पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का निधन

पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी बीते 10 अगस्त को कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए थे. नई दिल्ली में सेना के आरआर अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था. वह 84 वर्ष के थे.

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India's Finance Minister Pranab Mukherjee speaks to the media outside his office before submitting his resignation from his post to contest in the Indian presidential election in New Delhi June 26, 2012. REUTERS/Adnan Abidi (INDIA - Tags: POLITICS ELECTIONS) - RTR3465C

पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी बीते 10 अगस्त को कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए थे. नई दिल्ली में सेना के आरआर अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था. वह 84 वर्ष के थे.

India's Finance Minister Pranab Mukherjee speaks to the media outside his office before submitting his resignation from his post to contest in the Indian presidential election in New Delhi June 26, 2012. REUTERS/Adnan Abidi (INDIA - Tags: POLITICS ELECTIONS) - RTR3465C
प्रणब मुखर्जी. (फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: भारत के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का सोमवार को निधन हो गया. वह 84 वर्ष के थे और बीते दिनों कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए थे.

संक्रमित पाए जाने के बाद प्रणब मुखर्जी की ब्रेन सर्जरी की गई थी, जिसके बाद वह कोमा में चले गए थे.

उन्होंने बेटे अभिजीत मुखर्जी ने ट्वीट कर कहा, ‘भारी मन से आपको सूचित कर रहे हैं कि आरआर अस्पताल के डॉक्टरों के तमाम प्रयासों और देश भर के लोगों की प्रार्थनाओं तथा दुआओं के बावजूद मेरे पिता प्रणब मुखर्जी का निधन हो गया. मैं आप सबका धन्यवाद देता हूं.’

https://twitter.com/ABHIJIT_LS/status/1300407074560471041

बीते 10 अगस्त को पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के कोरोना वायरस से संक्रमित होने का पता चला था. उन्होंने ट्वीट कर खुद इस बात की जानकारी दी थी और उनके संपर्क में आए लोगों से खुद को आइसोलेट करने और कोरोना टेस्ट कराने का आग्रह किया था.

उन्हें राजधानी नई दिल्ली में सेना के आरआर अस्पताल में भर्ती कराया गया था. सोमवार सुबह ही अस्पताल की ओर से बयान जारी कर कहा गया था कि उनके स्वास्थ्य में लगातार गिरावट आ रही है.

फेफड़ों में संक्रमण की वजह से वह सेप्टिक शॉक (ब्लड प्रेशर काम नहीं करता और शरीर के अंग पर्याप्त ऑक्सीजन पाने में विफल हो जाते हैं) की स्थिति में चले गए थे.

भारत रत्न प्रणब मुखर्जी साल 2012 से 2017 तक भारत के राष्ट्रपति रहे थे.

कई दशक के अपने राजनीतिक जीवन में राष्ट्रपति बनने से पहले प्रणब मुखर्जी सात बार सांसद रह चुके थे. अलग अलग समय में वह कांग्रेस संसदीय दल के मुख्य सचेतक रहने के साथ ही तमाम मंत्रिमंडलों में महत्वपूर्ण मंत्री भी रहे चुके थे.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, कुछ समय के लिए उन्होंने कांग्रेस का साथ छोड़कर वर्ष 1986 में पश्चिम बंगाल में राष्ट्रीय समाजवादी कांग्रेस नाम से अपनी पार्टी भी बना ली थी. तीन साल बाद राजीव गांधी के हस्तक्षेप के बाद इस दल का कांग्रेस में विलय हो गया था.

उनके निधन पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य हस्तियों ने दुख जताते हुए शोक संवेदनाएं प्रकट की हैं.

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने ट्वीट कर कहा है, ‘पूर्व राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी के स्वर्गवास के बारे में सुनकर हृदय को आघात पहुंचा. उनका देहावसान एक युग की समाप्ति है. श्री प्रणब मुखर्जी के परिवार, मित्रजनों और सभी देशवासियों के प्रति मैं गहन शोक-संवेदना व्यक्त करता हूं.’

उन्होंने आगे कहा, ‘असाधारण विवेक के धनी, भारत रत्न श्री मुखर्जी के व्यक्तित्व में परंपरा और आधुनिकता का अनूठा संगम था. पांच दशक के अपने शानदार सार्वजनिक जीवन में अनेक उच्च पदों पर आसीन रहते हुए भी वे सदैव जमीन से जुड़े रहे. अपने सौम्य और मिलनसार स्वभाव के कारण राजनीतिक क्षेत्र में वे सर्वप्रिय थे.’

एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा है, ‘भारत के प्रथम नागरिक के रूप में, उन्होंने लोगों के साथ जुड़ने और राष्ट्रपति भवन से लोगों की निकटता बढ़ाने के सजग प्रयास किए. उन्होंने राष्ट्रपति भवन के द्वार जनता के लिए खोल दिए. राष्ट्रपति के लिए ‘महामहिम’ शब्द का प्रचलन समाप्त करने का उनका निर्णय ऐतिहासिक है.’

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर कहा, ‘भारत रत्न श्री प्रणब मुखर्जी के निधन पर भारत दुख में हैं. उन्होंने हमारे राष्ट्र के विकास पथ पर एक अमिट छाप छोड़ी है. एक विद्वान, एक राजनीतिज्ञ… राजनीति और समाज के हर क्षेत्र द्वारा उनकी सराहना की गई.’

उन्होंने आगे कहा, ‘दशकों के अपने राजनीतिक जीवन के दौरान श्री प्रणब मुखर्जी ने प्रमुख आर्थिक और रणनीतिक मंत्रालयों में लंबे समय तक योगदान दिया. वह एक उत्कृष्ट सांसद थे, हमेशा अच्छी तरह से तैयार, बेहद मुखर और साथ ही मजाकिया.’

एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा, ‘मैं 2014 में दिल्ली में नया था. पहले दिन से मुझे श्री प्रणब मुखर्जी का मार्गदर्शन, समर्थन और आशीर्वाद मिला. मैं हमेशा उसके साथ अपनी बातचीत को संजो कर रखूंगा. पूरे भारत में उनके परिवार, दोस्तों, प्रशंसकों और समर्थकों के प्रति संवेदना. ओम शांति.’

प्रधानमंत्री ने कहा है, ‘भारत के राष्ट्रपति के रूप में श्री प्रणब मुखर्जी ने राष्ट्रपति भवन को आम नागरिकों के लिए और भी अधिक सुलभ बनाया. उन्होंने राष्ट्रपति के घर को सीखने, नवाचार, संस्कृति, विज्ञान और साहित्य का केंद्र बनाया. प्रमुख नीतिगत मामलों पर उनकी बुद्धिमान सलाह मेरे द्वारा कभी नहीं भुलाई जाएगी.’

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा, ‘बहुत दुख के साथ राष्ट्र को हमारे पूर्व राष्ट्रपति श्री प्रणव मुखर्जी के दुर्भाग्यपूर्ण निधन की खबर मिली. उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए मैं देश के लोगों में शामिल हूं. शोक संतप्त परिवार और दोस्तों के प्रति मेरी गहरी संवेदना.’