पहली घटना बांदा ज़िले के अलिहा गांव और दूसरी घटना चिल्ला थाना क्षेत्र के दिघवट की है. एक मज़दूर हरियाणा में ईंट पथाई का काम करते थे, जबकि दूसरे दिल्ली में मज़दूरी करते थे. लॉकडाउन के बाद दोनों अपने अपने घर लौट आए थे.
बांदा: उत्तर प्रदेश के बांदा जिले में अलग-अलग कारणों से दो प्रवासी मजदूरों ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है.
पहली घटना बिसंडा थानाक्षेत्र की है. प्रभारी निरीक्षक अखिलेश मिश्रा ने बृहस्पतिवार को बताया कि क्षेत्र के अलिहा गांव में छोटकू (33) ने अपने मकान के पिछले हिस्से के कमरे में पंखे की हुक से फांसी लगाकर बुधवार को आत्महत्या कर ली.
उन्होंने बताया कि परिजनों की सूचना पर पुलिस ने शव को फंदे से उतारकर पोस्टमॉर्टम करवाया गया है.
एसएचओ ने बताया कि छोटकू हरियाणा में ईंट पथाई का काम किया करते था. लॉकडाउन घोषित होने के बाद वह परिवार के साथ घर लौट आए थे.
अमर उजाला की रिपोर्ट के मुताबिक, मृतक के चाचा कल्लू ने बताया कि घटना के समय पत्नी और बच्चे मझीवां (कमासिन) गांव मायके में थे. घर पर वृद्ध माता-पिता थे. वह मकान के पीछे स्थित कालोनी में सोने चला गया गया था.
दूसरी घटना चिल्ला थानाक्षेत्र की है. प्रभारी निरीक्षक रामाश्रय सिंह ने बताया कि डिघवट गांव के रामबाबू (40) ने अपने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है.
सिंह ने उनकी पत्नी दया के हवाले से बताया कि बुधवार को भोजन में सब्जी न बनने पर मामूली विवाद हुआ था, इसके बाद रामबाबू ने कमरे में जाकर फांसी लगा ली.
पत्नी दया का कहना है कि रामबाबू दिल्ली में मजदूरी करते थे. लॉकडाउन में घर आए थे. आर्थिक तंगी के चलते घर में कलह थी.
थाना इंस्पेक्टर रामाश्रय सिंह ने भी आर्थिक तंगी के चलते आत्महत्या की बात कही है. एसएचओ ने बताया कि रामबाबू दिल्ली में दिहाड़ी मजदूर थे, कोरोना महामारी के दौरान अपने घर लौट आए थे.
बता दें कि उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों से लगातार कोरोना वायरस और लॉकडाउन से बनी परिस्थितियों में आत्महत्या की खबरें आ रही हैं. बांदा जिले में लॉकडाउन के दौरान 20 से अधिक लोगों के आत्महत्या करने की खबरें सामने आ चुकी हैं.
बीते 16 जुलाई को उत्तर प्रदेश के बांदा ज़िले के इंगुआ गांव में लॉकडाउन में मुंबई से लौटे एक मज़दूर ने कथित तौर पर काम न मिलने से परेशान होकर आत्महत्या कर ली थी.
बीते दो जुलाई को मुजफ्फरनगर जिले में 48 वर्षीय ढाबा मालिक ने मंसूरपुर रेलवे स्टेशन के समीप एक ट्रेन के सामने कूदकर आत्महत्या कर ली थी. उनके परिवार ने बताया था कि कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए लगाए लॉकडाउन के दौरान ढाबा बंद होने के कारण कथित तौर पर वह परेशान थे.
बीते 25 जून को बांदा और चित्रकूट जिलों अलग-अलग घटनाओं में तीन लोगों ने आत्महत्या कर ली थी.
बीते 23 जून को बांदा जिले की नगर कोतवाली क्षेत्र के पडुई गांव में एक 23 वर्षीय युवती ने अपने घर के शौचालय में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी.
बीते 19 जून को बांदा जिले के चिल्ला ही महेड़ गांव में एक 17 वर्षीय लड़की ने घर में जहर खाकर आत्महत्या कर ली थी. बीते पांच जून को मुज़फ्फरनगर जिले में लॉकडाउन की वजह से आर्थिक तंगी से परेशान एक गन्ना किसान ने आत्महत्या की थी. उनकी पहचान 50 वर्षीय ओमपाल सिंह के रूप में हुई थी.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)