तीन बार पाकिस्तान के प्रधानमंत्री रह चुके नवाज़ शरीफ़ भ्रष्टाचार के एक मामले में सात साल की सज़ा काट रहे हैं. इलाज के लिए उन्हें चार हफ़्ते के लिए विदेश जाने की इजाज़त मिली थी. पिछले साल दिसंबर में यह अवधि ख़त्म हो चुकी है. तब से शरीफ़ लंदन से वापस नहीं लौटे हैं.
इस्लामाबाद/लाहौर: पाकिस्तान सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को ‘भगोड़ा’ घोषित कर दिया है और उनके प्रत्यर्पण के लिए ब्रिटिश सरकार से संपर्क किया गया है. वह इलाज के लिए फिलहाल लंदन में हैं.
जवाबदेही एवं आंतरिक मामलों पर पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के सलाहकार शहजाद अकबर ने बताया कि मेडिकल आधार पर 70 वर्षीय शरीफ की चार हफ्तों की जमानत की अवधि पिछले साल दिसंबर में समाप्त हो गई.
नवाज शरीफ को अल-अज़ीज़िया भ्रष्टाचार के मामले में यह जमानत दी गई थी, जिसमें वे लाहौर के कोट लखपत जेल में 7 साल की सजा काट रहे थे.
अकबर के हवाले से डॉन न्यूज ने शनिवार को बताया, ‘सरकार उन्हें (शरीफ को) एक भगोड़ा मान रही है और उनके प्रत्यर्पण के लिए ब्रिटिश सरकार को एक अनुरोध भेजा जा चुका है.’
शरीफ पाकिस्तान के तीन बार प्रधानमंत्री रहे हैं.
भ्रष्टाचार के एक मामले में शरीफ को एक जवाबदेही अदालत ने कैद की सजा सुनाई थी. इस साल अप्रैल में उनके खिलाफ गिरफ्तारी वॉरंट जारी किया गया था.
शरीफ ने पिछले हफ्ते लाहौर की एक अदालत को सूचना दी कि वह देश लौटने में असमर्थ हैं, क्योंकि उनके डॉक्टरों ने उन्हें कोरोना वायरस महामारी के चलते वहां नहीं जाने को कहा है.
शरीफ ने अपने वकील के जरिये लाहौर हाईकोर्ट को अपनी मेडिकल रिपोर्ट सौंपी और कहा कि डॉक्टरों ने उन्हें महामारी के चलते बाहर नहीं जाने की सलाह दी है, क्योंकि उनके खून में प्लेटलेट कम है, वह मधुमेह, हृदय, किडनी और रक्तचाप से जुड़ी समस्याओं से ग्रसित हैं.
अकबर ने कहा कि सरकार राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो से शरीफ के प्रत्यर्पण की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने को कहेगी और वह शहबाज शरीफ की गारंटी की कानूनी वैधता पर भी गौर कर रही है, जो अपने बड़े भाई को इलाज के बाद अपने साथ पाकिस्तान लाने वाले हैं.
सोशल मीडिया पर एक नई तस्वीर साझा किए जाने के बाद उनकी यह टिप्पणी आई है. तस्वीर में यह दिख रहा है कि शरीफ लंदन की सड़कों पर अपने बेटे हसन नवाज के साथ एक छाता लिए टहल रहे हैं.
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के सलाहकार शहजाद अकबर के हवाले से खबर में कहा गया है, ‘लंदन की सड़कों पर घूमने की उनकी तस्वीरें न्यायपालिका के मुंह पर एक तमाचा है और सरकार इसकी अनुमति नहीं दे सकती. इसमें कुछ भी व्यक्तिगत नहीं है. हम सिर्फ कानून लागू करने और इसकी जरूरतें पूरी करने की कोशिश कर रहे हैं. ’
शरीफ इलाज के लिए लंदन में हैं. शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली में समस्या का पता चलने के बाद वह पिछले साल नवंबर में ब्रिटेन गए थे. लाहौर हाईकोर्ट ने इलाज के लिए उन्हें चार हफ्ते के लिए विदेश जाने की इजाजत दी थी.
अकबर ने आरोप लगाया कि पूर्व प्रधानमंत्री ने प्रयोगशाला की फर्जी जांच रिपोर्ट सौंपी थी.
उन्होंने ने कहा कि पिछले साल 29 अक्टूबर को अदालत ने शरीफ को पाकिस्तान के अंदर इलाज के लिए आठ हफ्तों की जमानत दी थी और 16 नवंबर को इलाज के लिए विदेश यात्रा पर जाने के लिए उन्हें चार हफ्तों की इजाजत दी गई थी.
उन्होंने कहा कि शरीफ को अदालत एवं पंजाब सरकार को अपने इलाज की प्रक्रिया का ब्योरा साझा कर इलाज से और जांच रिपोर्टों से अपडेट रखने की जरूरत थी, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया.
उन्होंने बताया कि शरीफ ने 19 फरवरी को अपनी जमानत में विस्तार के लिए पंजाब सरकार को अर्जी दी थी.
उन्होंने बताया, ‘एक मेडिकल बोर्ड गठित किया गया था, जिसने शरीफ से मेडिकल प्रक्रिया और जांच रिपोर्टों का ब्योरा मांगा था, लेकिन उनकी ओर से कुछ भी साझा नहीं किया गया.’
उन्होंने बताया कि कानून मंत्रालय, राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो तथा जेल विभाग को उनकी जमानत की अवधि खत्म होने तथा इसमें विस्तार का अनुरोध खारिज होने से अवगत करा दिया गया है.
उन्होंने बताया कि ब्रिटिश सरकार को भी इस घटनाक्रम से अवगत करा दिया गया है, साथ ही उनके प्रत्यर्पण का अनुरोध भी किया गया है.
डॉन न्यूज अखबार की खबर में कहा गया है कि अकबर ने शरीफ की हालिया तस्वीरों पर टिप्पणी करते हुए शहजाद अकबर कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अपने बेटों द्वारा साझा की गई तस्वीरों में बिल्कुल स्वस्थ्य नजर आ रहे हैं.
हालांकि, उनकी बेटी मरयम नवाज ने कहा था कि उनके पिता अत्यधिक जोखिम ग्रस्त रोगी हैं, इसलिए उनके हृदय का ऑपरेशन कोविड-19 के मद्देनजर टाल दिया गया था.
गौरतलब है कि तीन बार प्रधानमंत्री रह चुके शरीफ के खिलाफ भ्रष्टाचार के कई मामले हैं.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)