राष्ट्रीय सांख्यिकीय कार्यालय की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, जून तिमाही में सिर्फ़ कृषि, वानिकी और मत्स्य उद्योग में विकास दर्ज की गई है. तीनों क्षेत्रों में विकास दर 3.4 प्रतिशत रही. साल 1996 में जीडीपी वृद्धि के तिमाही आंकड़े देने की शुरुआत किए जाने के बाद से यह सबसे ज़्यादा गिरावट है.
नई दिल्ली: कोरोना महामारी और लॉकडाउन का बहुत बुरा प्रभाव भारत की अर्थव्यवस्था और इसके सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) पर देखने को मिला है. चालू वित्त वर्ष 2020-21 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में जीडीपी में 23.9 फीसदी की भारी कमी दर्ज की गई है.
सोमवार को राष्ट्रीय सांख्यिकीय कार्यालय (एनएसओ) की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, पिछले वित्त वर्ष 2019-20 की पहली तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर 5.2 फीसदी रही थी. अधिकांश रेटिंग एजेंसियों ने चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही की जीडीपी में गिरावट का अनुमान जताया था.
एनएसओ द्वारा जारी आंकड़े बताते हैं कि पहली तिमाही में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में वृद्धि दर (सकल मूल्य वर्धन या जीवीए) 39.3 फीसदी की गिरावट, निर्माण क्षेत्र में 50.3 फीसदी की गिरावट, उद्योग में 38.1 फीसदी की गिरावट, खनन क्षेत्र में 23.3 प्रतिशत की गिरावट और सेवा क्षेत्र में 20.6 प्रतिशत की गिरावट आई है.
आंकड़ों के अनुसार, बिजली, गैस, पानी की सप्लाई और अन्य उपयोगी सेवाओं में सात प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है. इसके अलावा व्यापार, होटल, यातायात, संचार और प्रसारण से जुड़ीं अन्य सेवाओं में 47 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है.
आंकड़े बताते हैं कि जून तिमाही में सिर्फ कृषि, वानिकी और मत्स्य उद्योग में विकास दर्ज की गई है. तीनों क्षेत्र 3.4 प्रतिशत वृद्धि दर के गवाह रहे हैं.
जो पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले अधिक है. वित्त वर्ष 2019-20 की इस अवधि में इन तीनों क्षेत्रों की वृद्धि दर 3.0 प्रतिशत रही थी.
इससे पहले बीते वित्त वर्ष 2019-20 की चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च) में जीडीपी की वृद्धि दर घटकर 3.1 फीसदी पर आ गई थी. यह 2008-09 के बाद जीडीपी की वृद्धि दर का सबसे कमजोर आंकड़ा था. साल 2008-09 में आर्थिक वृद्धि दर 3.1 प्रतिशत रही थी.
मौजूदा वित्त वर्ष के जीडीपी आंकड़े और अधिक चौंकाने वाले हैं. एनडीटीवी के मुताबिक, साल 1996 में जीडीपी वृद्धि के तिमाही आंकड़े देने की शुरुआत किए जाने के बाद से यह सबसे ज़्यादा गिरावट है.
इस बीच चीन की अर्थव्यवस्था में अप्रैल-जून तिमाही में 3.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जबकि जनवरी-मार्च 2020 तिमाही में 6.8 प्रतिशत की गिरावट आई थी.