पाकिस्तान: मुंबई आतंकी हमलों का वित्तपोषण करने के तीन आरोपियों को जेल

2008 के मुंबई आतंकी हमलों के मास्टरमाइंड ठहराए गए संगठन जमात-उद-दावा के तीन नेताओं को पाकिस्तान की एक अदालत ने जेल की सज़ा सुनाई है. इस आतंकी हमले में अमेरिका और अन्य देशों के नागरिकों सहित कुल 160 लोगों की मौत हो गई थी.

(फाइल फोटो: पीटीआई)

2008 के मुंबई आतंकी हमलों के मास्टरमाइंड ठहराए गए संगठन जमात-उद-दावा के तीन नेताओं को पाकिस्तान की एक अदालत ने जेल की सज़ा सुनाई है. इस आतंकी हमले में अमेरिका और अन्य देशों के नागरिकों सहित कुल 160 लोगों की मौत हो गई थी.

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(फोटो: पीटीआई)

लाहौर: भारत और अमेरिका द्वारा मुंबई में 2008 के हमलों के मास्टरमाइंड ठहराए गए संगठन जमात-उद-दावा के तीन नेताओं को पाकिस्तान की एक अदालत ने जेल की सजा सुनाई है.

समाचार एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, वैश्विक वित्तीय निगरानी संस्था फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) द्वारा आतंकी वित्तपोषण पर लगाम लगा पाने में नाकाम रहने पर पाकिस्तान को ब्लैकलिस्ट में डालने की सितंबर में समाप्त हो रही है समयसीमा से पहले यह सजा सुनाई गई है.

ईरान और उत्तर कोरिया के साथ ब्लैकलिस्ट में शामिल होने का मतलब होगा पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों द्वारा वित्तीय मदद नहीं मिल पाएगी. एफएटीएफ ने पाकिस्तान से आतंकवाद का वित्तपोषण करने वालों के खिलाफ मुकदमा चलाने के साथ-साथ आतंकवाद के वित्तपोषण को रोकने और रोकने में मदद करने के लिए कानून बनाने का आह्वान किया है.

जमात-उद-दावा के नेता मलिक जफर इकबाल और अब्दुल सलाम को चार आरोपों में कुल 16.5 साल की सजा सुनाई गई, जबकि एक तीसरे नेता हाफिज अब्दुल रहमान मक्की को एक आरोप में डेढ़ साल कैद की सजा सुनाई गई है.

तीनों दोषी हाफिज सईद के सहयोगी थे, जिन्हें फरवरी में 11 साल की सजा सुनाई गई थी. अब तीनों दोषी पांच साल की और सजा काटेंगे.

बता दें कि हाफिज सईद के संगठन लश्कर-ए-तैयबा को भारत और अमेरिका ने 2008 के मुंबई आतंकी हमलों का जिम्मेदार ठहराया है. इस आतंकी हमले में अमेरिका और अन्य देशों के नागरिकों सहित कुल 160 लोगों की मौत हो गई थी.

सईद और उसके सहयोगियों पर कथित रूप से आतंकवादी गतिविधियों के वित्तपोषण के लिए कई मामलों में मुकदमा चल रहा है, जबकि इकबाल और मक्की को पहले ही कई मामलों में दोषी ठहराया जा चुका है.

रिपोर्ट के अनुसार, 300 मदरसों और स्कूलों, अस्पतालों, एक पब्लिशिंग हाउस और एंबुलेंस सेवाओं का नेटवर्क चलाने वाले सईद का कहना है कि उसका आतंकी संगठनों से कोई संबंध नहीं है. हालांकि आरोप है कि जमात-उद-दावा, लश्कर-ए-तैयबा को वित्तीय मदद मुहैया कराता है.

साल 2011 के एक अमेरिकी प्रतिबंध में जफर इकबाल को लश्कर का सह-संस्थापक और उसकी वित्तीय गतिविधियों का प्रभारी बताया गया था. अब्दुल सलाम को संक्षिप्त अवधियों के दौरान समूह का अंतरिम नेता बताया जाता है, जब हाफिज सईद को मुंबई हमलों के बाद गिरफ्तार किया गया था.