महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम की बस से राज्य के किसी भी हिस्से में जाने के लिए ई-पास या कोरोना-फ्री सर्टिफिकेट की बाध्यता समाप्त कर दी गई है. राज्य में कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए लागू किए गए लॉकडाउन के कारण मार्च में बस सेवा बंद कर दी गई थी.
मुंबई: महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम (एमएसआरटीसी) की अंतर जिला बस सेवा लगभग पांच महीने बाद बृहस्पतिवार की सुबह पुनः शुरू हुई.
अधिकारियों ने यह जानकारी दी. महाराष्ट्र सरकार ने बुधवार को एमएसआरटीसी को अंतर जिला बस सेवा पुनः शुरू करने की अनुमति दी.
कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए लागू किए गए लॉकडाउन के कारण मार्च में बस सेवा बंद कर दी गई थी.
परिवहन निगम के एक अधिकारी ने बताया कि मुंबई केंद्रीय डिपो से बृहस्पतिवार को पहली बस सुबह साढ़े आठ बजे रत्नागिरी स्थित चिपलून के लिए छह यात्रियों को लेकर निकली.
उन्होंने कहा कि दादर और अन्य स्थानों से और यात्रियों के चढ़ने की उम्मीद है.
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, अंतर जिला बस सेवा बहाल करने के साथ ही महाराष्ट्र सरकार ने राज्य के किसी भी हिस्से में जाने के लिए ई-पास या कोरोना-फ्री सर्टिफिकेट की बाध्यता समाप्त कर दी, जब तक की वो इस बस से यात्रा कर रहे हैं.
प्राइवेट साधनों से एक जिले से दूसरे जिले की यात्रा करने के लिए अब भी ई-पास की जरूरत होगी.
एमएसआरटीसी की ओर से कहा गया है कि मास्क के साथ हर बस पर सिर्फ 22 लोगों को यात्रा की अनुमति होगी. यात्रियों को बसों में यात्रा करते समय कोविड-19 की रोकथाम के लिए सामाजिक दूरी के नियमों का पालन करना होगा.
देश में कोविड-19 से हुई कुल 53,866 मौतों में सबसे अधिक महाराष्ट्र में 21,033 लोगों की जान गई है. बीते 24 घंटे में यहां 346 लोगों की मौत हुई है.
टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार, कड़े लॉकडाउन वाले महीने के दौरान एमएसआरटीसी की बसों ने पांच लाख से अधिक प्रवासी मजदूरों को राज्य की सीमाओं तक पहुंचाया था और कोटा में फंसे महाराष्ट्र के बच्चों को वापस भी लेकर आई थीं. 22 मई से एक जिले के ग्रीन जोन में 1300 बसों में तकरीबन 1.5 लाख लोगों ने यात्रा की है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)