राजग में शामिल पार्टी के सांसद का सवाल, क्या किसान आतंकवादी हैं? विपक्ष ने कहा, पहले फ़सलों के दाम दोगुना करने का वादा किया, अब किसानों पर गोली चला रही है सरकार.
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने किसानों के मुद्दे पर मोदी पर सरकार तीखा हमला बोला. राजस्थान के बांसवाड़ा में ‘किसान आक्रोश रैली’ को संबोधित करते हुए कहा कि जीएसटी के लिए संसद को रात को 12 बजे खोला जा सकता है, मगर किसानों के मुद्दे पर एक मिनट बात नहीं हो सकती, ये है भाजपा की सच्चाई. दूसरी तरफ संसद में किसानों की समस्यओं को लेकर विपक्ष ने सरकार पर जोरदार हमला बोला.
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने भाजपा नीत राजग सरकार पर लोकसभा में किसानों के लिए बोलने का समय नहीं देने का आरोप लगाते हुए कहा कि उनकी पार्टी राजस्थान के किसानों के कर्जे माफ करवाने के लिए सड़क पर उतरेगी.
GST के लिए Parliament रात को 12 बजे खोला जा सकता है, मगर किसानों के मुद्दे पर एक मिनट बात नहीं हो सकती, ये है BJP की सच्चाई
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) July 19, 2017
गांधी ने बांसवाड़ा में एक कालेज के मैदान में किसान आक्रोश रैली को संबोधित करते हुए कहा कि केंद्र सरकार के पास किसान, युवाओं, छोटे व्यापारियों, दलितों के लिए समय नहीं है, केवल देश के बडे़ पचास उद्योगपतियों के लिए समय है.
उन्होंने कहा कि लोकसभा में किसानों के दर्द को बयां करने के लिए समय मांगा लेकिन इस मुददे पर बोलने के लिए समय नहीं दिया गया. मैंने दो-तीन घंटे का नहीं केवल दस-पंद्रह मिनट का समय आप किसानों के लिए मांगा था लेकिन मुझे बोलने के लिए एक मिनट का समय भी नहीं दिया गया.
उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने कर्नाटक और पंजाब में किसानों के कर्ज माफ कर दिए हैं. उत्तर प्रदेश में भी योगी सरकार ने कांग्रेस की वजह से किसानों का कर्ज माफ किया है. कांग्रेस ने किसानों के कर्जे माफ करने के लिए उत्तर प्रदेश में रैलियां, सभाएं और यात्रा करके सरकार पर दवाब बनाया. कांग्रेस द्वारा बनाए गए दवाब के कारण ही सरकार ने किसानों का कर्जा माफ किया.
भारत की पहचान किसानों से है, भाषण से नहीं
कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दो बडे़ वायदे किए. किसानों की मदद और दो करोड़ युवाओं को रोजगार देने का. लेकिन इनका क्या हुआ सबके सामने है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री को यह अच्छी तरह से जान लेना चाहिए कि विदेशों में भारत की पहचान किसानों की गाढ़ी मेहनत और पसीने बहाने से है, न कि भाषण से. हिन्दुस्तान खड़ा है तो किसानों की वजह से न कि भाषणों के कारण.
गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से किसानों के कर्जे माफ करने, फसल का उचित एवं समर्थन मूल्य दिलवाने, बिजली के बिल माफ करने की मांग करते हुए कहा कि देश का किसान, छोटा व्यापारी, दलित और आम नागरिक दुखी है. उन्होंने कहा कि देश के दो करोड़ किसानों ने प्रधानमंत्री को लिखित में अपना कर्जा माफ करने, बिजली का बिल माफ करने और फसल का उचित मूल्य दिलवाने की मांग की है लेकिन उनका ध्यान इस तरफ नहीं है.
