दक्षिणी दिल्ली के हौज़ ख़ास इलाके में किराये के मकान में शुक्रवार की दोपहर को एम्स के 40 वर्षीय डॉक्टर का शव छत से लटका हुआ मिला. इससे पहले एक महीने के अंदर एम्स के दो डॉक्टरों ने कथित तौर पर संस्थान की छत से कूदकर आत्महत्या कर ली थी.
नई दिल्ली: शुक्रवार को पिछले एक महीने में नई दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के तीसरे डॉक्टर की आत्महत्या का मामला सामने आया, जबकि पिछले दो महीने में एम्स में आत्महत्या का यह पांचवां मामला है.
दक्षिणी दिल्ली के हौज खास इलाके में किराये के मकान में शुक्रवार की दोपहर को एम्स के 40 वर्षीय डॉक्टर का शव छत से लटका हुआ मिला. शव सड़ी-गली हालत में था. पुलिस ने यह जानकारी दी.
पुलिस को गौतम नगर में एक घर से आ रही दुर्गंध के बारे में सूचना मिली थी.
पुलिस उपायुक्त (दक्षिण) अतुल कुमार ठाकुर ने कहा, ‘घटनास्थल पर पहुंचने के बाद घर की दूसरी मंजिल के एक कमरे में एक पुरुष का सड़ा-गला शव लटका हुआ मिला. कमरा अंदर से बंद था. मृतक की पहचान बाद में मोहित सिंगला के रूप में हुई.’
डीसीपी ने कहा कि वह यहां एम्स अस्पताल में बाल रोग विभाग में शोध कर रहे थे और मंगलवार को आखिरी बार कार्यालय गए थे. अपराध दंड संहिता की धारा 174 के तहत कार्यवाही शुरू की गई है.
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, ठाकुर ने कहा कि प्रथमदृष्टया ऐसा लग रहा है कि उन्होंने दो-तीन पहले यह कदम उठाया.
ठाकुर ने कहा कि सिंगला के आवास से एक सुसाइड नोट बरामद हुआ है.
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, पत्र में उन्होंने कथित तौर पर कहा है कि यह उनकी जिंदगी है, उनकी पसंद है और वह 60-70 साल तक नहीं जीना चाहते हैं. पत्र में यह भी कहा गया है कि मैं अपनी मानसिक स्थिति और नहीं छिपा सकता हूं. पत्र में कोई आरोप नहीं लगाया गया है.
डीसीपी ठाकुर ने कहा कि अभी तक किसी तरह की गड़बड़ी की आशंका नहीं है.
पुलिस ने बताया कि वह हरियाणा के पंचकुला के रहने वाले थे और 2006 से गौतम नगर में एक कमरे में अकेले रह रहे थे. परिवार में उनके माता-पिता और एक छोटे भाई हैं, जो डॉक्टर हैं.
एम्स के एक डॉक्टर ने कहा, वह ज्यादातर पीडियाट्रिक्स में रिसर्च प्रोजेक्ट्स पर काम करते थे. उनके 32 शोध पत्र प्रकाशित हुए थे और वे एक होनहार छात्र थे.
इससे पहले 10 अगस्त की शाम एक 22 वर्षीय एमबीबीएस छात्र ने कथित रूप से हॉस्टल की छत से कूदकर जान दे दी थी.
पुलिस ने बताया था कि बेंगलुरु के रहने वाले साल 2018 बैच के 22 वर्षीय एमबीबीएस छात्र विकास को अस्पताल के मनोरोग वार्ड में भर्ती कराया गया था. कुछ मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं को लेकर उनका इलाज चल रहा था.
वहीं, बीते छह जुलाई को एम्स में ही कोरोना संक्रमित एक 37 वर्षीय पत्रकार तरुण सिसोदिया ने चौथी मंजिल से कथित तौर पर कूदकर आत्महत्या कर ली थी.
इसके बाद 10 जुलाई को 25 वर्षीय जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर ने कथित रूप से एम्स के डॉक्टरों के हॉस्टल की 10वीं मंजिल से कथित तौर पर कूदकर जान दे दी थी.
मृतक की पहचान मनोरोग विभाग में काम करने वाले अनुराग कुमार के रूप में हुई थी. वह अवसाद का इलाज करा रहे थे.
बीते 16 जुलाई की सुबह एक मरीज ने कथित तौर पर बाथरूम में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी.
मृतक की पहचान 35 वर्षीय राजमणि सत्तार के रूप में की थी, जो मध्य प्रदेश के सतना के रहने वाले थे. पांच-छह महीने पहले उनकी आंत का ऑपरेशन हुआ था. उसके बाद से ही वह एम्स में भर्ती थे.
इस हफ्ते की शुरुआत में एम्स के फैकल्टी एसोसिएशन ने निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया को पत्र लिखकर संस्थान में अंडरग्रेजुएट छात्रों की हालिया आत्महत्याओं पर चिंता जताई थी.
पत्र में कहा गया था कि छात्रों के लिए बेहतर माहौल तैयार करने के लिए हम सभी को मिल-जुलकर सोचने और काम करने की जरूरत है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)