केंद्र के विभाग भ्रष्टाचार की शिकायतों की जांच रिपोर्ट समय पर भेजें: सीवीसी

केंद्रीय सतर्कता आयोग ने केंद्र सरकार के सभी मुख्य सतर्कता अधिकारियों को लिखे पत्र में कहा है कि भ्रष्टाचार की शिकायतों की जांच रिपोर्ट भेजने की समयसीमा का सख़्ती से पालन किया जाना चाहिए और यदि इसका उल्लंघन किया जाता है तो इसे गंभीरता से लिया जाएगा.

(फोटो साभार: फेसबुक)

केंद्रीय सतर्कता आयोग ने केंद्र सरकार के सभी मुख्य सतर्कता अधिकारियों को लिखे पत्र में कहा है कि भ्रष्टाचार की शिकायतों की जांच रिपोर्ट भेजने की समयसीमा का सख़्ती से पालन किया जाना चाहिए और यदि इसका उल्लंघन किया जाता है तो इसे गंभीरता से लिया जाएगा.

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नई दिल्ली: केंद्रीय सतर्कता आयोग ने केंद्र सरकार के सभी विभागों को भ्रष्टाचार की शिकायतों की समय पर जांच रिपोर्ट भेजने के लिए कहा है और उन्हें चेतावनी दी है कि निर्धारित समय सीमा का पालन न करने को ‘गंभीरता से देखा’ जाएगा.

केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) केंद्र सरकार के विभागों या संगठनों के मुख्य सतर्कता अधिकारियों (सीवीओ) से भ्रष्टाचार की शिकायतों पर रिपोर्ट मांगता है. सीवीओ भ्रष्टाचार की जांच के लिए आयोग के सहायक के रूप में कार्य करते हैं.

सीवीओ को शिकायत प्राप्ति की तारीख से तीन महीने के भीतर इस पर जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करना आवश्यक है.

आयोग ने पत्र लिखकर कहा है कि विभाग/संगठन निर्धारित समयसीमा का पालन नहीं करते हैं, जिसके कारण ऐसे मामलों में देरी होती है. उन्होंने कहा कि इसके चलते शिकायतों पर समय पर कार्रवाई संभव नहीं है.

सीवीसी ने कहा, ‘कई बार सीवीओ द्वारा आयोग को रिपोर्ट प्रस्तुत करने में देरी के लिए कोई वैध कारण भी नहीं बताया जाता है.’

आयोग ने 13 अगस्त को केंद्र सरकार के सभी सीवीओ को जारी निर्देशों में कहा है कि जांच रिपोर्ट सौंपने को लेकर तीन महीने की निर्धारित समयसीमा का सख्ती से सभी विभागों द्वारा पालन किया जाना चाहिए.

आदेश में कहा गया है सभी सीवीओ व्यक्तिगत रूप से हर महीने के पहले सप्ताह में लंबित शिकायतों की समीक्षा करेंगे और रिपोर्ट तैयार करने में तेजी लाने के लिए जरूरी कदम उठाएंगे.

सीवीसी ने कहा, ‘सभी सीवीओ को उपरोक्त दिशानिर्देशों का कड़ाई से पालन करना चाहिए और उल्लंघन के किसी भी उदाहरण को आयोग द्वारा गंभीरता से देखा जाएगा.’

आयोग ने अपने आदेश में कहा है कि यदि तीन महीने के भीतर मामले की जांच पूरी नहीं हो पाती है तो सीवीओ विशेष कारण या बाधाओं की जानकारी देकर समय का विस्तार करने की मांग सकते हैं. यह मांग आयोग द्वारा प्राप्त संदर्भ के 15 दिनों के भीतर होनी चाहिए.

सीवीसी ने कहा, ‘सीवीओ द्वारा इस तरह का अनुरोध संबंधित विभाग/संगठन के सचिव/सीएमडी/मुख्य कार्यकारी की मंजूरी के साथ होना चाहिए.’

इसके अलावा आयोग ने कहा है कि सीवीओ को आवश्यक कार्रवाई के लिए भेजी गईं शिकायतों की स्थिति आयोग की वेबसाइट पर अपडेट की जानी चाहिए.

उसने कहा कि यह देखा गया है कि आवश्यक कार्रवाई के लिए भेजी गईं ऐसी ज्यादातर शिकायतों की समय पर जांच नहीं की जाती है और उन्हें नियमित रूप से अपडेट नहीं किया जाता है.

आयोग ने चिंता के साथ इस मुद्दे पर गौर किया है और सभी सीवीओ को सलाह दी है कि वे आवश्यक कार्रवाई के लिए भेजी गई प्रत्येक शिकायत पर कार्रवाई की स्थिति को तुरंत आयोग के पोर्टल पर अपडेट करें.

(समाचार एजेंसी पीटीआई से इनपुट के साथ)

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