जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि जम्मू कश्मीर और लद्दाख में नौकरियां सभी के लिए हैं, लेकिन मध्य प्रदेश में ये सिर्फ़ राज्य के लोगों के लिए हैं.
भोपाल: प्रदेश में सरकारी नौकरियों में स्थानीय युवाओं को प्राथमिकता देने की घोषणा करके के दो दिन बाद ही मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को कहा कि प्रदेश की शासकीय नौकरियां अब केवल राज्य के बच्चों को ही दी जाएंगी और इसके लिए हम आवश्यक कानूनी प्रावधान कर रहे हैं.
चौहान ने वीडियो संदेश जारी कर कहा, ‘आज मध्य प्रदेश सरकार ने एक महत्वपूर्ण फैसला किया है. प्रदेश की शासकीय नौकरियां अब केवल राज्य के बच्चों को ही दी जाएगी.’ उन्होंने कहा, ‘इसके लिए हम आवश्यक कानूनी प्रावधान कर रहे हैं.’
उन्होंने ट्वीट किया, ‘मेरे प्यारे भांजे-भांजियों. आज से मध्य प्रदेश के संसाधनों पर पहला अधिकार मध्य प्रदेश के बच्चों का होगा. सभी शासकीय नौकरियां सिर्फ मध्य प्रदेश के बच्चों के लिए ही आरक्षित रहेंगी. हमारा लक्ष्य प्रदेश की प्रतिभाओं को प्रदेश के उत्थान में सम्मिलित करना है.’
शिवराज सिंह चौहान ने एक अन्य ट्वीट में लिखा, ‘मध्य प्रदेश के युवाओं का भविष्य ‘बेरोजगारी भत्ते’ की बैसाखी पर टिका रहे, यह हमारा लक्ष्य न कभी था और न ही है. जो यहां का मूल निवासी है वही शासकीय नौकरियों में आकर प्रदेश का भविष्य संवारे, यही मेरा सपना है. मेरे बच्चों, खूब पढ़ो और फिर सरकार में शामिल होकर प्रदेश का भविष्य गढ़ो.’
मध्यप्रदेश के युवाओं का भविष्य ‘बेरोजगारी भत्ते’ की बैसाखी पर टिका रहे यह हमारा लक्ष्य ना कभी था और ना ही है। जो यहाँ का मूल निवासी है वही शासकीय नौकरियों में आकर प्रदेश का भविष्य संवारे यही मेरा सपना है। मेरे बच्चों, खूब पढ़ो और फिर सरकार में शामिल होकर प्रदेश का भविष्य गढ़ो।
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) August 18, 2020
दैनिक भास्कर के अनुसार, हाल ही में जेल प्रहरी भर्ती का विज्ञापन भी ऑल इंडिया लेवल पर निकाला गया था. इसे लेकर मध्य प्रदेश के युवाओं ने काफी विरोध भी किया था.
दैनिक जागरण के अनुसार, नवंबर में जेल प्रहरी के 282 पदों पर भर्ती के लिए परीक्षा आयोजित होनी है. मध्य प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने हाल ही में पुलिस आरक्षक में 4,269 पदों पर जल्द भर्ती करने की बात कही थी.
बता दें कि इससे पहले बीते 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर चौहान ने कहा था कि प्रदेश में सरकारी नौकरियों में स्थानीय युवाओं को प्राथमिकता दी जाएगी.
चौहान ने कहा, ‘जब नौकरियों के अवसरों का अभाव है, ऐसे समय में राज्य के युवाओं की चिंता करना हमारा कर्तव्य है. सरकारी भर्तियों के लिए अभियान चलाया जाएगा, साथ ही निजी क्षेत्रों में भी अधिक से अधिक रोजगार उपलब्ध कराए जाएंगे. विद्यार्थियों को 10वीं एवं 12वीं की अंकसूची के आधार पर नियोजित किया जाएगा.’
बता दें कि पिछले साल अक्टूबर में राज्य के तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ ने प्रदेश की सभी औद्योगिक इकाइयों में 70 प्रतिशत रोजगार प्रदेश के लोगों को देने के लिए कानून बनाया था.
कमलनाथ सरकार के नियम के मुताबिक शासकीय योजनाओं, टैक्स में छूट का फायदा उद्योगपति तभी उठा पाएंगे जब वो 70 फीसदी रोजगार मध्य प्रदेश के लोगों को देंगे.
Jobs in J&K and Ladakh for everyone but jobs in MP exclusively for people from MP. No surprise there! https://t.co/ySK9EQGcZe
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) August 18, 2020
शिवराज सरकार की इस घोषणा के बाद जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने हमला बोला है.
अब्दुल्ला ने ट्वीट कर कहा, ‘जम्मू कश्मीर और लद्दाख में नौकरियां तो सभी के लिए हैं, लेकिन मध्य प्रदेश में ये सिर्फ राज्य के लोगों के लिए ही है. यहां कोई आश्चर्य नहीं है.’
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)