संसद में आवाज़ दबाने का आरोप लगाते हुए मायावती ने राज्यसभा से इस्तीफ़ा दिया

इस्तीफ़े से ठीक पहले संसद में कहा था कि 'मैं जिस समाज से मैं आती हूं उसी की बात सदन में नहीं रख पा रही. मुझे ऐसी सदस्यता नहीं चाहिए. मैं अभी इससे इस्तीफ़ा देती हूं.'

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इस्तीफ़े से ठीक पहले संसद में कहा था कि ‘मैं जिस समाज से मैं आती हूं उसी की बात सदन में नहीं रख पा रही. मुझे ऐसी सदस्यता नहीं चाहिए. मैं अभी इससे इस्तीफ़ा देती हूं.’

Mayawati PTI
फोटो: पीटीआई

बसपा प्रमुख मायावती ने राज्यसभा से इस्तीफा दे दिया है. सोमवार सुबह सत्र की शुरुआत के साथ ही मायावती ने आरोप लगाया था कि वह समाज के जिस वर्ग से संबंध रखती हैं, अगर उन्हें उसी वर्ग की समस्याएं सदन में नहीं उठाने दी जातीं तो उन्हें उच्च सदन में रहने का कोई अधिकार नहीं है और वे राज्यसभा से इस्तीफा दे देंगी.

इस्तीफे के बाद उन्होंने मीडिया से कहा, ‘जब सत्ता पक्ष मुझे अपनी बात कहने का भी समय नहीं दे रहा है तो मेरा इस्तीफा देना ही ठीक है.’

राज्यसभा में मायावती ने सहारनपुर में दलितों के खिलाफ अत्याचार का मुद्दा उठाया और सहारनपुर हिंसा को दलितों पर साजिशन हमला बताया. सदन में अपनी बात रखने के लिए कम समय देने की वजह से नाराज मायावती ने इस्तीफा देने की बात कही और सदन से बाहर चली गईं. उनके समर्थन में कांग्रेस के सभी सदस्यों ने भी सदन से वॉकआउट किया.

सदन से बाहर आकर मायावती ने पत्रकारों से कहा कि सहारनपुर में हिंसा के बाद वे इजाजत लेकर वहां गई थीं. उन्हें हेलीकॉप्टर से जाने की अनुमति नहीं दी गई. बाद में वे सड़क मार्ग से सहारनपुर गईं. मायावती ने आरोप लगाया कि दलितों पर अत्याचार के बाद हमें शब्बीरबुर जाने से रोका गया था.

कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, उनकी पार्टी के नेता सतीश चंद्र मिश्रा और कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने उन्हें समझाने की कोशिश की लेकिन मायावती नहीं मानी और इस्तीफा दे दिया.