लोकसभा में किसानों पर चर्चा के लिए कांग्रेस पार्टी ने कुछ समय माँगा, PM मोदी भी मौजूद थे, लेकिन हमें एक मिनट भी नहीं दिया गया#KisaanAakrosh pic.twitter.com/iCCr4kEEgn
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) July 19, 2017
राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस ने किसानों के कर्जे माफ किए हैं. उन्होंने कार्यकर्ताओं से राजस्थान में किसानों के कर्ज माफी के लिए बड़ा आंदोलन शुरू करने के निर्देश देते हुए कहा कि जब भी आप मुझे जहां बुलाएंगे मैं आउंगा. किसानों के कर्ज माफी के लिए राजस्थान में यात्रा निकालें, रैली निकालें, सबके लिए मैं तैयार हूं. राजस्थान के किसानों का जब तक कर्ज माफ नहीं होगा राजस्थान की मुख्यमंत्री को सोने नहीं देंगे.
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार किसानों की अनदेखी कर रही है. बैंक देश के बडे़ उद्योगपतियों के लिए है, लेकिन किसानों, युवाओं, मजदूरों के लिए बैंक में जगह नहीं है. उन्होंने कहा कि यह देश अमरीका के राष्ट्रपति का नहीं है बल्कि किसानों, छोटे व्यापारियों, मजदूरों, जनता का है.
गांधी ने मेक इन इंडिया के नारे को धोखा बताते हुए कहा कि एक तरफ किसान दुखी हैं, दूसरी तरफ न युवाओं को रोजगार मिला, यह नारा थोथा, झूठा है. बिना रोजगार के यह देश आगे नहीं बढ़ सकता. जब युवाओं को रोजगार नहीं मिल रहा है तो यह देश आगे कैसे बढे़गा. उन्होंने कहा कि किसानों के लिए हमारा संघर्ष जारी रहेगा, यदि हम सरकार में होते तो भाषण की जरूरत नहीं होती. जब तक राजस्थान के किसानों का कर्जा माफ नहीं होगा हमारा संघर्ष जारी रहेगा.
कांग्रेस उपाध्यक्ष ने जीएसटी को जल्दबाजी लागू करने का जिक्र करते हुए कहा, हमने इस मुददे पर विचार विमर्श के तीन चार महीने का समय मांगा लेकिन उन्होंने ध्यान नहीं दिया, हमारे अनुरोध को मंजूर नहीं करके रात के बारह बजे संसद का सत्र बुलाकर इसे लागू करवा दिया. उन्होंने कहा कि जीएसटी की वजह से छोटे व्यापारी परेशान हैं.
मोदी सरकार से सवाल, क्या किसान आतंकवादी हैं?
मध्य प्रदेश के मंदसौर में पिछले दिनों किसानों पर हुई गोलीबारी का मुद्दा लोकसभा में उठाते हुए सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल पार्टी के एक नेता ने सरकार को घेरने का प्रयास किया और भाजपा सदस्यों के टोकाटोकी करने पर सवाल किया कि क्या किसानों के मुद्दे उठाना गुनाह है? उन्होंने सरकार से जानना चाहा कि क्या किसान आतंकवादी हैं जो हम सदन में उनकी बात नहीं उठा सकते?
लोकसभा में शून्यकाल के दौरान राजग सरकार को समर्थन देने वाली पार्टी स्वाभिमान पक्ष के सदस्य राजू शेट्टी ने कहा कि मध्य प्रदेश के मंदसौर में अपनी मांगों को उठाने वाले किसानों पर गोलीबारी की गई और एक किसान की थाने में पीट पीट कर हत्या कर दी गई.
मध्य प्रदेश के कुछ भाजपा सदस्यों ने जब उनकी इस बात का विरोध किया तो राजू शेट्टी ने कहा, आप मुझे मत सिखाओ. मैं किसानों के मुद्दे पर राजनीति नहीं कर रहा हूं.
