घटना चित्तूर ज़िले के बांदापल्ली स्थित एक निजी डेयरी यूनिट में गुरुवार रात को हुई. पंचायतराज मंत्री ने चित्तूर ज़िला कलेक्टर से घटना की जानकारी मांगी है और जांच के आदेश दिए हैं.
अमरावती: आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले की एक दूध डेयरी इकाई में गुरुवार रात अमोनिया गैस का रिसाव हुआ, जिसकी चपेट में आकर कई लोग बीमार पड़ गए. उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
हिंदुस्तान टाइम्स के रिपोर्ट के मुताबिक अधिकारियों ने बताया कि डेयरी यूनिट से अमोनिया गैस रिसाव के चपेट में आने वाले 14 महिलाओं सहित करीब 20 श्रमिकों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
यह हादसा चित्तूर जिले के पूथलापट्टू ब्लॉक के बांदापल्ली गांव स्थित हटसन डेयरी में रात 9 बजे के करीब हुआ. उस समय प्लांट के अंदर मजदूर वेल्डिंग का काम कर रहे थे. सभी प्रभावित व्यक्ति संविदाकर्मी थे और रात की ड्यूटी के लिए आए थे.
चित्तूर जिला कलेक्टर नारायण भारत गुप्ता ने देर रात संवाददाताओं को बताया कि डेयरी में गैस की चपेट में आने वाले सभी मजदूर हैं, जिनमें से तीन महिलाओं की हालत गंभीर है.
उन्होंने कहा था, ‘हमें जानकारी मिली थी कि पूथलापट्टू के पास हटसन कंपनी की मिल्क प्रोसेस यूनिट में अमोनिया गैस लीक हुई है. उस शिफ्ट में काम कर रहे 14 मजदूरों, जो गैस की चपेट में आ गए थे, उन्हें चित्तूर के सरकारी अस्पताल में भर्ती किया गया है. इनमें से तीन महिलाओं की हालत गंभीर लेकिन स्थिर है. उन्हें तिरुपति के एक अस्पताल में शिफ्ट कर दिया जाएगा.’
14 labourers who were working at the dairy have been shifted to hospital, of them 3 are serious but stable. Tomorrow ground level situation will be reviewed by Industries Dept General Manager & fire department officials: Dr Narayan Bharat Gupta, Chittoor Dist Collector https://t.co/BaWUkq5Cy8 pic.twitter.com/2MizgkaJnl
— ANI (@ANI) August 20, 2020
उन्होंने बताया कि अभी यह सुनिश्चित नहीं हो पाया है कि यह प्रबंधन की लापरवाही से हुआ है या फिर मजदूरों की लापरवाही वजह रही है. गैस के रिसाव के कारणों का पता लगाया जा रहा है. इंडस्ट्रीज़ डिपार्टमेंट के जनरल मैनेजर और फायर डिपार्टमेंट के अधिकारी वहां जाकर जमीनी स्तर पर जांच करेंगे.
वहीं, राज्य के पंचायत राज मंत्री पेद्दिरेड्डी रामचंद्र रेड्डी ने चित्तूर जिला कलेक्टर से घटना की जानकारी मांगी और जांच के आदेश दिए हैं. साथ ही उन्होंने प्रभावित लोगों को बेहतर इलाज देने का निर्देश दिए हैं.
दूसरी ओर पूर्व मंत्री और तेलुगु देशम पार्टी के नेता नारा लोकेश नायडू ने गैस लीक की इस घटना पर चिंता जाहिर की है और प्रभावित लोगों को बेहतर इलाज देने की मांग की.
చిత్తూరు జిల్లా, పూతలపట్టు మండలం బండపల్లి సమీపంలో ఉన్న హాట్ సన్ పాల డెయిరీలో అమ్మోనియం గ్యాస్ లీకేజ్ ఘటనలో 25 మంది కార్మికులు అస్వస్థతకు గురికావడం బాధాకరం. కొంత మంది పరిస్థితి విషమంగా ఉందని సమాచారం. అస్వస్థతకు గురైన అందరికీ వెంటనే మెరుగైన వైద్య సహాయం అందించాలి. pic.twitter.com/R34AVAeEih
— Lokesh Nara (@naralokesh) August 20, 2020
उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘प्लांट से गैस रिसाव की घटना में 25 से ज्यादा लोग स्वास्थ्य संबंधी परेशानी के कारण अस्पताल पहुंचे हैं. उन्हें बेहतर इलाज मिलनी चाहिए.’
आंध्र प्रदेश में चार महीने के भीतर गैस रिसाव से हुआ यह चौथा हादसा है.
बीते 29 जून को आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम शहर के परवादा इलाके में दवा बनाने वाली एक कंपनी में बेंजीन (बेंजीमीडाजोल) गैस का रिसाव होने से दो लोगों की मौत हो गई थी और चार अन्य लोग बीमार हो गए थे.
वहीं, 28 जून को कुरनूल जिले के नंदयाल के पास स्थित एसपीआई एग्रो इंडस्ट्रीज लिमिटेड नाम के फर्टिलाइजर प्लांट में अमोनिया गैस के रिसाव से एक व्यक्ति की मौत हो गई थी.
इस फर्टिलाइजर प्लांट से हो रहे प्रदूषण के कारण स्थानीय लोगों ने इससे पहले प्रदर्शन भी किया था. उनका आरोप है कि प्रदूषण के कारण वे कई तरह की बीमारियों से जूझ रहे हैं. तब आंध्र प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने कंपनी को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया था.
मालूम हो कि इससे पहले विशाखापट्टनम शहर के पास आरआर वेंकटपुरम गांव स्थित एलजी पॉलीमर्स संयंत्र में सात मई को हुए जहरीली स्टाइरीन गैस रिसाव से करीब 11 लोगों की मौत हो गई थी. इस हादसे में करीब 1000 हज़ार लोग प्रभावित हुए थे और आसपास के दो से तीन गांवों को खाली करा दिया गया था.
कुछ लोगों ने इस घटना की तुलना 1984 में हुए भोपाल गैस त्रासदी से किया था, जिसमें करीब 3,500 लोग मारे गए थे. संयुक्त राष्ट्र संघ के एक विशेषज्ञ ने भी विशाखापट्टनम गैस लीक की घटना को भोपाल गैस त्रासदी जैसी बताते हुए कहा था कि यह हादसा ध्यान दिलाता है कि अनियंत्रित उपभोग और प्लास्टिक के उत्पादन से किस तरह मानवाधिकारों का उल्लंघन हो रहा है.