दिल्ली मेट्रो रेल निगम में क़रीब 14,500 कर्मचारी हैं. मंगलवार को जारी आदेश में कहा गया है कि मेट्रो सेवाओं का परिचालन न होने की वजह से पैदा हुई गंभीर वित्तीय स्थिति के मद्देनज़र यह क़दम उठाया गया है.
नई दिल्ली: कोविड-19 महामारी की रोकथाम के मद्देनजर मेट्रो सेवाओं का परिचालन बंद होने से वित्तीय दिक्कतों का सामना कर रहे दिल्ली मेट्रो प्रशासन ने कर्मचारियों के भत्ते और लाभों में 50 फीसदी तक कमी करने का निर्णय लिया है.
दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) द्वारा मंगलवार को जारी आंतरिक आदेश से यह जानकारी मिली.
सूत्रों ने बताया कि दिल्ली मेट्रो रेल निगम को 22 मार्च से कोविड-19 परिस्थतियों की वजह से सेवा बंद करने के बाद से करीब 1,300 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है.
डीएमआरसी में करीब 14,500 कर्मचारी हैं. डीएमआरसी की ओर से कर्मचारियों को जारी आंतरिक आदेश के अनुसार, यह कदम मेट्रो सेवाओं का परिचालन नहीं होने की वजह से पैदा हुई गंभीर वित्तीय स्थिति के मद्देनजर उठाया गया है.
In view of adverse financial condition due to non-operation of metro services, perks & allowances to be reduced by 50% with effect from Aug 2020. Starting with the salary for Aug, perks & allowances will be payable at the rate of 15.75% of Basic Pay: Delhi Metro Rail Corporation pic.twitter.com/QLrs14tUoe
— ANI (@ANI) August 18, 2020
आदेश में कहा गया है, ‘यह निर्णय लिया गया है कि लाभ और भत्तों में अगस्त 2020 से अगले आदेश तक के लिए 50 फीसदी तक की कटौती की जाएगी.’
दैनिक जागरण के मुताबिक, डीएमआरसी अपने कर्मचारियों को मूल वेतन, महंगाई भत्ता के अलावा कई तरह के भत्तों का भुगतान करता है. यह मूल वेतन का 31.50 फीसदी है. मूल वेतन में कटौती नहीं हो सकती इसलिए डीएमआरसी ने भत्तों में कटौती की है.
डीएमआरसी ने आदेश में कहा है कि कर्मचारियों को मूल वेतन का 15.75 फीसदी ही लाभ व भत्ते दिए जाएंगे.
इसके अलावा कर्मचारियों को किसी तरह की अग्रिम राशि की भुगतान नहीं किया जाएगा. जिन्हें पहले ही स्वीकृति मिल चुकी है सिर्फ उन्हीं को इसका लाभ मिलेगा.
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, डीएमआरसी के वरिष्ठ उप महाप्रबंधक (एचआर) संगीता श्रीवास्तव द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि मेट्रो स्टाफ को मिलने वाले हर तरह के एडवांस पर भी अगले आदेश तक रोक लगा दी गई है. जैसे हाउस बिल्डिंग एडवांस, मल्टीपर्पस एडवांस, लैपटॉप एडवांस, फेस्टिवल एडवांस जैसे कई एडवांस पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी गई है.
हालांकि कर्मचारियों को मेडिकल ट्रीटमेंट, टीए-डीए जैसी सुविधाओं का लाभ मिलता रहेगा. वहीं, दिल्ली मेट्रो रेल निगम पर जापान इंटरनेशनल कोऑपरेशन एजेंसी (जेआईसीए) का भारी भरकम ऋण है. वह ऋण की किस्त चुकाने के लिए भी संघर्ष कर रहा है.
डीएमआरसी ने इससे पहले केंद्र को पत्र लिखकर अनुरोध किया था कि वह वर्ष 2020-21 के लिए अपने ऋण के किस्तों का भुगतान टाल दे.
हालांकि, इस पर केंद्र ने डीएमआरसी और अन्य मेट्रो ऑपरेटरों को सलाह दी थी कि वे अपने संबंधित राज्य सरकारों से संपर्क करें.
डीएमआरसी ने जापानी एजेंसी जेआईसीए से 35,198 करोड़ रुपये का ऋण लिया है. मौजूदा वित्तीय वर्ष में 1,242.83 करोड़ रुपये भुगतान करना है जिसमें मूल और ब्याज राशि शामिल है.
डीएमआरसी को यह ऋण 30 सालों में चुकाना है. डीएमआरसी ने अब तक 3,337 करोड़ का ऋण चुकाया है. जिसके बाद 31,861 करोड़ का ऋण बकाया है.
इस वित्त वर्ष में डीएमआरसी को 1,242.83 करोड़ रुपये भरना है लेकिन अब तक सिर्फ 79.19 करोड़ रुपये ही चुकाया गया है.
बता दें कि देश में कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए बीते मार्च महीने से मेट्रो रेल सेवा बंद है.
अनलॉक के तीसरे चरण में सीमित संख्या में रेल सेवा और घरेलू हवाई सेवाएं शुरू कर दी गई हैं, लेकिन मेट्रो को लेकर कोई फैसला नहीं लिया गया है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)