महाराष्ट्र में किसानों से जुड़े स्वाभिमानी शेतकारी संगठन को चलाने वाले शेट्टी ने कहा कि वह पिछले 25 सालों से किसानों से जुड़े हैं लेकिन मंदसौर में किसानों पर जो बर्बरता की गई, वैसा उन्होंने कभी नहीं देखा. भाजपा सदस्यों की टीका-टिप्पणी पर शेट्टी ने कहा, मुझे किसानों के बारे में बोलने का अधिकार है.
उन्होंने साथ ही कहा कि सत्ता की जिस कुर्सी पर भाजपा बैठी है, उसका श्रेय उनकी पार्टी को भी जाता है क्योंकि उसने भी भाजपा को सत्ता में लाने के लिए वोट मांगे थे. उन्होंने कहा कि किसानों पर अत्याचार हो रहा है और उन्हें इस विषय पर बोलने नहीं दिया जा रहा है. उन्होंने सत्ता पक्ष से सवाल किया कि क्या किसान आतंकवादी हैं.
उन्होंने इस मामले की सीबीआई से जांच कराने की मांग करते हुए कहा कि वर्ष 2014 के लोकसभा के चुनाव प्रचार में नरेंद्र मोदी ने कहा था कि यदि कांग्रेस को हराकर भाजपा को सत्ता में लाओगे तो किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य दिया जाएगा. कुछ देर बाद शेट्टी सदन से बाहर चले गए.
किसानों के मुद्दे पर विपक्ष का लोकसभा से वाकआउट
लोकसभा में कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, वाम दलों और राजद के सदस्यों ने देश में किसानों की समस्याओं के मुद्दे को उठाने का प्रयास किया और लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन द्वारा इस विषय पर अलग से चर्चा कराने की बात कहे जाने के बाद भी विपक्ष ने असंतोष जताते हुए सदन से वाकआउट किया.
सदन में आवश्यक दस्तावेज रखवाने के बाद जब अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने शून्यकाल शुरू करने का निर्देश दिया तभी सदन में कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने देश में किसानों की समस्या के मुद्दे को उठाने का प्रयास किया. हालांकि स्पीकर ने उन्हें एजेंडे के अनुरूप प्रस्तावित नियम-193 के तहत देश में खेती के विषय पर होने वाली चर्चा में इस विषय को उठाने को कहा.
बहरहाल खड़गे अपनी बात कहते रहे.
उन्होंने कहा कि पूरे देश में किसान बड़ी संख्या में आत्महत्या कर रहे हैं. उन्होंने किसानों की कर्ज माफी और उन्हें लागत पर 50 प्रतिशत वृद्धि के साथ न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) दिए जाने की मांग की.
इस पर संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने कहा कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार किसानों के मुद्दे को प्राथमिकता के साथ देख रही है और उसने ही फसल बीमा योजना जैसी कई योजनाएं शुरू की हैं.
उन्होंने कहा कि विपक्ष समेत सभी सदस्य नियम 193 के तहत चर्चा कर लें. सरकार हर सवाल का जवाब देने को तैयार है. हालांकि कांग्रेस, वाम दल और राजद समेत विपक्ष के सदस्य अपने स्थान पर खड़े होकर अपनी बात रखते रहे. खड़गे ने भी अपनी बात कहना जारी रखा.
इस पर लोकसभा अध्यक्ष ने कहा, हल्ला-गुल्ला से किसी बात का निष्कर्ष नहीं निकलता. पूरी चर्चा होगी और सभी को पूरा मौका मिलेगा. हालांकि विपक्षी सदस्यों ने असंतोष प्रकट किया और नारेबाजी करते हुए उन्होंने सदन से वाकआउट किया.
अन्नदाता आत्महत्या करने के लिए मजबूर
राज्यसभा में विपक्षी पार्टियों के सदस्यों ने देश में अन्न संकट के मुद्दे को जोरदार तरीके से उठाते हुए कहा कि शून्य आयात शुल्क जीरो ड्यूटी इम्पोर्ट की वजह से किसानों को अपनी फसल औने पौने दामों में बेचनी पड़ रही है और देश का अन्नदाता आत्महत्या करने के लिए मजबूर हो रहा है.
