सीमा पर बीएसएफ और भारतीयों द्वारा कथित तौर पर बढ़ती हत्याओं पर बांग्लादेश ने चिंता जताई

भारत के विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला से मुलाकात के दौरान बांग्लादेश के विदेश सचिव मसूद बिन मोमेन ने लॉकडाउन के कारण प्रभावित बांग्लादेश के तबलीग सदस्यों और 25 बांग्लादेशी मछुआरों की जल्द वापसी का अनुरोध किया.

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भारत के विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला और बांग्लादेश के विदेश सचिव मसूद बिन मोमेन. (फोटो: पीटीआई)

भारत के विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला से मुलाकात के दौरान बांग्लादेश के विदेश सचिव मसूद बिन मोमेन ने लॉकडाउन के कारण प्रभावित बांग्लादेश के तबलीग सदस्यों और 25 बांग्लादेशी मछुआरों की जल्द वापसी का अनुरोध किया.

भारत के विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला और बांग्लादेश के विदेश सचिव मसूद बिन मोमेन. (फोटो: पीटीआई)
भारत और बांग्लादेश के बीच बुधवार को विदेश सचिव स्तर की बातचीत हुई. (फोटो: पीटीआई)

नई दिल्लीः बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने इस साल की पहली छमाही के दौरान ‘बीएसएफ या भारतीय नागरिकों’ द्वारा भारत-बांग्लादेश सीमा पर कथित तौर पर हत्याओं में वृद्धि पर गहरी चिंता व्यक्त की है.

इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, भारत के विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला से बुधवार को हुई मुलाकात के दौरान बांग्लादेश के विदेश सचिव मसूद बिन मोमेन द्वारा उठाए गए प्रमुख मुद्दों में से यह एक था.

बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘बांग्लादेश ने कहा कि यह सभी द्विपक्षीय समझौतों का उल्लंघन है और भारतीय सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) से अधिकतम संयम बरतने का आग्रह करना चाहिए.’

उसने आगे कहा, ‘भारतीय पक्ष ने आश्वासन दिया कि बीएसएफ अधिकारियों को इस मामले के बारे में संवेदनशील बनाया गया है और इस मुद्दे पर बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी) और बीएसएफ के बीच डीजी स्तर की वार्ता पर विस्तार से चर्चा की जाएगी, जिसे अगले महीने ढाका द्वारा आयोजित किया जाएगा.’

श्रृंगला ने बुधवार को बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना से मुलाकात की थी.

इस दौरान दोनों पक्षों के बीच आपसी हित के सुरक्षा से जुड़े मुद्दों, कोरोना वायरस की महामारी से निपटने में सहयोग और महामारी के बाद अर्थव्यवस्था की बहाली पर चर्चा हुई थी.

पहले बांग्लादेश में भारत के उच्चायुक्त रह चुके श्रृंगला ने कहा कि उन्होंने कोविड-19 महामारी को नियंत्रित करने के लिए भारत द्वारा उठाए गए विभिन्न कदमों की जानकारी प्रधानमंत्री को दी.

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें ढाका इसलिए भेजा है ताकि इस महामारी में भी दोनों देशों के बीच मजबूत संबंध और संपर्क जारी रहे.

श्रृंगला मंगलवार को वहां पहुंचे थे और जनवरी में विदेश सचिव का पद संभालने के बाद यह उनकी दूसरी बांग्लादेश यात्रा थी. इससे पहले वह मार्च में ढाका आए थे.

बांग्लादेश ने अपने बयान में आगे कहा, ‘इसके साथ ही मोमेन ने श्रृंगला से भारत में लॉकडाउन के कारण प्रभावित बांग्लादेश के तबलीग सदस्यों की जल्द वापसी का अनुरोध किया.’

बयान में आगे कहा गया, ‘असम के धुबरी जिले में हिरासत में रखे गए 25 बांग्लादेशी मछुआरों की जल्द रिहाई के लिए भी अनुरोध किया गया था. भारतीय पक्ष ने आश्वासन दिया कि मामले पर ध्यान दिया जाएगा और बांग्लादेशी नागरिक जल्द लौटेंगे.’

बयान में कहा गया है कि दोनों पक्षों ने संतोष व्यक्त किया कि महामारी के दौरान भी दोनों देशों ने विभिन्न क्षेत्रों में उच्च स्तर पर संपर्क बनाए रखा है.

आगे कहा गया, ‘महत्वपूर्ण घटनाक्रमों में चटोग्राम और मोंगला बंदरगाह के उपयोग के समझौते के तहत बांग्लादेश के माध्यम से भारतीय कार्गो के ट्रांस-शिपमेंट के लिए पहला ट्रायल रन आयोजित करना शामिल है.’

मोमेन ने कहा कि बांग्लादेश अपने परीक्षण सहित कोविड वैक्सीन के विकास में सहयोग करने के लिए तैयार है और यह तैयार होने पर वैक्सीन की शुरुआती सस्ती उपलब्धता के लिए तत्पर है.

वहीं, श्रृंगला ने कहा कि ब्रिटेन के ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के साथ साझेदारी में विकसित किया जा रहा कोविड-19 का टीका तैयार होने के बाद भारत उसे प्राथमिकता के आधार पर बांग्लादेश को उपलब्ध कराएगा.

गौरतलब है कि भारत-ब्रिटेन की साझेदारी में चल रहा अनुसंधान टीका विकसित करने की होड़ में दुनियाभर में संभवत: सबसे आगे है.

दुनिया में इस्तेमाल होने वाले टीकों में से 60 प्रतिशत का उत्पादन भारत में होता है.

दोनों विदेश सचिवों ने इस बात पर सहमति जताई कि इंडियन लाइंस ऑफ क्रेडिट के तहत बांग्लादेश में विकास परियोजनाओं के लिए और अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)