डी. रूपा ने एआईएडीएमके अध्यक्ष वीके शशिकला को जेल में वीआईपी ट्रीटमेंट दिए जाने के अलावा इससे जुड़े कई महत्वपूर्ण सीसीटीवी फुटेज डिलीट किए जाने और डीजीपी पर रिश्वत लेने का आरोप भी लगाया था.
कर्नाटक सरकार ने एआईएडीएमके नेता वीके शशिकला को जेल में विशेष सुविधाएं दिए जाने और केंद्रीय कारागार में हो रहे भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर सार्वजनिक बहस में शामिल जेल के दो शीर्ष अधिकारियों का सोमवार को तबादला कर दिया.
ज्ञात हो कि 13 जुलाई को सामने आई एक रिपोर्ट के अनुसार बेंगलुरु सेंट्रल जेल में बंद एआईएडीएमके प्रमुख शशिकला को वीवीआईपी सुविधाएं मिलने की बात कही गई थी. इस रिपोर्ट में शशिकला के लिए जेल में एक अलग किचन की व्यवस्था किए जाने के बारे में भी बताया गया था. ये जानकारी उपमहानिरीक्षक (कारागार) डी. रूपा द्वारा उनके वरिष्ठ अधिकारी को लिखी गई एक चिठ्ठी से सामने आई थी, जहां उन्होंने डीजीपी पर रिश्वत लेने का आरोप लगाया था.
एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक़ 10 जुलाई को केंद्रीय कारागार का निरीक्षण करने के बाद डीआईजी रूपा ने डीजीपी को ये चिट्ठी लिखी थी, जिसमें बताया गया था कि जेल में शशिकला को मिली सुविधाओं के बारे में अधिकारियों का कहना है कि डीजीपी की जानकारी के बावजूद ऐसा हो रहा है और स्पेशल किचन के लिए दो करोड़ रुपये की डील हुई है और ख़ुद डीजीपी भी इसमें शामिल हैं.
अमर उजाला की एक ख़बर के अनुसार पुलिस सूत्रों के मुताबिक डी. रूपा ने एआईएडीएमके अध्यक्ष वीके शशिकला को वीआईपी ट्रीटमेंट देने सबंधी कई महत्वपूर्ण सीसीटीवी फुटेज डिलीट किए जाने का भी आरोप लगाया था.
रिपोर्ट में बताया गया था कि विजिटर गैलरी में केवल दो सीसीटीवी कैमरा मौजूद हैं. कैमरा नंबर 8 और 9 एडमिशन रूम के पास लगे हुए हैं जिनमें रिकॉर्डिंग की सेवा उपलब्ध नहीं है. शशिकला को एक अलग कमरा दिया गया था कि जिसमें वह किसी से भी मिल सकती थीं. सभी घटनाएं कैमरे में कैद हुई थीं, लेकिन उसकी रिकॉर्डिंग डिलीट कर दी गई.
सोमवार 17 जुलाई को पुलिस महानिदेशक (कारागार) एचएन सत्यनारायण राव और उन पर रिश्वत लेने का आरोप लगाने वाली डी. रूपा का तत्काल प्रभाव से तबादला कर दिया गया.
राज्य सरकार ने एक अधिसूचना में कहा कि भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के अधिकारी एनएस मेघारिख का तत्काल प्रभाव से तबादला कर उन्हें राव की जगह अतिरिक्त डीजीपी (कारागार) के पद पर तैनात किया गया है. साथ ही यह भी कहा गया कि रूपा को पुलिस उपमहानिरीक्षक और यातायात एवं सड़क सुरक्षा आयुक्त के पद पर तैनात किया गया है.
Bengaluru DIG (Prisons) D.Roopa transferred to traffic department. (File Pic) pic.twitter.com/FQrOOkUKun
— ANI (@ANI) July 17, 2017
हालांकि अधिसूचना में यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि राव का तबादला किस पद पर किया गया है और रूपा की जगह किसे तैनात किया गया है.
हालांकि राव ने आरोपों को ख़ारिज करते हुए इसे पूरी तरह ग़लत और बेबुनियाद बताया और कहा कि वह डी. रूपा के ख़िलाफ़ कानूनी कार्रवाई करेंगे.
दोनों अधिकारियों के बीच सार्वजनिक बहस शुरू होने के साथ मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने आरोपों को लेकर एक सेवानिवृत आईएएस अधिकारी द्वारा उच्च स्तरीय जांच के भी आदेश दिए हैं. साथ ही उन्होंने यह स्पष्टीकरण दिया की रूपा का तबादला प्रशासनिक प्रक्रिया का हिस्सा है और मीडिया को सब कुछ बताना ज़रूरी नहीं है.
It is an administrative process,it is not necessary to disclose everything to the media: Karnataka CM Siddaramaiah on cop D.Roopa's transfer pic.twitter.com/RCQjA2akV6
— ANI (@ANI) July 17, 2017
वहीं जेल में भ्रष्टाचार होने के मामले के सामने आने से शर्मसार हुई राज्य की कांग्रेस सरकार ने रूपा को कानूनी नोटिस भेजकर उनके आचरण को लेकर स्पष्टीकरण देने को कहा है. लेकिन एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अधिकारी डी. रूपा अपनी बात पर कायम हैं और उन्होंने कहा है कि उन्होंने किसी भी आचरण नियम का उल्लंघन नहीं किया.
(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)