उच्च सदन की बैठक शुरू होने के तत्काल बाद ही सदस्यों ने किसानों का मुद्दा उठाया. इस मुद्दे पर कार्यवाही स्थगित कर चर्चा करने के लिए कई सदस्यों ने नियम 267 के तहत नोटिस दिए थे. उप सभापति पीजे कुरियन ने बताया कि इस मुद्दे पर नियम 267 के तहत चर्चा करने के लिए उन्हें कांग्रेस के आनंद शर्मा, प्रमोद तिवारी, जदयू के शरद यादव, सपा के राम गोपाल यादव और नरेश अग्रवाल के नोटिस मिले हैं.
हर दिन 15 से 20 किसान आत्महत्या कर रहे हैं
कुरियन ने कहा कि इस मुद्दे पर चर्चा के लिए मंजूरी दी जा चुकी है और जब बहस होगी तब सदस्य अपनी बात रख सकते हैं.
इससे पहले यह मुद्दा उठाते हुए जदयू के शरद यादव ने कहा कि हर दिन कम से कम 15 से 20 किसान आत्महत्या कर रहे हैं. किसानों ने विषम हालात में भी दालों का उत्पादन 33 फीसदी बढ़ाया लेकिन सरकार ने आयात शुल्क शून्य कर दिया जिससे सस्ती दालों की खेप देश में आने लगी. इसकी वजह से किसान अपने उत्पाद को औने पौने दामों में बेचने पर मजबूर हो गए.
कांग्रेस के दिग्विजय सिंह ने कहा कि किसानों को उनके उत्पाद के उचित मूल्य के बजाय गोलियां मिल रही हैं. उन्होंने कहा कि सरकार का ध्यान आकृष्ट करने के लिए देश भर से किसानों के प्रतिनिधि राजधानी दिल्ली आकर जंतर मंतर पर धरना दे रहे हैं.
अन्य दलों के सदस्यों ने भी इस मुद्दे पर अपनी बात रखनी चाही लेकिन उप सभापति ने कहा कि इस मुद्दे पर चर्चा के लिए जब मंजूरी दी जा चुकी है तब सदस्यों को बहस के दौरान ही अपने अपने मुद्दे उठाने चाहिए.
किसानों को गोलियों से छलनी कर रही है सरकार
मंदसौर में पिछले दिनों आंदोलनरत किसानों पर गोलीबारी की घटनाओं पर केंद्र सरकार को आड़े हाथ लेते हुए कांग्रेस ने आरोप लगाया कि सत्ता में आने के बाद किसानों की आय दोगुनी करने का वादा करने वाली मोदी सरकार आज हक मांगने पर किसानों के सीनों को गोलियों से छलनी कर रही है. उन्होंने पूरे देश में किसानों का कर्ज माफ करने और स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट के आधार पर न्यूनतम समर्थन मूल्य का निर्धारण करने की मांग भी की.
कांग्रेस के वरिष्ठ सदस्य ज्योतिरादित्य सिंधिया ने देश में कृषि क्षेत्र की स्थिति पर लोकसभा में नियम 193 के तहत चर्चा की शुरुआत करते हुए मध्य प्रदेश के मंदसौर में आंदोलनरत किसानों पर कथित पुलिस गोलीबारी का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि 2014 के आम चुनाव से पूर्व उस समय प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार और आज के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दावा किया था कि राजग सत्ता में आई तो किसानों की आय को दोगुना कर देगी लेकिन आय दोगुनी होना तो दूर, आज किसानों को अपना हक मांगने पर उनके सीनों को गोलियों से छलनी किया जा रहा है.
