम करने की दिशा में एक बड़ा कदम है.’
वीडियो कांफ्रेन्सिंग के जरिये आयोजित इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने कहा कि अब कर प्रणाली ‘फेसलेस’ हो रही है, यह करदाता के लिए निष्पक्षता और एक भरोसा देने वाला है.
उन्होंने कहा, ‘कर मामलों में बिना आमना-सामना के अपील (फेसलेस अपील) की सुविधा 25 सितंबर यानी दीन दयाल उपाध्याय के जन्मदिन से पूरे देशभर में नागरिकों के लिए उपलब्ध होगी.’
प्रधानमंत्री ने कहा कि देश का ईमानदार करदाता राष्ट्रनिर्माण में बहुत बड़ी भूमिका निभाता है, जब देश के ईमानदार करदाता का जीवन आसान बनता है, वो आगे बढ़ता है, तो देश का भी विकास होता है.
करदाता चार्टर की मुख्य बातें। #HonoringTheHonest pic.twitter.com/m03sFR6UdJ
— MyGovIndia (@mygovindia) August 13, 2020
टैक्स चार्टर की घोषणा करते हुए उन्होंने कहा, ‘इसके जरिये उचित, विनम्र और तर्कसंगत व्यवहार का भरोसा दिया गया है. यानी आयकर विभाग को अब करदाता के मान-सम्मान, संवेदनशीलता के साथ ध्यान रखना होगा.’
प्रधानमंत्री ने करदाताओं से आगे बढ़कर ईमानदारी के साथ कर देने का भी आह्वान किया.
वर्ष 2012-13 में 0.94 प्रतिशत से 2018-19 में 0.26 प्रतिशत तक पिछले 6 वर्षों में स्क्रूटनी (जांच) मामलों में आई चार गुना कमी का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यह स्वयं सरकार के भरोसे का प्रतिबिंब है.
उन्होंने कहा कि पिछले 6 वर्षों में, भारत ने कर प्रशासन में शासन का एक नया मॉडल विकसित किया है. इन सभी प्रयासों के बीच उन्होंने कहा कि पिछले 6-7 वर्षों में आयकर रिटर्न दाखिल करने वालों की संख्या में लगभग 2.5 करोड़ की वृद्धि हुई है.
हालांकि प्रधानमंत्री ने साथ ही यह भी कहा कि 130 करोड़ की आबादी वाले देश के केवल डेढ़ करोड़ लोग ही आयकर देते हैं, जो कि बहुत कम है.
उन्होंने लोगों से आत्मावलोकन कर आयकर दाखिल करने के लिए आगे आने और राष्ट्र निर्माण में योगदान करने की अपील की. उन्होंने कहा कि यह आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में मदद करेगा.