बिहार: मंत्री श्याम रजक मंत्रिमंडल से बर्ख़ास्त, जदयू से भी निष्कासित, राजद में हुए शामिल

बिहार विधानसभा चुनाव से पहले राजद ने अपने तीन विधायकों को छह साल के लिए पार्टी से बाहर कर दिया है. तीनों विधायकों के जदयू में शामिल होने की संभावना है.

श्याम रजक. (फोटो साभार: फेसबुक)

बिहार विधानसभा चुनाव से पहले राजद ने अपने तीन विधायकों को छह साल के लिए पार्टी से बाहर कर दिया है. तीनों विधायकों के जदयू में शामिल होने की संभावना है.

श्याम रजक. (फोटो साभार: फेसबुक)
श्याम रजक. (फोटो साभार: फेसबुक)

पटना: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले राज्य में कुछ महत्वपूर्ण राजनीतिक बदलाव हुए हैं. रविवार को बिहार सरकार में मंत्री श्याम रजक को जहां मंत्रिमंडल और जदयू से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया, वहीं दूसरी ओर राजद ने अपने तीन विधायकों को पार्टी विरोधी गतिविधि के आरोप में छह साल के लिए निष्कासित कर दिया.

नीतीश कुमार सरकार में उद्योग मंत्री और जदयू के राष्ट्रीय महासचिव श्याम रजक को राज्य मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने के साथ ही रविवार को पार्टी से भी निष्कासित कर दिया गया था.

इसके बाद सोमवार को सोमवार को पटना में तेजस्वी यादव की मौजूदगी में वह राष्ट्रीय जनता दल (राजद) में शामिल हो गए.

इससे पहले सोमवार को पत्रकारों से बातचीत में श्याम रजक ने कहा, ‘मुझे निकाला नहीं गया है, मैं विधानसभा अध्यक्ष को अपना इस्तीफा देने जा रहा हूं. मैं वहां नहीं रह सकता, जहां सामाजिक न्याय को तार-तार कर दिया जाए.’

उन्होंने आगे कहा, ‘जदयू के तकरीबन 99 प्रतिशत लोग बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से परेशान हैं, लेकिन वे निर्णय नहीं ले पा रहे हैं. मैं दूसरों के बारे में नहीं जानता लेकिन मैं राजद में शामिल होने जा रहा हूं.’

श्याम रजक अनुसूचित जाति समुदाय से आने वाले नेता हैं. साल 2010 में वह राजद छोड़कर जदयू में शामिल हो गए थे.

रविवार को जदयू के मुख्य प्रवक्ता संजय सिंह ने कहा कि उन्हें पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है. सिंह ने कहा कि श्याम रजक को राज्य मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया गया है और उन्हें छह साल के लिए पार्टी से भी निष्कासित कर दिया गया है.

अटकलें लगाई जा रही थीं कि रजक जदयू छोड़ सकते हैं, क्योंकि वह अपनी पार्टी और उद्योग सचिव एस. सिद्धार्थ के साथ खुश नहीं थे, जिनके साथ उनके विभाग चलाने को लेकर मतभेद थे.

समाचार एजेंसी पीटीआई/भाषा को सूत्रों ने बताया कि जदयू पार्टी नेता अरुण मांझी को अधिक महत्व दे रहा है, जो इन दिनों फुलवारी शरीफ विधानसभा क्षेत्र का दौरा कर रहे हैं.

रजक फुलवारी शरीफ का प्रतिनिधित्व करते हैं.

सूत्रों ने बताया कि रजक को आशंका थी कि इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव में जदयू उन्हें टिकट नहीं दे सकता है.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, रजक राजद प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के करीबी माने जाते हैं. रिपोर्ट के अनुसार, दूसरी ओर जदयू रविवार को पार्टी से निकाले गए तीन राजद विधायकों को शामिल करने के लिए तैयार है.

बताया जा रहा है कि दरभंगा के केओटी से राजद विधायक और राजद सांसद एमएए फतमी के बेटे फराज फातमी, मुजफ्फरपुर के गायघाट से राजद विधायक महेश्वर यादव और वैशाली के पातेपुर से विधायक प्रेमा चौधरी बीते कुछ समय से जदयू के संपर्क में हैं.

इन तीनों विधायकों को राजद ने रविवार को ही छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया था. राजद की ओर से कहा गया है कि तीनों पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त थे.

रिपोर्ट के अनुसार, रविवार को रजक का स्वागत करते हुए राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा, ‘श्याम रजक हमारे साथ काफी समय से थे और महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. यह उनके लिए घर वापसी जैसा है. उनकी वापसी पार्टी को बढ़ावा देगी. रजक जैसे नेता का जदयू छोड़ना दिखाता है कि कैसे उनका नीतीश कुमार से मोह भंग हो गया है?’

राजद से निकाले गए तीन विधायकों के जदयू में शामिल होने के बारे में पूछने पर तिवारी ने कहा कि अपनी पार्टी विरोधी गतिविधियों की वजह से फराज फातमी, महेश्वर यादव और प्रेमा चौधरी ने राजद नेतृत्व का विश्वास खो दिया था और इस बात का कोई महत्व नहीं कि वे कौन सी पार्टी में शामिल होते हैं.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)