किसानों के लिए समय नहीं था लेकिन योग करने का समय था
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी देश विदेश की तमाम दुर्घटनाओं पर ट्वीट कर शोक प्रकट करते हैं लेकिन मंदसौर की घटना पर उन्होंने कोई ट्वीट नहीं किया. उन्होंने सदन में मौजूद कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह पर कटाक्ष करते हुए कहा कि मंत्री को गोलीबारी में मारे गए किसानों के घरों में सांत्वना देने के लिए जाने का समय नहीं था लेकिन उनके पास बाबा रामदेव के साथ योग करने का समय जरूर था.
सिंधिया ने कहा कि आज उत्तर प्रदेश से लेकर गुजरात, तमिलनाडु और महाराष्ट्र तक देश के कोने कोने में किसानों में असंतोष का माहौल है. उन्होंने केंद्र सरकार की महत्वपूर्ण परियोजना स्मार्ट सिटी के संबंध में कहा कि यदि स्मार्ट सिटी में बनने वाली अट्टालिकाओं की नींव कमजोर होगी तो ये विशाल इमारतें ढह जाएंगी और इनकी नींव है किसान.
भाजपा सदस्यों द्वारा किसानों की हालत के लिए कांग्रेस सरकारों के पिछले 50 साल के राज को जिम्मेदार ठहराए जाने पर सिंधिया ने सत्ता पक्ष से कहा, कब तक रियर व्यू में देखकर गाड़ी चलाते रहोगे. आगे देखकर गाड़ी चलाइए.
सिंधिया ने मांग की कि मंदसौर कांड के आरोपियों पर आपराधिक मामले चलाए जाएं. उन्होंने कुछ प्रदेशों में किसान कर्ज माफी की योजना की तरह पूरे देश में किसानों का ऋण माफ करने की मांग भी सरकार से की. कांग्रेस सांसद ने यह मांग की कि स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट के अनुसार न्यूनतम समर्थन मूल्य का निर्धारण किया जाए.
सिंचाई योजना की एक भी परियोजना पूरी नहीं हुई
संसद की एक समिति ने इस बात पर निराशा व्यक्त की है कि प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना की 8214 परियोजनाओं में से भूमि संसाधन विभाग द्वारा आज तक एक भी परियोजना को आधिकारिक रूप से समाप्त हुआ घोषित नहीं किया गया है.
लोकसभा में आज पेश ग्रामीण विकास मंत्रालय से जुड़ी प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना विकास घटक विषय पर रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के अनुमोदन के बाद एकीकृत पनधारा प्रबंधन कार्यक्रम को इसके एक घटक के रूप में मिला लिया गया. अब एकीकृत पनधारा प्रबंधन कार्यक्रम को एक जुलाई 2015 से डब्ल्यूडीसी प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के रूप में कार्यान्वित किया गया है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि समिति के लिए यह अत्यंत निराशा की बात है कि डब्ल्यूडीसी प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना की 8214 परियोजनाओं में से भूमि संसाधन विभाग द्वारा आज तक एक भी परियोजना को आधिकारिक रूप से समाप्त हुआ घोषित नहीं किया गया है. यह प्रदर्शन पनधारी विकास के लिए जारी सामान्य दिशानिर्देशों के अनुसार परियोजनाओं को पूरा करने की निर्धारित समयावधि के विपरीत है.
समिति का यह दृढ़ मत है कि डब्ल्यूडीसी के अंतर्गत आने वाली परियोजनाएं वर्षा आधारित कृषि क्षेत्रों के विकास के लिए नितांत आवश्यक हैं. समिति भूमि संसाधन विभाग के रवैये को देकर क्षुब्ध है. अत: समिति यह पुरजोर सिफारिश करती है कि भूमि संसाधन विभाग द्वारा डब्ल्यूडीसी प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत चालू परियोजनाओं को त्वरित गति से पूरा करने के पुरजोर प्रयास किये जाएं.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)