मुख्यमंत्री ई. पलानीस्वामी ने विधायकों की सैलरी बढ़ाने की घोषणा कर दी है. अब राज्य के विधायकों को 55,000 की जगह 1,05,000 रुपये का वेतन मिलेगा.
तमिलनाडु सरकार ने आत्महत्या कर चुके परिजनों के कंकाल के साथ प्रदर्शन कर रहे किसानों की भले न सुनी हो, लेकिन विधायकों की सैलरी में 100 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी कर दी है. समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, मुख्यमंत्री ई. पलानीस्वामी ने विधायकों की सैलरी बढ़ाने की घोषणा कर दी है. अब राज्य के विधायकों को 55,000 की जगह 1,05,000 रुपये का वेतन मिलेगा.
इसके अलावा राज्य सरकार ने विधायकों को मिलने वाले क्षेत्रीय विकास फंड को भी बढ़ाकर 2 करोड़ से 2.6 करोड़ रुपये कर दिया है. सैलरी के अतिरिक्त विधायकों की पेंशन राशि में भी बढ़ा दी है. अब पूर्व विधायकों को 12000 रुपये की जगह 20000 रुपये पेंशन मिलेगी. मुख्यमंत्री ई पलानीस्वामी ने तमिलनाडु विधानसभा में यह घोषणा की है.
Tamil Nadu: CM E Palaniswami announces hike in MLAs' salary, raised to Rs 1,05,000 from Rs 55,000.
— ANI (@ANI) July 19, 2017
तमिलनाडु के सरकार पिछले कुछ महीने से तमिलनाडु से लेकर दिल्ली तक प्रदर्शन कर रहे हैं. 40 दिन धरना देने के बाद तमिलनाडु के मुख्यमंत्री पलानीस्वामी ने किसानों को आश्वासन दिया था कि वे किसानों की समस्याएं दूर करेंगे. इसके बाद किसानों ने 25 मई तक के लिए धरना स्थगित कर दिया था.
अन्य राज्यों की तरह तमिलनाडु में भी किसान कर्ज और फसल खराब होने जैसे कारणों की वजह से लगातार आत्महत्या कर रहे हैं.
लगातार आत्महत्याओं के मद्देनजर किसानों की मांग है कि उनके कर्ज माफ किए जाएं. फसलों के उचित मूल्य दिलाए जाएं. सिंचााई की उचित व्यवस्था हो. तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ने अप्रैल में किसानों से मुलाकात करके वादा किया था कि वे किसानों की मांग पर ध्यान देंगे लेकिन ऐसा नहीं हुआ.
पिछले तीन दिन से तमिलनाडु के किसान फिर से जंतर मंतर पर हैं और आत्महत्या कर चुके किसानों के कंकाल के साथ प्रदर्शन कर रहे हैं. इस आंदोलन की अगुआई कर रहे पी. अय्याकन्नू ने बताया था, ‘तमिलनाडु में पिछले 140 सालों में सबसे खराब सूखा पड़ा है. पिछले चार महीने में करीब 400 किसानों ने खुदकुशी कर ली है. उनकी फसलें बर्बाद हो गई थीं. सूखा राहत के नाम पर सरकार ने हमें तीन हजार रुपये दिए हैं. इतने में हमारा गुजारा कैसे चलेगा. हम यहां पर उन किसानों का कंकाल लेकर यहां दिल्ली आए हैं जिन्होंने पिछले दिनों आत्महत्या की है. हम यह दिखाना चाहते हैं कि केंद्र सरकार हमारी मदद करने में असफल रही है. हमारे हाथ में कटोरा है जो यह बताता है कि हम किसानों के पास अब कुछ नहीं बचा है.’